ETV Bharat / business

ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास को गति देने के लिए नई कंपनी की होगी स्थापना

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया पोट्र्स ग्लोबल लि. (आईपीजीएल) को डीपीई दिशानिर्देश से छूट देने को मंजूरी दे दी. हालांकि इसमें आरक्षण और सतर्कता नीति से छूट शामिल नहीं है और ये पहले की तरह लागू होंगी.

author img

By

Published : Feb 26, 2020, 5:42 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 3:53 PM IST

business news, chabahar port, cabinet meeting, india ports global limited, department of public enterprises, कारोबार न्यूज, चाबहार बंदरगाह, इंडिया पोट्र्स ग्लोबल लिमिटेड, लोक उपक्रम विभाग
ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास को गति देने के लिए नई कंपनी की होगी स्थापना

नई दिल्ली: सरकार ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिये बुधवार को लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) दिशानिर्देश से इंडिया पोट्र्स ग्लोबल लि. को छूट देने को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी.

पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया पोट्र्स ग्लोबल लि. (आईपीजीएल) को डीपीई दिशानिर्देश से छूट देने को मंजूरी दे दी. हालांकि इसमें आरक्षण और सतर्कता नीति से छूट शामिल नहीं है और ये पहले की तरह लागू होंगी."

ईरान में चाबहार के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के विकास और प्रबंधन के लिये आईपीजीएल का गठन विशेष उद्देश्यीय इकाई के रूप में किया गया. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (डीपीटी) इसके प्रवर्तक थे.

संयुक्त व्यापक कार्य योजना से अमेरिका के हटने के बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी पाबंदी के प्रभाव से बचने के लिये 29 अक्टूबर 2018 को पोत परिवहन मंत्रालय को जेएनपीटी और डीपीटी को हटाने की सलाह दी.

बयान के अनुसार, "इस सुझाव के आधार पर तथा अधिकार प्राप्त समिति की मंजूरी के साथ जेएनपीटी एंड डीपीटी के सभी शेयर 17 दिसंबर 2018 को सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लि. (एसडीसीएल) ने ले लिये."

ये भी पढ़ें: हुंडई ने ग्रैंड आई10 निओस का नया वेरिएंट किया लॉन्च, कीमत 7.68 लाख रुपये

एसडीसीएल केंद्रीय लोक उपक्रम है और इसीलिए आईपीजीएल सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी की अनुषंगी है और केंद्रीय लोक उपक्रम भी बन गयी. इसके कारण डीपीई के दिशानिर्देश तकनीकी रूप से आईपीजीएल पर भी लागू होते थे.

बयान के अनुसार चूंकि चाबहार बंदरगाह देश की पहली वैश्विक बंदरगाह परियोजना है जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. ऐसे में जरूरी था कि आईपीजीएल निदेशक मंडल प्रबंधन कंपनी के रूप में निरंतर काम करे.

साथ ही पोत परविहन के साथ-साथ विदेश मंत्रालयों के निर्देशों के पालन करते हुए डीपीई के दिशानिर्देश पांच साल के लिये इस पर लागू नहीं हों. इसी के अनुसार पोत परिवहन मंत्रालय ने आईपीजीएल को डीपीई दिशानिर्देश से छूट देने का आग्रह किया था ताकि परियोजना का क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो सके.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सरकार ने चाबहार बंदरगाह परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिये बुधवार को लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) दिशानिर्देश से इंडिया पोट्र्स ग्लोबल लि. को छूट देने को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी.

पोत परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया पोट्र्स ग्लोबल लि. (आईपीजीएल) को डीपीई दिशानिर्देश से छूट देने को मंजूरी दे दी. हालांकि इसमें आरक्षण और सतर्कता नीति से छूट शामिल नहीं है और ये पहले की तरह लागू होंगी."

ईरान में चाबहार के शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के विकास और प्रबंधन के लिये आईपीजीएल का गठन विशेष उद्देश्यीय इकाई के रूप में किया गया. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (डीपीटी) इसके प्रवर्तक थे.

संयुक्त व्यापक कार्य योजना से अमेरिका के हटने के बाद विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी पाबंदी के प्रभाव से बचने के लिये 29 अक्टूबर 2018 को पोत परिवहन मंत्रालय को जेएनपीटी और डीपीटी को हटाने की सलाह दी.

बयान के अनुसार, "इस सुझाव के आधार पर तथा अधिकार प्राप्त समिति की मंजूरी के साथ जेएनपीटी एंड डीपीटी के सभी शेयर 17 दिसंबर 2018 को सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लि. (एसडीसीएल) ने ले लिये."

ये भी पढ़ें: हुंडई ने ग्रैंड आई10 निओस का नया वेरिएंट किया लॉन्च, कीमत 7.68 लाख रुपये

एसडीसीएल केंद्रीय लोक उपक्रम है और इसीलिए आईपीजीएल सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी की अनुषंगी है और केंद्रीय लोक उपक्रम भी बन गयी. इसके कारण डीपीई के दिशानिर्देश तकनीकी रूप से आईपीजीएल पर भी लागू होते थे.

बयान के अनुसार चूंकि चाबहार बंदरगाह देश की पहली वैश्विक बंदरगाह परियोजना है जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. ऐसे में जरूरी था कि आईपीजीएल निदेशक मंडल प्रबंधन कंपनी के रूप में निरंतर काम करे.

साथ ही पोत परविहन के साथ-साथ विदेश मंत्रालयों के निर्देशों के पालन करते हुए डीपीई के दिशानिर्देश पांच साल के लिये इस पर लागू नहीं हों. इसी के अनुसार पोत परिवहन मंत्रालय ने आईपीजीएल को डीपीई दिशानिर्देश से छूट देने का आग्रह किया था ताकि परियोजना का क्रियान्वयन सुचारू रूप से हो सके.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 2, 2020, 3:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.