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जेट के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान : डीजीसीए

विमान नियामक संस्था ने जेट को यह भी निर्देश दिए कि पायलट/चालक दल का सदस्य/विमान रखरखाव इंजीनियरों में से किसी भी प्रकार के तनाव के शिकार कर्मचारियों से काम नहीं कराया जाए.

जेट के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान : डीजीसीए
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Published : Mar 19, 2019, 11:55 PM IST

नई दिल्ली/मुंबई: विमानन नियामक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान ही है और इसके इस बेड़े के आकार में और अधिक कमी हो सकती है. डीजीसीए ने यहां जेट एयरवेज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी.

डीजीसीए के एक बयान के मुताबिक, "डीजीसीए ने संचालन, उड़ान योग्यता, यात्रियों की सुविधा पर जेट एयरवेज के संचालन की समीक्षा की."

ये भी पढ़ें-श्याओमी इंडिया ने लॉन्च किया एमआईपे ऐप

बयान के मुताबिक, "बेड़े में यात्रा संचालन के लिए विमानों की मौजूदा उपलब्धता 41 है और इसी वजह से 603 घरेलू उड़ानों और 382 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. हालांकि यह एक स्थिर स्थिति नहीं है और आने वाले दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है."

बयान के अनुसार, डीजीसीए ने विमानन कंपनी को नागर विमानन नियमों (सीएआर) के प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा है, जिसके अंतर्गत यात्रियों को समय पर सूचित करना, मुआवजा देना, रिफंड और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक उड़ान मुहैया कराना है.

बयान के अनुसार, "डीजीसीए यह सुनिश्चित कर रहा है कि बेड़े में मौजूद सारे विमान, चाहे वह संचालित हो रहे हो या खड़े हों, उसका रखरखाव स्वीकृत रखरखाव कार्यक्रमों (एएमपी) के तहत हो."

विमान नियामक संस्था ने जेट को यह भी निर्देश दिए कि पायलट/चालक दल का सदस्य/विमान रखरखाव इंजीनियरों में से किसी भी प्रकार के तनाव के शिकार कर्मचारियों से काम नहीं कराया जाए. सभी कर्मचारियों के सभी अनिवार्य प्रशिक्षण जरूरतों को मौजूदा समय में पूरा होना चाहिए.

इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा था.

मंत्री ने ट्वीट कर कहा था, "एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए गए हैं." उन्होंने कहा था, "इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा था."

इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने अबु धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने लीज देने वालों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है. कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली/मुंबई: विमानन नियामक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान ही है और इसके इस बेड़े के आकार में और अधिक कमी हो सकती है. डीजीसीए ने यहां जेट एयरवेज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी.

डीजीसीए के एक बयान के मुताबिक, "डीजीसीए ने संचालन, उड़ान योग्यता, यात्रियों की सुविधा पर जेट एयरवेज के संचालन की समीक्षा की."

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बयान के मुताबिक, "बेड़े में यात्रा संचालन के लिए विमानों की मौजूदा उपलब्धता 41 है और इसी वजह से 603 घरेलू उड़ानों और 382 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. हालांकि यह एक स्थिर स्थिति नहीं है और आने वाले दिनों में स्थिति और विकट हो सकती है."

बयान के अनुसार, डीजीसीए ने विमानन कंपनी को नागर विमानन नियमों (सीएआर) के प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा है, जिसके अंतर्गत यात्रियों को समय पर सूचित करना, मुआवजा देना, रिफंड और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक उड़ान मुहैया कराना है.

बयान के अनुसार, "डीजीसीए यह सुनिश्चित कर रहा है कि बेड़े में मौजूद सारे विमान, चाहे वह संचालित हो रहे हो या खड़े हों, उसका रखरखाव स्वीकृत रखरखाव कार्यक्रमों (एएमपी) के तहत हो."

विमान नियामक संस्था ने जेट को यह भी निर्देश दिए कि पायलट/चालक दल का सदस्य/विमान रखरखाव इंजीनियरों में से किसी भी प्रकार के तनाव के शिकार कर्मचारियों से काम नहीं कराया जाए. सभी कर्मचारियों के सभी अनिवार्य प्रशिक्षण जरूरतों को मौजूदा समय में पूरा होना चाहिए.

इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा था.

मंत्री ने ट्वीट कर कहा था, "एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए गए हैं." उन्होंने कहा था, "इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा था."

इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने अबु धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने लीज देने वालों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है. कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं.

(आईएएनएस)

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जेट के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान : डीजीसीए 

नई दिल्ली/मुंबई: विमानन नियामक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज के पास उड़ान के लिए केवल 41 विमान ही है और इसके इस बेड़े के आकार में और अधिक कमी हो सकती है. डीजीसीए ने यहां जेट एयरवेज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी.



डीजीसीए के एक बयान के मुताबिक, "डीजीसीए ने संचालन, उड़ान योग्यता, यात्रियों की सुविधा पर जेट एयरवेज के संचालन की समीक्षा की."

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बयान के अनुसार, डीजीसीए ने विमानन कंपनी को नागर विमानन नियमों (सीएआर) के प्रावधानों का पालन करने के लिए कहा है, जिसके अंतर्गत यात्रियों को समय पर सूचित करना, मुआवजा देना, रिफंड और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक उड़ान मुहैया कराना है.



बयान के अनुसार, "डीजीसीए यह सुनिश्चित कर रहा है कि बेड़े में मौजूद सारे विमान, चाहे वह संचालित हो रहे हो या खड़े हों, उसका रखरखाव स्वीकृत रखरखाव कार्यक्रमों (एएमपी) के तहत हो."



विमान नियामक संस्था ने जेट को यह भी निर्देश दिए कि पायलट/चालक दल का सदस्य/विमान रखरखाव इंजीनियरों में से किसी भी प्रकार के तनाव के शिकार कर्मचारियों से काम नहीं कराया जाए. सभी कर्मचारियों के सभी अनिवार्य प्रशिक्षण जरूरतों को मौजूदा समय में पूरा होना चाहिए.



इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरवेज द्वारा अपने विमानों को खड़ा करने (ग्राउंडिंग) के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के लिए कहा था.



मंत्री ने ट्वीट कर कहा था, "एमओसीए के सचिव को जेट एयरवेज के विमानों को खड़ा करने, अग्रिम बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा मुद्दों को लेकर आपात बैठक बुलाने के निर्देश दिए गए हैं." उन्होंने कहा था, "इस बाबत सचिव को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल रिपोर्ट मांगने के लिए भी कहा था."



इससे एक दिन पहले जेट एयरवेज ने अबु धाबी में अपनी उड़ानों को रद्द कर दिया था, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने लीज देने वालों का बकाया नहीं चुकाया है, जिस वजह से विमानन कंपनी लगातार अपने विमानों का परिचालन बंद कर रही है. कंपनी ने अब तक अपने 40 से अधिक विमान खड़े कर दिए हैं.

(आईएएनएस)


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