लंदन/नई दिल्ली : भारत सरकार द्वारा श्रम कानूनों में संशोधन, लाइसेंस आवदेनों को मंजूरी के लिए एकल खिड़की सुविधा तथा अन्य प्रोत्साहनों की वजह से कोरोना वायरस महामारी के दौरान भी ब्रिटेन की कंपनियों ने भारत में जमकर निवेश किया है. इसी सप्ताह जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
कनफेडरेशन ऑफ बिजनेस इंडस्ट्री (सीबआई) तथा ईवाई की 'स्टर्लिंग एक्सेस' रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से पैदा हुई अड़चनों के बावजूद अप्रैल से जून के दौरान ब्रिटेन की कंपनियों ने भारत में 14 करोड़ पाउंड का निवेश किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च, 2020 तक ब्रिटेन और भारत का व्यापार 24 अरब पाउंड पर पहुंच गया. एक साल में इसमें करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
सीबीआई के भारतीय मूल के अध्यक्ष लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा, 'भारत सरकार ने इस साल कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए काफी प्रयास किए हैं. आपूर्ति श्रृंखला में डिजिटल और ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ाया है और साथ ही बड़े श्रम सुधार लागू किए हैं.' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह महत्वाकांक्षा जाहिर की है कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी भूमिका निभाएगा.
बिलिमोरिया ने कहा कि इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी अड़चनों को दूर करने की जरूरत है. साथ ही ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार करार के प्रस्ताव पर तेजी से काम करने की जरूरत है.