ETV Bharat / business

फरवरी में संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन में 1.7 प्रतिशत की कमी

ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल फरवरी में रोजगार सृजन 1.73 प्रतिशत घटकर 15.03 लाख रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 15.30 लाख था.

author img

By

Published : Apr 22, 2019, 11:58 PM IST

फरवरी में संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन में 1.7 प्रतिशत की कमी

नई दिल्ली: इस साल फरवरी में रोजगार सृजन में कमी आयी है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कंपनियों के वेतन भुगतान (पेरोल) के आधार पर तैयार ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल फरवरी में रोजगार सृजन 1.73 प्रतिशत घटकर 15.03 लाख रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 15.30 लाख था.

आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2017 से फरवरी 2019 के बीच करीब 3 करोड़ नये अंशधारक ईएसआईसी योजना से जुड़े. ईएसआईसी अप्रैल 2018 से पेरोल के आंकड़े जारी कर रहा है. इसके तहत सितंबर 2017 से आंकड़े दिये जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- आरसीईपी देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैंकाक में 24 मई को बैठक

निगम स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सेवाएं बीमित व्यक्ति को उपलब्ध कराता है. सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में वे प्रतिष्ठान आते हैं जहां 20 से अधिक कर्मचारी हैं और मासिक वेतन 21,000 रुपये तक है.

आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2018 में सर्वाधिक 19.81 लाख नये अंशधारक इस योजना से जुड़े जो अब तक का सर्वाधिक है. ईएसआई योजना के अंशधारकों की संख्या संगठित क्षेत्र में रोजगार के स्तर को बताती है.

हालांकि ईएसआईसी आंकड़े के विपरीत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा पेरोल आंकड़ों के अनुसार संगठित क्षेत्र में फरवरी में 8.61 लाख लोगों को नौकरी मिली. पिछले साल इसी महीने में यह संख्या 2.87 लाख थी. ईपीएफओ भी अप्रैल 2018 से पेरोल के आंकड़े जारी कर रहा है.

नई दिल्ली: इस साल फरवरी में रोजगार सृजन में कमी आयी है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कंपनियों के वेतन भुगतान (पेरोल) के आधार पर तैयार ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल फरवरी में रोजगार सृजन 1.73 प्रतिशत घटकर 15.03 लाख रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 15.30 लाख था.

आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2017 से फरवरी 2019 के बीच करीब 3 करोड़ नये अंशधारक ईएसआईसी योजना से जुड़े. ईएसआईसी अप्रैल 2018 से पेरोल के आंकड़े जारी कर रहा है. इसके तहत सितंबर 2017 से आंकड़े दिये जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- आरसीईपी देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैंकाक में 24 मई को बैठक

निगम स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सेवाएं बीमित व्यक्ति को उपलब्ध कराता है. सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में वे प्रतिष्ठान आते हैं जहां 20 से अधिक कर्मचारी हैं और मासिक वेतन 21,000 रुपये तक है.

आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2018 में सर्वाधिक 19.81 लाख नये अंशधारक इस योजना से जुड़े जो अब तक का सर्वाधिक है. ईएसआई योजना के अंशधारकों की संख्या संगठित क्षेत्र में रोजगार के स्तर को बताती है.

हालांकि ईएसआईसी आंकड़े के विपरीत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा पेरोल आंकड़ों के अनुसार संगठित क्षेत्र में फरवरी में 8.61 लाख लोगों को नौकरी मिली. पिछले साल इसी महीने में यह संख्या 2.87 लाख थी. ईपीएफओ भी अप्रैल 2018 से पेरोल के आंकड़े जारी कर रहा है.

Intro:Body:

फरवरी में संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन में 1.7 प्रतिशत की कमी

नई दिल्ली: इस साल फरवरी में रोजगार सृजन में कमी आयी है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कंपनियों के वेतन भुगतान (पेरोल) के आधार पर तैयार ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल फरवरी में रोजगार सृजन 1.73 प्रतिशत घटकर 15.03 लाख रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 15.30 लाख था.

      

आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2017 से फरवरी 2019 के बीच करीब 3 करोड़ नये अंशधारक ईएसआईसी योजना से जुड़े. ईएसआईसी अप्रैल 2018 से पेरोल के आंकड़े जारी कर रहा है. इसके तहत सितंबर 2017 से आंकड़े दिये जा रहे हैं. 

ये भी पढ़ें-        

निगम स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सेवाएं बीमित व्यक्ति को उपलब्ध कराता है. सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में वे प्रतिष्ठान आते हैं जहां 20 से अधिक कर्मचारी हैं और मासिक वेतन 21,000 रुपये तक है.

       

आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2018 में सर्वाधिक 19.81 लाख नये अंशधारक इस योजना से जुड़े जो अब तक का सर्वाधिक है. ईएसआई योजना के अंशधारकों की संख्या संगठित क्षेत्र में रोजगार के स्तर को बताती है.

         

हालांकि ईएसआईसी आंकड़े के विपरीत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा पेरोल आंकड़ों के अनुसार संगठित क्षेत्र में फरवरी में 8.61 लाख लोगों को नौकरी मिली. पिछले साल इसी महीने में यह संख्या 2.87 लाख थी. ईपीएफओ भी अप्रैल 2018 से पेरोल के आंकड़े जारी कर रहा है.

     


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.