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2018 में किसानों की तुलना में बेरोजगारों और स्वरोजगार वाले लोगों ने अधिक आत्महत्याएं की

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार उस साल 12,936 बेरोजगारों ने और स्वरोजगार से जुड़े 13,149 लोगों ने खुदकुशी की. यह आंकड़ा कृषि क्षेत्र से जुड़े खुदकुशी करने वाले 10,349 लोगों की तुलना में अधिक है.

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Published : Jan 18, 2020, 4:55 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 7:10 PM IST

किसानों की तुलना में 2018 में बेरोजगारो और स्व-नियोजित लोगों ने की ज्यादा आत्महत्या: एनसीआरबी
किसानों की तुलना में 2018 में बेरोजगारो और स्व-नियोजित लोगों ने की ज्यादा आत्महत्या

नई दिल्ली: एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 2018 में प्रतिदिन औसतन 35 बेरोजगारों और स्वरोजगार से जुड़े 36 लोगों ने खुदकुशी की. इसके साथ ही इन दोनों श्रेणियों को मिलाकर उस साल 26,085 लोगों ने आत्महत्या की.

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार उस साल 12,936 बेरोजगारों ने और स्वरोजगार से जुड़े 13,149 लोगों ने खुदकुशी की. यह आंकड़ा कृषि क्षेत्र से जुड़े खुदकुशी करने वाले 10,349 लोगों की तुलना में अधिक है.

एनसीआरबी के मुताबिक 2018 में आत्महत्या के 1,34,516 मामले सामने आये जो 2017 की तुलना में 3.6 फीसद अधिक है. उस वर्ष आत्महत्या की दर 2017 की तुलना 0.3 फीसद बढ़ गयी. आत्महत्या दर प्रति एकलाख पर होने वाली आत्महत्याएं हैं.

एनसीआरबी ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा, "ऐसा कदम उठाने वाली कुल (42,391) महिलाओं में गृहणियां 54.1 फीसद यानी (22,937) हैं. ऐसा कदम उठाने वाले कुल लोगों में वे करीब 17.1 फीसद हैं."

ये भी पढ़ें: प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटाने के लिए गोयल से मिलेंगे: शरद पवार

रिपोर्ट के मुताबिक, "1,707 सरकारी कर्मचारियों ने खुदकुशी की जो आत्महत्या करने वाले कुल लोगों में 1.3 फीसद हैं, निजी क्षेत्रों में नौकरी करने वाले 5246 लोगों ने आत्महत्या की जो कुल संख्या का 6.1 फीसद है. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के 2022 कर्मचारियों ने खुदकुशी कर ली जो कुल संख्या का 1.5 फीसद है. ऐसा कदम उठाने वाले विद्यार्थियों एवं बेरोजगारों की संख्या क्रमश: 10159 और 12936 हैं जो कुल संख्या का क्रमश: 7.6 और 9.6 फीसद हैं."

नई दिल्ली: एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 2018 में प्रतिदिन औसतन 35 बेरोजगारों और स्वरोजगार से जुड़े 36 लोगों ने खुदकुशी की. इसके साथ ही इन दोनों श्रेणियों को मिलाकर उस साल 26,085 लोगों ने आत्महत्या की.

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार उस साल 12,936 बेरोजगारों ने और स्वरोजगार से जुड़े 13,149 लोगों ने खुदकुशी की. यह आंकड़ा कृषि क्षेत्र से जुड़े खुदकुशी करने वाले 10,349 लोगों की तुलना में अधिक है.

एनसीआरबी के मुताबिक 2018 में आत्महत्या के 1,34,516 मामले सामने आये जो 2017 की तुलना में 3.6 फीसद अधिक है. उस वर्ष आत्महत्या की दर 2017 की तुलना 0.3 फीसद बढ़ गयी. आत्महत्या दर प्रति एकलाख पर होने वाली आत्महत्याएं हैं.

एनसीआरबी ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा, "ऐसा कदम उठाने वाली कुल (42,391) महिलाओं में गृहणियां 54.1 फीसद यानी (22,937) हैं. ऐसा कदम उठाने वाले कुल लोगों में वे करीब 17.1 फीसद हैं."

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रिपोर्ट के मुताबिक, "1,707 सरकारी कर्मचारियों ने खुदकुशी की जो आत्महत्या करने वाले कुल लोगों में 1.3 फीसद हैं, निजी क्षेत्रों में नौकरी करने वाले 5246 लोगों ने आत्महत्या की जो कुल संख्या का 6.1 फीसद है. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के 2022 कर्मचारियों ने खुदकुशी कर ली जो कुल संख्या का 1.5 फीसद है. ऐसा कदम उठाने वाले विद्यार्थियों एवं बेरोजगारों की संख्या क्रमश: 10159 और 12936 हैं जो कुल संख्या का क्रमश: 7.6 और 9.6 फीसद हैं."

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Last Updated : Jan 18, 2020, 7:10 PM IST
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