मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजों की घोषणा कर दी. केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित 2019-20 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीतिगत समीक्षा के मुख्य बिंदु निम्न हैं.
- रेपो दर में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती. रेपो दर अब 5.75 प्रतिशत
- रिवर्स रेपो 5.50 प्रतिशत, उधार की सीमांत स्थायी सुविधा पर ब्याज दर छह प्रतिशत
- रिजर्व बैंक का नीतिगत रुख 'तटस्थ' से हुआ 'नरम'
- डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त
- वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत किया गया
- खुदरा मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान बढ़ाकर अप्रैल-सितंबर के लिए 3.0-3.1 प्रतिशत और अक्टूबर-मार्च के लिए 3.40-3.70 प्रतिशत किया गया. निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान
- मॉनसून की अनिश्चितता, सब्जियों की कीमतों में बेमौसम तेजी, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, वित्तीय बाजार में उथल-पुथल और राजकोषीय परिदृश्य के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम
- एटीएम शुल्क, बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की समीक्षा के लिए समिति का गठन
- छोटे वित्तीय बैंकों के लिए सदासुलभ लाइसेंसिंग पर दिशा-निर्देशों का प्रस्ताव अगस्त तक
- निवेश में तेज गिरावट और निजी खपत की वृद्धि हल्की होने पर चिंता
- मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाने का पक्ष लिया
- जून की शुरुआत में बैंकिंग प्रणाली में तरलता (नकद/नकद समतुल्य धन) का औसत दैनिक अतिरेक 66 हजार करोड़ रुपये रहा
- विदेशी मुद्रा विनिमय भंडार 31 मई, 2019 को 421.90 अरब डॉलर रहा
- मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक के निष्कर्षों की घोषणा सात अगस्त को
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