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आयकर-अधिभार वापसी में घरेलू निवेशकों के साथ कोई भेदभाव नहीं : सीबीडीटी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू निवेशकों की एक सीमा से अधिक की आय पर आयकर-अधिभार की बढ़ी दरों को वापस ले लिया था. सीबीडीटी ने कहा है कि बढ़ा हुआ कर अधिभार वापस लेने से एफपीआई और घरेलू निवेशकों के बीच कोई नया फर्क पैदा नहीं किया गया है.

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Published : Aug 28, 2019, 6:54 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 3:30 PM IST

आयकर-अधिभार वापसी में घरेलू निवेशकों के साथ कोई भेदभाव नहीं : सीबीडीटी

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि निवेशकों के कुछ वर्गों की एक सीमा से अधिक आय पर कर बढ़ा हुआ कर अधिभार वापस लेने से विदेशी फोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू निवेशकों के बीच कोई नया फर्क पैदा नहीं किया गया है.

सीबीडीटी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि कर के मामले में व्यवस्था का फर्क इस बार के बजट से पहले से था. वित्त अधिनियम ,2019, या वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह कर-अधिभार वापस लिए जाने की घोषणा से यह अंतर पैदा नहीं हुआ है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू निवेशकों की एक सीमा से अधिक की आय पर आयकर-अधिभार की बढ़ी दरों को वापस ले लिया था.

सीबीडीटी ने कहा है कि मीडिया के एक वर्ग की रपटों से फैली यह धारणा गलत है कि शुक्रवार के निर्णय से घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए विभेदकारी व्यवस्था बन गयी है.

ये भी पढ़ें - रेनो की एमयूवी ट्राइबर पेश, कीमत 4.95 लाख रुपये से शुरू

बयान में कहा गया है कि 2019 के बजट से पहले भी श्रेणी-तीन के वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ-तृतीय श्रेणी) सहित घरेलू निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को छोड़ दूसरे विदेशी निवेशकों की डेरिवेटिव कारोबार से अर्जित आय को पूंजीगत आय के बजाय कारोबार से हुई आय माना जाता था और उसपर आयकर की सामान्य दरें ही लागू होती थीं.

सीबीडीटी ने कहा है कि इस तरह वित्त मंत्री की घोषणा से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू निवेशकों के लिए कोई अलग अलग व्यवस्था नहीं खड़ी की गयी है.

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि निवेशकों के कुछ वर्गों की एक सीमा से अधिक आय पर कर बढ़ा हुआ कर अधिभार वापस लेने से विदेशी फोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू निवेशकों के बीच कोई नया फर्क पैदा नहीं किया गया है.

सीबीडीटी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि कर के मामले में व्यवस्था का फर्क इस बार के बजट से पहले से था. वित्त अधिनियम ,2019, या वित्त मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह कर-अधिभार वापस लिए जाने की घोषणा से यह अंतर पैदा नहीं हुआ है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू निवेशकों की एक सीमा से अधिक की आय पर आयकर-अधिभार की बढ़ी दरों को वापस ले लिया था.

सीबीडीटी ने कहा है कि मीडिया के एक वर्ग की रपटों से फैली यह धारणा गलत है कि शुक्रवार के निर्णय से घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए विभेदकारी व्यवस्था बन गयी है.

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बयान में कहा गया है कि 2019 के बजट से पहले भी श्रेणी-तीन के वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ-तृतीय श्रेणी) सहित घरेलू निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को छोड़ दूसरे विदेशी निवेशकों की डेरिवेटिव कारोबार से अर्जित आय को पूंजीगत आय के बजाय कारोबार से हुई आय माना जाता था और उसपर आयकर की सामान्य दरें ही लागू होती थीं.

सीबीडीटी ने कहा है कि इस तरह वित्त मंत्री की घोषणा से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू निवेशकों के लिए कोई अलग अलग व्यवस्था नहीं खड़ी की गयी है.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 3:30 PM IST
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