नई दिल्ली: कोविड-19 संकट के बीच व्यापारियों ने कहा है कि उनके लिए अपने कर्मचारियों का अप्रैल माह का पूरा वेतन दे पाना काफी मुश्किल है. व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस मामले में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से हस्तक्षेप की अपील की है.
गोयल को भेजे पत्र में कैट ने कहा है कि राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि के दौरान का पूरा वेतन देने में व्यापारियों, लघु उद्योगों की चूलें हिल जाएंगी.
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कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सरकार की सलाह का पालन करते हुए और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए देश भर के व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का पूरा वेतन दिया है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में जबकि व्यापारिक प्रतिष्ठान 25 मार्च से बंद हैं और व्यापारियों के पास अपनी आय का कोई स्रोत नहीं है, ऐसे में उनके लिए और अधिक वित्तीय बोझ उठा पाना संभव नहीं है.
पत्र में कहा गया है कि देश भर के व्यापारियों को बंद के चलते भारी वित्तीय संकट से गुजरना पड़ रहा है और उनके लिए कर्मचारियों को वेतन का पूरा भुगतान दे पाना संभव नहीं है.
पत्र में गोयल से आग्रह किया गया है कि वे जमीनी हकीकत की ओर देखें, जहां कारोबार पूरी तरह से बंद हैं और ऐसे में व्यापारी कर्मचारियों को कहां से वेतन दे पाएंगे.
कैट ने गोयल से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा है कि सरकार को एक ऐसा तरीका अपनाना चाहिए जिसके तहत इस महत्वपूर्ण मुद्दे का हल इस तरह से हो सके जिससे सभी वर्ग संतुष्ट हों.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी कैट ने बुधवार को एक पत्र भेजकर व्यापारियों को आपसी सहमति के तहत कर्मचारियों को वेतन देने की अनुमति देने को कहा है. ऐसे में व्यापारी अपने कर्मचारियों को उनकी जीविका चलाने के लिये 30 प्रतिशत वेतन दे सकते हैं. अन्यथा 50 प्रतिशत योगदान सरकार की तरफ से किया जाना चाहिये और 25 प्रतिशत का योगदान व्यापारी कर सकता है.
(पीटीआई-भाषा)