इसका मतलब यह है कि आईएलएंडएफएस समूह के सड़क, बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं की पहले बिक्री की जाएगी, ताकि संकटग्रस्ट कंपनी की सेहत सुधारी जा सके. एक बार यह प्रकिया पूरी हो जाएगी, फिर समूह के कंपनियों की बिक्री की बात पर विचार किया जाएगा.
परिसंपत्ति-स्तर की समाधान प्रक्रिया को अंतिम रूप कंपनी मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा नामित नए निदेशक मंडल द्वारा दी जा रही है और इस प्रस्ताव को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास भेजा जाएगा, ताकि हितधारकों को अधिकतम रिटर्न प्राप्त हो और कंपनी की माली हालत में सुधार हो.
अवसंरचना दिग्गज ने परिसंपत्ति-स्तर की समाधान प्रक्रिया शुरू कर दी है और उसकी सड़क अवसंरचना कंपनी आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स लि. (आईटीएनएल) ने 22 सड़क परियोजनाओं की बिक्री के लिए एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) आमंत्रित किया है. इसके साथ ही कंपनी ने अपनी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भी ईओआई आमंत्रित किया है, जबकि समूह की ओएनजीसी त्रिपुरा पॉवर कंपनी और आईएलएंडएफएस पारादीप रिफाइनरी वॉटर लि. कंपनी की बिक्री को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
इन परिसंपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद की जा रही है, जिसने सोमवार को आईएलएंडएफएस की 22 कंपनियों और अन्य 139 विदेश स्थित कंपनियों को दिए गए कर्ज स्थगन आदेश को वापस ले लिया था. इससे इनमें से कुछ कंपनियों की बिक्री का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि कर्ज स्थगन आदेश के बाद इन कर्ज से लदी सहायक कंपनियों से कर्ज की वसूली और समाधान पर रोक लग गई थी.
आईएलएंडएफएस द्वारा 91,000 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपनी कंपनियों और परिसंपत्तियों की बिक्री करनी पड़ रही है.
(आईएएनएस)
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