नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने रूस से कच्चे तेल के आयात के लिये बुधवार को पहले निश्चित अवधि के अनुबंध पर हस्ताक्षर किये.
ऊर्जा खपत के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश भारत पश्चिम एशिया में तनाव को देखते हुए कच्चे तेल के आपूर्ति स्रोत को विविध रूप देना चाहता है. इसी को ध्यान में रखकर यह समझौता हुआ है.
रूस की कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी इगोर सेचिन के साथ बैठक के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि आईओसी ने रोसनेफ्ट से 20 लाख टन उराल स्तर के कच्चे तेल के आयात को लेकर समझौता किया है.
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भारत अपनी कुल ऊर्जा जरूरतों में से 83 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है. इसमें से दो तिहाई आयात पश्चिम एशिया से आता है. इराक के बाद सऊदी अरब सबसे बड़ा कच्चे तेल का आपूर्तिकर्ता है.
यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक के दौरान प्रधान और सेचिन ने भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियों और रोसनेफ्ट के बीच जारी निवेश की समीक्षा की तथा ऊर्जा सहयोग और प्रगाढ़ के उपायों पर चर्चा की.
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष रूस की पूर्वी संकुल परियोजनाओं में भारतीय निवेश के लिये रूपरेखा तैयार करने समेत द्विपक्षीय प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए.
(पीटीआई-भाषा)