नई दिल्ली: महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के स्तर पर सड़कों के निर्माण पर किया जाने वाला खर्च सालाना 22 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2020-2021 में 1.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
रेटिंग एजेंसी ने बयान में कहा कि राज्य सरकारों की ओर से अपनी सड़कों को किए जाने वाले पूंजीगत खर्च में अगले तीन सालों में जबरदस्त तेजी की संभावना है इसमें इन दोनों राज्यों का कुल मिला कर बड़ा योगदान होगा.
ये भी पढ़ें- जीएसटी से देश की राज्य सरकारों का घाटा कम नहीं होगा: रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सरकार ने कई एक्सप्रेस - वे परियोजनाएं शुरू की हैं या फिर शुरू करने की घोषणा की है. इक्रा का अनुमान है कि इन प्रदेशों में राज्य स्तर पर सड़कों पर होने वाला खर्च सालाना 22 प्रतिशत की दर से आगे बढ़कर 2018-19 में 96,000 करोड़ रुपये से 2020-2021 में 1.43 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा.
महाराष्ट्र में, अकेले नागपुर - मुंबई एक्सप्रेस - वे के मामले में तीन साल में 35,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. इसके अलावा हाइब्रिड एन्युटी माध्यम से सड़क सुधार कार्यक्रम का भी प्रस्ताव है. इसी प्रकार, उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेस - वे के लिए कुल मिलाकर करीब 20,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.