नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चुनावी वादे के रूप में घोषित 'न्याय योजना' की नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा की गयी आलोचना को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है. आयोग ने उन्हें इस मामले में भविष्य में 'सतर्कता' बरतने की नसीहत दी है.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कुमार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि उनका बयान निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करता है. आयोग ने कुमार के बयान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर जारी आदेश में यह बात कही है.
ये भी पढ़ें- भारत 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य हासिल कर सकता है: नीति रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा घोषित न्याय योजना के तहत देश के 20 करोड़ निर्धन परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72 हजार रुपये देने की आलोचना करते हुए इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक बताया था. बतौर लोकसेवक, उनके बयान से आचार संहिता का उल्लंघन होने की शिकायत पर आयोग द्वारा जारी नोटिस के जवाब में दो अप्रैल को कुमार ने कहा था कि उन्होंने न्याय योजना के बारे में अर्थशास्त्री के तौर पर अपनी निजी राय व्यक्त की थी. कुमार ने कहा था कि उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में बयान नहीं दिया था.
आयोग ने कुमार के जवाब पर नाखुशी जाहिर करते हुये कहा कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधान प्रत्येक लोकसेवक से निर्वाचन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा करते हैं. इसके लिये लोकसेवकों को तटस्थ रवैया अपनाना चाहिए, जिससे चुनाव प्रक्रिया के सभी पक्षकारों के मन में कोई भ्रम पैदा न हो.
आयोग ने कहा, "आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आपके (राजीव कुमार) बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. इसके मद्देनजर आयोग इस पर अपनी नाखुशी जाहिर करते हुये अपेक्षा करता है कि भविष्य में आप इस बारे में सतर्कता बरतेंगे."
न्याय योजना पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बयान से आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव आयोग - आचार संहिता का उल्लंघन
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कुमार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि उनका बयान निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करता है. आयोग ने कुमार के बयान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर जारी आदेश में यह बात कही है.
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चुनावी वादे के रूप में घोषित 'न्याय योजना' की नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा की गयी आलोचना को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है. आयोग ने उन्हें इस मामले में भविष्य में 'सतर्कता' बरतने की नसीहत दी है.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कुमार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए कहा कि उनका बयान निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करता है. आयोग ने कुमार के बयान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर जारी आदेश में यह बात कही है.
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उल्लेखनीय है कि कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा घोषित न्याय योजना के तहत देश के 20 करोड़ निर्धन परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72 हजार रुपये देने की आलोचना करते हुए इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक बताया था. बतौर लोकसेवक, उनके बयान से आचार संहिता का उल्लंघन होने की शिकायत पर आयोग द्वारा जारी नोटिस के जवाब में दो अप्रैल को कुमार ने कहा था कि उन्होंने न्याय योजना के बारे में अर्थशास्त्री के तौर पर अपनी निजी राय व्यक्त की थी. कुमार ने कहा था कि उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में बयान नहीं दिया था.
आयोग ने कुमार के जवाब पर नाखुशी जाहिर करते हुये कहा कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधान प्रत्येक लोकसेवक से निर्वाचन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा करते हैं. इसके लिये लोकसेवकों को तटस्थ रवैया अपनाना चाहिए, जिससे चुनाव प्रक्रिया के सभी पक्षकारों के मन में कोई भ्रम पैदा न हो.
आयोग ने कहा, "आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आपके (राजीव कुमार) बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. इसके मद्देनजर आयोग इस पर अपनी नाखुशी जाहिर करते हुये अपेक्षा करता है कि भविष्य में आप इस बारे में सतर्कता बरतेंगे."
न्याय योजना पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बयान से आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव आयोग
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कांग्रेस के चुनावी वादे के रूप में घोषित 'न्याय योजना' की नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा की गयी आलोचना को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया है. आयोग ने उन्हें इस मामले में भविष्य में 'सतर्कता' बरतने की नसीहत दी है.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कुमार के जवाब को असंतोषजनक बताते हुये कहा कि उनका बयान निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करता है. आयोग ने कुमार के बयान से चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर जारी आदेश में यह बात कही है.
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उल्लेखनीय है कि कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा घोषित न्याय योजना के तहत देश के 20 करोड़ निर्धन परिवारों को न्यूनतम आय के रूप में सालाना 72 हजार रुपये देने की आलोचना करते हुए इसे देश की अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदायक बताया था. बतौर लोकसेवक, उनके बयान से आचार संहिता का उल्लंघन होने की शिकायत पर आयोग द्वारा जारी नोटिस के जवाब में दो अप्रैल को कुमार ने कहा था कि उन्होंने न्याय योजना के बारे में अर्थशास्त्री के तौर पर अपनी निजी राय व्यक्त की थी. कुमार ने कहा था कि उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में बयान नहीं दिया था.
आयोग ने कुमार के जवाब पर नाखुशी जाहिर करते हुये कहा कि चुनाव आचार संहिता के प्रावधान प्रत्येक लोकसेवक से निर्वाचन प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किये जाने की अपेक्षा करते हैं. इसके लिये लोकसेवकों को तटस्थ रवैया अपनाना चाहिए, जिससे चुनाव प्रक्रिया के सभी पक्षकारों के मन में कोई भ्रम पैदा न हो.
आयोग ने कहा, "आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आपके (राजीव कुमार) बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. इसके मद्देनजर आयोग इस पर अपनी नाखुशी जाहिर करते हुये अपेक्षा करता है कि भविष्य में आप इस बारे में सतर्कता बरतेंगे."
Conclusion: