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मैकडोनाल्ड मामला: एनसीएलएटी ने बख्शी से विदेश जाने से पहले 5 करोड़ रुपये जमा करने को कहा

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Published : Oct 23, 2019, 7:54 PM IST

मैकडोनाल्ड के पूर्व भागीदार रहे विक्रम बख्शी को विदेश यात्रा की मंजूरी के लिए सुरक्षा राशि के तौर पर 5 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है.

मैकडोनाल्ड मामला: अपीलीय न्यायाधिकरण ने बख्शी से विदेश जाने से पहले 5 करोड़ रुपये जमा करने को कहा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बुधवार को मैकडोनाल्ड के पूर्व भागीदार रहे विक्रम बख्शी को विदेश यात्रा की मंजूरी के लिये सुरक्षा राशि के तौर पर 5 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है.

अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने बख्शी और उनकी पत्नी मधुरिमा बख्शी को विदेश यात्रा पर जाने के लिये बृहस्पतिवार तक 5-5 करोड़ रुपये जमा करने को कहा.

एनसीएलएटी ने 18 सितंबर को उसकी अनुमति के बिना बख्शी की विदेश यात्रा जाने पर पाबंदी लगा दी थी.

बख्शी के वकील ने बुधवार को जब अदालत के समक्ष कहा कि हुडको के बकाये का जल्द भुगतान किया जाएगा, अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि उन्हें विदेश यात्रा पर जाने से पहले सुरक्षा राशि जमा करानी होगी.

न्यायाधिकरण ने कहा, "आपने धोखाधड़ी की है. आपने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के आदेश का उल्लंघन किया है. आप हमारे आदेश का भी उल्लंघन कर सकते हैं."

पीठ ने कहा, "डीआरटी ने आपसे अपनी हिस्सेदारी हस्तांतरण करने से मना किया था और आपने आदेश का उल्लंघन करते हुए उसे हस्तांतरित किया."

ये भी पढ़ें- मंत्रिमंडल ने खोले गैर-तेल कंपनियों के लिए खुदरा ईंधन बिक्री के रास्ते

एनसीएलएटी ने सितंबर में कहा था कि वह कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स लि. (सीपीआरएल) में अपनी हिस्सेदारी बेचने को लेकर रेस्तरां चलाने वाली मैकडोनाल्ड और उसके भागीदार विक्रम बख्शी के बीच हुए समझौते की समीक्षा करेगा.
पीठ ने कहा कि मैकडोनाल्ड और बख्शी के बीच हुआ समझौता प्रथम दृष्ट्या ऋण वसूली न्यायाधिकरण के आदेश का उल्लंघन है और उसे प्रभाव में नहीं लाया जाएगा.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने बख्शी को बिना मंजूरी देश छोड़ने से मना किया था.

सीपीआरएल ने अस्थायी रूप से 160 रेस्तरां बंद कर दिये थे. बख्शी के इस संयुक्त उद्यम कंपनी में अपनी हिस्सेदारी संयुक्त उद्यम भागीदार अमेरिकी कंपनी को हस्तांतरित किये जाने के बाद यह कंपनी अब मैकडोनाल्ड की है.

मैकडोनाल्ड ने मई में बख्शी के साथ समझौते की घोषणा की थी. इसमें संयुक्त उद्यम में बख्शी की हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जतायी गयी थी. बख्शी की कंपनी उत्तर और पूर्वी भारत में रेस्तरां चलाती थी.

उसके बाद बख्शी और मैकडोनाल्ड ने एनसीएलएटी से संपर्क कर एक-दूसरे के खिलाफ दायरा मामला वापस लेने का आग्रह किया. लेकिन हुडको ने इसका विरोध किया. हुडको ने बख्शी पर 195 करोड़ रुपये बकाये का दावा किया है.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बुधवार को मैकडोनाल्ड के पूर्व भागीदार रहे विक्रम बख्शी को विदेश यात्रा की मंजूरी के लिये सुरक्षा राशि के तौर पर 5 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा है.

अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने बख्शी और उनकी पत्नी मधुरिमा बख्शी को विदेश यात्रा पर जाने के लिये बृहस्पतिवार तक 5-5 करोड़ रुपये जमा करने को कहा.

एनसीएलएटी ने 18 सितंबर को उसकी अनुमति के बिना बख्शी की विदेश यात्रा जाने पर पाबंदी लगा दी थी.

बख्शी के वकील ने बुधवार को जब अदालत के समक्ष कहा कि हुडको के बकाये का जल्द भुगतान किया जाएगा, अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि उन्हें विदेश यात्रा पर जाने से पहले सुरक्षा राशि जमा करानी होगी.

न्यायाधिकरण ने कहा, "आपने धोखाधड़ी की है. आपने ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के आदेश का उल्लंघन किया है. आप हमारे आदेश का भी उल्लंघन कर सकते हैं."

पीठ ने कहा, "डीआरटी ने आपसे अपनी हिस्सेदारी हस्तांतरण करने से मना किया था और आपने आदेश का उल्लंघन करते हुए उसे हस्तांतरित किया."

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एनसीएलएटी ने सितंबर में कहा था कि वह कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स लि. (सीपीआरएल) में अपनी हिस्सेदारी बेचने को लेकर रेस्तरां चलाने वाली मैकडोनाल्ड और उसके भागीदार विक्रम बख्शी के बीच हुए समझौते की समीक्षा करेगा.
पीठ ने कहा कि मैकडोनाल्ड और बख्शी के बीच हुआ समझौता प्रथम दृष्ट्या ऋण वसूली न्यायाधिकरण के आदेश का उल्लंघन है और उसे प्रभाव में नहीं लाया जाएगा.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने बख्शी को बिना मंजूरी देश छोड़ने से मना किया था.

सीपीआरएल ने अस्थायी रूप से 160 रेस्तरां बंद कर दिये थे. बख्शी के इस संयुक्त उद्यम कंपनी में अपनी हिस्सेदारी संयुक्त उद्यम भागीदार अमेरिकी कंपनी को हस्तांतरित किये जाने के बाद यह कंपनी अब मैकडोनाल्ड की है.

मैकडोनाल्ड ने मई में बख्शी के साथ समझौते की घोषणा की थी. इसमें संयुक्त उद्यम में बख्शी की हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जतायी गयी थी. बख्शी की कंपनी उत्तर और पूर्वी भारत में रेस्तरां चलाती थी.

उसके बाद बख्शी और मैकडोनाल्ड ने एनसीएलएटी से संपर्क कर एक-दूसरे के खिलाफ दायरा मामला वापस लेने का आग्रह किया. लेकिन हुडको ने इसका विरोध किया. हुडको ने बख्शी पर 195 करोड़ रुपये बकाये का दावा किया है.

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