नई दिल्ली : ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने कहा कि कोविड-19 से विद्युत क्षेत्र के करीब 15,000 से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं और करीब 1,000 कर्माचारियों की मौत हुई है.
महाराष्ट्र में विद्युत क्षेत्र के कुल 7,100 कर्मचारियों को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है और करीब 210 की मौत हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश में यह संख्या क्रमश: 4,000 और 140 है.
संगठन के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'देश में कोविड-19 मामलों के अभूतपूर्व रूप से बढ़ने के साथ विद्युत क्षेत्र में काम करने वाले करीब 1,000 कर्मचारियों की इस बीमारी से मौत हुई है जबकि 15,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बीमारी का संक्रमण हुआ है.'
बयान के अनुसार मृतकों की सूची में कम से कम तीन मुख्य अभियंता (उत्तर प्रदेश के दो एवं हरियाणा के एक) और उत्तर प्रदेश के नौ अधीक्षण अभियंताओं सहित दो दर्जन से ज्यादा अधीक्षण अभियंता शामिल हैं.
इसमें कहा गया कि हरियाणा में 20 कर्मचारियों की मौत हुई है और 900 कर्मचारियों को संक्रमण हुआ है. पंजाब में यह संख्या क्रमश: 20 और 700 है.
एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय विद्युत मंत्री आर के सिंह को पत्र लिखकर सभी राज्यों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वे प्राथमिकता के आधार पर विद्युत कर्मचारियों के लिए टीकाकरण शिविर लगाएं और उन्हें अग्रिम पंक्ति के कर्मी माना जाए.
एआईपीएफ ने राज्य सरकारों से इसे लेकर सीधी अपील भी की है.
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केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के निर्देशानुसार एनटीपीसी और पावर ग्रिड जैसे विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक उद्यम पहले ही अपने कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के लिए विशेष टीकाकरण शिविर शुरू कर चुके हैं.
संगठन ने कोविड-19 से मरने वाले हर कर्मचारी के परिवार के लिए 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की भी मांग की है.