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रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति की मुख्य बातें - वाणिज्यिक बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को लगातार तीसरी बार बेंचमार्क ब्याज दर में 25 आधार अंकों या 0.25% की कटौती की.

रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति की मुख्य बातें
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Published : Jun 6, 2019, 2:50 PM IST

Updated : Jun 6, 2019, 3:46 PM IST

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजों की घोषणा कर दी. केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्न हैं.

  • रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती. रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत
  • रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत
  • रिजर्व बैंक का नीतिगत रुख 'तटस्थ' से हुआ 'नरम'
  • डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त
  • वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया
  • खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान बढ़ाकर अप्रैल-सितंबर के लिए 3.0-3.1 प्रतिशत और अक्टूबर-मार्च के लिए 3.40-3.70 प्रतिशत किया गया. निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान
  • मॉनसून की अनिश्चितता, सब्जियों की कीमतों में बेमौसम तेजी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, वित्तीय बाजार में उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम
  • एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए समिति का गठन
  • छोटे वित्तीय बैंकों के लिए सदासुलभ लाइसेंसिंग पर दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक
  • निवेश में तेज गिरावट और निजी खपत की वृद्धि हल्की होने पर चिंता
  • मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाने का पक्ष लिया
  • जून की शुरुआत में बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद/नकद समतुल्य धन) का औसत दैनिक अतिरेक 66 हजार करोड़ रुपये रहा
  • विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 31 मई, 2019 को 421.90 अरब डॉलर रहा
  • मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को

ये भी पढ़ें: आरबीआई ने की ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती, सस्ते होंगे ईएमआई

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजों की घोषणा कर दी. केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्न हैं.

  • रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती. रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत
  • रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत
  • रिजर्व बैंक का नीतिगत रुख 'तटस्थ' से हुआ 'नरम'
  • डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त
  • वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया
  • खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान बढ़ाकर अप्रैल-सितंबर के लिए 3.0-3.1 प्रतिशत और अक्टूबर-मार्च के लिए 3.40-3.70 प्रतिशत किया गया. निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान
  • मॉनसून की अनिश्चितता, सब्जियों की कीमतों में बेमौसम तेजी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, वित्तीय बाजार में उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम
  • एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए समिति का गठन
  • छोटे वित्तीय बैंकों के लिए सदासुलभ लाइसेंसिंग पर दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक
  • निवेश में तेज गिरावट और निजी खपत की वृद्धि हल्की होने पर चिंता
  • मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाने का पक्ष लिया
  • जून की शुरुआत में बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद/नकद समतुल्य धन) का औसत दैनिक अतिरेक 66 हजार करोड़ रुपये रहा
  • विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 31 मई, 2019 को 421.90 अरब डॉलर रहा
  • मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को

ये भी पढ़ें: आरबीआई ने की ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती, सस्ते होंगे ईएमआई

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मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजों की घोषणा कर दी. केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्न हैं.



⦁    रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती. रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत

⦁    रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत

⦁    रिजर्व बैंक का नीतिगत रुख 'तटस्थ' से हुआ 'नरम'

⦁    डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त

⦁    वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया

⦁    खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान बढ़ाकर अप्रैल-सितंबर के लिए 3.0-3.1 प्रतिशत और अक्टूबर-मार्च के लिए 3.40-3.70 प्रतिशत किया गया. निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान

⦁    मॉनसून की अनिश्चितता, सब्जियों की कीमतों में बेमौसम तेजी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, वित्तीय बाजार में उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम

⦁    एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए समिति का गठन

⦁    छोटे वित्तीय बैंकों के लिए सदासुलभ लाइसेंसिंग पर दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक

⦁    निवेश में तेज गिरावट और निजी खपत की वृद्धि हल्की होने पर चिंता

⦁    मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाने का पक्ष लिया

⦁    जून की शुरुआत में बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद/नकद समतुल्य धन) का औसत दैनिक अतिरेक 66 हजार करोड़ रुपये रहा

⦁    विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 31 मई, 2019 को 421.90 अरब डॉलर रहा

⦁    मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को




Conclusion:
Last Updated : Jun 6, 2019, 3:46 PM IST
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