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कुमार मंगलम ने Vi में अपनी हिस्सेदारी सरकार को सौंपने की पेशकश की - वोडाफोन आइडिया लेटेस्ट न्यूज

आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) में अपनी हिस्सेदारी सरकार या किसी ऐसी इकाई को सौंपने की पेशकश की है जिसे सरकार समझती है कि वह कंपनी का परिचालन जारी रख सकती है.

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Published : Aug 2, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : अरबपति उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने जून में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे पत्र में यह पेशकश की है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वीआईएल के ऊपर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की कुल देनदारी 58,254 करोड़ रुपये है. इसमें से कंपनी 7,854.37 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है और उसपर अभी 50,399.63 करोड़ रुपये का बकाया है.

वीआईएल और भारती एयरटेल ने एजीआर को लेकर सरकार की गणना में सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील की थी लेकिन उनकी अपील को खारिज कर दिया गया.

बिड़ला की वीआईएल में 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उन्होंने पत्र में कहा है कि एजीआर देनदारी, स्पेक्ट्रम के भुगतान के लिए पर्याप्त समय की मोहलत तथा इन सबसे जरूरी, सेवाओं की दर न्यूनतम कीमत से ऊपर रखने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से निवेशक कंपनी में निवेश के इच्छुक नहीं हैं.

बिड़ला ने यह पत्र सात जून को लिखा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जुलाई तक इन तीनों मुद्दों पर तत्काल सक्रिय सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में वीआईएल की वित्तीय हालत डूबने कगार पर पहुंच जाएगी, जिसको संभालना मुश्किल होगा.

इसे भी पढ़ें : वोडाफोन मध्यस्थता मामला : भारत की अपील पर सिंगापुर की अदालत में सुनवाई

बिड़ला ने कहा कि वीआईएल से जुड़े 27 करोड़ भारतीयों के प्रति हमारा कर्तव्य है. इसी के मद्देनजर मैं कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सरकार या सरकार के कहने पर किसी ऐसी इकाई को सौंपने को तैयार हूं जो कंपनी का परिचालन जारी रखने में समर्थ हो.

इसे भी पढ़ें : सरकार से राहत नहीं मिलने पर बंद हो जाएगी वोडोफोन-आइडिया: बिड़ला

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : अरबपति उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने जून में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को लिखे पत्र में यह पेशकश की है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वीआईएल के ऊपर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की कुल देनदारी 58,254 करोड़ रुपये है. इसमें से कंपनी 7,854.37 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है और उसपर अभी 50,399.63 करोड़ रुपये का बकाया है.

वीआईएल और भारती एयरटेल ने एजीआर को लेकर सरकार की गणना में सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील की थी लेकिन उनकी अपील को खारिज कर दिया गया.

बिड़ला की वीआईएल में 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उन्होंने पत्र में कहा है कि एजीआर देनदारी, स्पेक्ट्रम के भुगतान के लिए पर्याप्त समय की मोहलत तथा इन सबसे जरूरी, सेवाओं की दर न्यूनतम कीमत से ऊपर रखने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से निवेशक कंपनी में निवेश के इच्छुक नहीं हैं.

बिड़ला ने यह पत्र सात जून को लिखा है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जुलाई तक इन तीनों मुद्दों पर तत्काल सक्रिय सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में वीआईएल की वित्तीय हालत डूबने कगार पर पहुंच जाएगी, जिसको संभालना मुश्किल होगा.

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बिड़ला ने कहा कि वीआईएल से जुड़े 27 करोड़ भारतीयों के प्रति हमारा कर्तव्य है. इसी के मद्देनजर मैं कंपनी में अपनी हिस्सेदारी सरकार या सरकार के कहने पर किसी ऐसी इकाई को सौंपने को तैयार हूं जो कंपनी का परिचालन जारी रखने में समर्थ हो.

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(पीटीआई-भाषा)

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