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आईटी कंपनियों ने 'घर से काम' को स्थायी व्यवस्था बनाने की छूट मांगी सरकार से

यह उद्योग कोविड-19 के बाद कायस्थल और घर दोनों जगह से काम कराने का मिला जुला माडल लागू करने पर के समय में कामकाज के एक मिले-जुले मॉडल की ओर कदम बढ़ा रहा है और इसी के तहत उसने इस संदर्भ में कुछ छूट को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संपर्क साधा है.

आईटी कंपनियों ने 'घर से काम' को स्थायी व्यवस्था बनाने की छूट मांगी सरकार से
आईटी कंपनियों ने 'घर से काम' को स्थायी व्यवस्था बनाने की छूट मांगी सरकार से
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Published : Jul 7, 2020, 10:27 PM IST

नई दिल्ली: आईटी कंपनियों ने घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की व्यवस्था को नियमित करने के लिए सरकार से नियमों में कुछ ढील दिए जाने का आग्रह किया है.

यह उद्योग कोविड-19 के बाद कायस्थल और घर दोनों जगह से काम कराने का मिला जुला माडल लागू करने पर के समय में कामकाज के एक मिले-जुले मॉडल की ओर कदम बढ़ा रहा है और इसी के तहत उसने इस संदर्भ में कुछ छूट को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संपर्क साधा है.

सॉफ्टवेयर व सेवा कंपनियों के राष्ट्रीय संगठन नॉसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि संगठन ने इस मामले को देख रही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली अंतर-मंत्रालयी समति, साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और कुछ राज्यों को इस बारे में लिखा है.

संगठन ने एसटीपीआई को लिखे पत्र में कहा कि स्थायी आधार पर छूट से कंपनियां दीर्घकालीन नजरिये से कामकाज की योजनाएं बना सकेंगी और अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने को लेकर लचीली नीतियां अपना सकेंगी.

नॉसकॉम ने 26 जून को लिखे पत्र में कहा है, "मौजूदा मंजूरी से अस्थायी तौर पर जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है. उद्योग अब कर्मचारियों के एक निश्चित प्रतिशत के स्थायी तौर पर घर से काम करने की व्यवस्था चाहता है. वह चाहता है कि कोविड-19 संकट के बाद भी यह व्यवस्था रहे. इसीलिए मौजूदा नियमन को संशेधित किया जाना चाहिए ताकि ऐसे कामकाजी मॉडल को समर्थन मिल सके."

ये भी पढ़ें: 'आरोग्य संजीवनी' पॉलिसी के तहत अब कंपनियां दे सकती हैं पांच लाख से अधिक का बीमा कवर: इरडा

इस बारे में संपर्क किये जाने पर एसटीपीआई के महानिदेशक ओमकार राय ने कहा, "हम उद्योग से मिले पत्र पर विचार कर रहे हैं और हम जल्दी ही इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आईटी उद्योग जिस तरीके से चाहते हैं, काम करते रहें और उनका कामकाज प्रभावित नहीं हो."

एसटीपीआई एक स्वायत्त निकाय है जिसका गठन इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 1991 में किया. इसका मकसद देश से साफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देना है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: आईटी कंपनियों ने घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की व्यवस्था को नियमित करने के लिए सरकार से नियमों में कुछ ढील दिए जाने का आग्रह किया है.

यह उद्योग कोविड-19 के बाद कायस्थल और घर दोनों जगह से काम कराने का मिला जुला माडल लागू करने पर के समय में कामकाज के एक मिले-जुले मॉडल की ओर कदम बढ़ा रहा है और इसी के तहत उसने इस संदर्भ में कुछ छूट को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संपर्क साधा है.

सॉफ्टवेयर व सेवा कंपनियों के राष्ट्रीय संगठन नॉसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा कि संगठन ने इस मामले को देख रही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली अंतर-मंत्रालयी समति, साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) और कुछ राज्यों को इस बारे में लिखा है.

संगठन ने एसटीपीआई को लिखे पत्र में कहा कि स्थायी आधार पर छूट से कंपनियां दीर्घकालीन नजरिये से कामकाज की योजनाएं बना सकेंगी और अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा देने को लेकर लचीली नीतियां अपना सकेंगी.

नॉसकॉम ने 26 जून को लिखे पत्र में कहा है, "मौजूदा मंजूरी से अस्थायी तौर पर जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है. उद्योग अब कर्मचारियों के एक निश्चित प्रतिशत के स्थायी तौर पर घर से काम करने की व्यवस्था चाहता है. वह चाहता है कि कोविड-19 संकट के बाद भी यह व्यवस्था रहे. इसीलिए मौजूदा नियमन को संशेधित किया जाना चाहिए ताकि ऐसे कामकाजी मॉडल को समर्थन मिल सके."

ये भी पढ़ें: 'आरोग्य संजीवनी' पॉलिसी के तहत अब कंपनियां दे सकती हैं पांच लाख से अधिक का बीमा कवर: इरडा

इस बारे में संपर्क किये जाने पर एसटीपीआई के महानिदेशक ओमकार राय ने कहा, "हम उद्योग से मिले पत्र पर विचार कर रहे हैं और हम जल्दी ही इस बारे में स्पष्टीकरण जारी करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आईटी उद्योग जिस तरीके से चाहते हैं, काम करते रहें और उनका कामकाज प्रभावित नहीं हो."

एसटीपीआई एक स्वायत्त निकाय है जिसका गठन इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 1991 में किया. इसका मकसद देश से साफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देना है.

(पीटीआई-भाषा)

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