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सरकार का आईटीआर फार्म में संशोधनों का इरादा नहीं: सूत्र

वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि वित्तीय लेनदेन के बयान (एसएफटी) के तहत किसी भी जानकारी के विस्तार का मतलब यह होगा कि आयकर विभाग को ऐसे उच्च मूल्य के लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाएगी.

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Published : Aug 17, 2020, 1:12 PM IST

सरकार का आईटीआर फार्म में संशोधनों का इरादा नहीं: सूत्र
सरकार का आईटीआर फार्म में संशोधनों का इरादा नहीं: सूत्र

नई दिल्ली: करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में उच्च मूल्य के लेनदेन का ब्यौरा नहीं देना होगा और सरकार आईटीआर फार्म में किसी तरह का संशोधन करने पर विचार नहीं कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि वित्तीय लेनदेन के बयान (एसएफटी) के तहत किसी भी जानकारी के विस्तार का मतलब यह होगा कि आयकर विभाग को ऐसे उच्च मूल्य के लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- नागालैंड: अनानास की खेती पर कोरोना का असर, किसानों को भारी नुकसान

सूत्रों ने कहा, "आयकर रिटर्न फॉर्म को संशोधित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "करदाता को अपने रिटर्न में उच्च मूल्य वाले लेनदेन का ब्यौरा देने की जरूरत नहीं होगी."

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आयकर अधिनियम पहले से ही कुछ उच्च मूल्य लेनदेन के लिए पैन / आधार के उद्धरण के लिए प्रदान करता है.

वर्तमान में उदाहरण के लिए बैंक खातों में उच्च नकदी जमा/निकासी, शेयरों की खरीद, म्यूचुअल फंड, अचल संपत्ति की खरीद आदि के बारे में जानकारी, तीसरे पक्ष द्वारा आई-टी विभाग को सूचित की जाती है.

(कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)

नई दिल्ली: करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में उच्च मूल्य के लेनदेन का ब्यौरा नहीं देना होगा और सरकार आईटीआर फार्म में किसी तरह का संशोधन करने पर विचार नहीं कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि वित्तीय लेनदेन के बयान (एसएफटी) के तहत किसी भी जानकारी के विस्तार का मतलब यह होगा कि आयकर विभाग को ऐसे उच्च मूल्य के लेनदेन की जानकारी वित्तीय संस्थानों द्वारा दी जाएगी.

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सूत्रों ने कहा, "आयकर रिटर्न फॉर्म को संशोधित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "करदाता को अपने रिटर्न में उच्च मूल्य वाले लेनदेन का ब्यौरा देने की जरूरत नहीं होगी."

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आयकर अधिनियम पहले से ही कुछ उच्च मूल्य लेनदेन के लिए पैन / आधार के उद्धरण के लिए प्रदान करता है.

वर्तमान में उदाहरण के लिए बैंक खातों में उच्च नकदी जमा/निकासी, शेयरों की खरीद, म्यूचुअल फंड, अचल संपत्ति की खरीद आदि के बारे में जानकारी, तीसरे पक्ष द्वारा आई-टी विभाग को सूचित की जाती है.

(कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)

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