मुंबई: एक रिपोर्ट के अनुसार किफायती दर पर आम जनता को गुणवत्तायुक्त दवा मुहैया कराने वाली सरकारी जन औषधि योजना से घरेलू दवा बाजार का 20 प्रतिशत बाजार प्रभावि हो सकता है.
इस योजना के तहत जनौषधि दुकानों के जरिए ब्रांडेड दवाओं के जेनेरिक संस्करण को अपेक्षाकृत 50 से 90 फीसदी कम कीमत पर लोगों को मुहैया कराया जाता है. एडेलवीस की रिपोर्ट के अनुसार, ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के करीब छह हजार करोड़ रुपये के दवाओं का 25 से 30 हजार करोड़ रुपये के ब्रांडेड दवाओं की बिक्री पर प्रतिकूल असर होगा.
ये भी पढ़ें-फरवरी में डाउनलोड स्पीड में जियो, अपलोड में वोडाफोन सबसे आगे : ट्राई
देश में पांच हजार से अधिक जनौषधि केंद्र हैं और इनमें 800 से अधिक दवाओं की बिक्री की जाती हैं.
(भाषा)
जन औषधि योजना से 20 प्रतिशत गिरेगी ब्रांडेड दवाओं की बिक्री
देश में पांच हजार से अधिक जनौषधि केंद्र हैं और इनमें 800 से अधिक दवाओं की बिक्री की जाती हैं.
मुंबई: एक रिपोर्ट के अनुसार किफायती दर पर आम जनता को गुणवत्तायुक्त दवा मुहैया कराने वाली सरकारी जन औषधि योजना से घरेलू दवा बाजार का 20 प्रतिशत बाजार प्रभावि हो सकता है.
इस योजना के तहत जनौषधि दुकानों के जरिए ब्रांडेड दवाओं के जेनेरिक संस्करण को अपेक्षाकृत 50 से 90 फीसदी कम कीमत पर लोगों को मुहैया कराया जाता है. एडेलवीस की रिपोर्ट के अनुसार, ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के करीब छह हजार करोड़ रुपये के दवाओं का 25 से 30 हजार करोड़ रुपये के ब्रांडेड दवाओं की बिक्री पर प्रतिकूल असर होगा.
ये भी पढ़ें-फरवरी में डाउनलोड स्पीड में जियो, अपलोड में वोडाफोन सबसे आगे : ट्राई
देश में पांच हजार से अधिक जनौषधि केंद्र हैं और इनमें 800 से अधिक दवाओं की बिक्री की जाती हैं.
(भाषा)
जन औषधि योजना से 20 प्रतिशत गिरेगी ब्रांडेड दवाओं की बिक्री
मुंबई: एक रिपोर्ट के अनुसार किफायती दर पर आम जनता को गुणवत्तायुक्त दवा मुहैया कराने वाली सरकारी जन औषधि योजना से घरेलू दवा बाजार का 20 प्रतिशत बाजार प्रभावि हो सकता है.
इस योजना के तहत जनौषधि दुकानों के जरिए ब्रांडेड दवाओं के जेनेरिक संस्करण को अपेक्षाकृत 50 से 90 फीसदी कम कीमत पर लोगों को मुहैया कराया जाता है. एडेलवीस की रिपोर्ट के अनुसार, ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के करीब छह हजार करोड़ रुपये के दवाओं का 25 से 30 हजार करोड़ रुपये के ब्रांडेड दवाओं की बिक्री पर प्रतिकूल असर होगा.
ये भी पढ़ें-
देश में पांच हजार से अधिक जनौषधि केंद्र हैं और इनमें 800 से अधिक दवाओं की बिक्री की जाती हैं.
(भाषा)
Conclusion: