ETV Bharat / business

बचत खाते या पीपीएफ के ब्याज पर देना पड़ सकता है जीएसटी!

एडवांस रूलिंग अथॉरिटी ने कहा कि जीएसटी कानून के तहत पंजीकरण को लेकर 20 लाख रुपये की सीमा का आकलन करने के लिये छ्रट वाली ब्याज आय यानी पीपीएफ और बैंक बचत खाते तथा परिवार के सदस्यों/दोस्तों को दिये गये कर्ज पर मिलने पर ब्याज के मूल्य को कर योग्य आपूर्ति यानी अचल संपत्ति के किराये के साथ जोड़ना होगा.

author img

By

Published : Jun 19, 2020, 11:04 AM IST

बचत खाते या पीपीएफ के ब्याज पर देना पड़ सकता है जीएसटी!
बचत खाते या पीपीएफ के ब्याज पर देना पड़ सकता है जीएसटी!

नई दिल्ली: एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (एएआर) ने कहा है कि जीएसटी पंजीकरण के लिये सीमा का आकलन करते समय पीपीएफ (लोक भविष्य निधि), बचत बैंक खाते तथा परिवार/दोस्तों को दिये गये कर्ज पर मिलने वाले ब्याज को कर योग्य आपूर्ति में शामिल किया जाएगा.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत 20 लाख या उससे अधिक के सकल कारोबार वाली कंपनियों और व्यक्तियों को जीएसटी पंजीकरण कराने की आवश्कता होती है.

किसी भी कारोबार से नहीं जुड़े एक व्यक्ति ने एएआर की गुजरात पीठ के समक्ष आवेदन देकर यह जानना चाहा था कि क्या बचत बैंक खाता, पीपीएफ और परिवार के सदस्यों को दिये गये कर्ज पर मिलने वाले ब्याज पर जीएसटी कानून के तहत पंजीकरण के लिये 20 लाख रुपये की सीमा के आकलन के मकसद से विचार किया जाना चाहिए?

ये भी पढ़ें- चीन सीमा विवाद: कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने पर कर रही विचार मोदी सरकार

व्यक्ति ने अपने आवेदन में कहा था कि 2018-19 में उसकी कुल प्राप्ति करीब 20.12 लाख थी. इसमें 9.84 लाख रुपये किराया जबकि शेष बैंक जमा, पीपीएफ जमा और दोस्तों तथा परिवार के सदस्यों को दिये गये कर्ज पर ब्याज से प्राप्त हुई.

एएआर ने व्यवस्था देते हुए कहा कि ब्याज आय जीएसटी पंजीकरण सीमा के आकलन में शामिल की जाएगी. प्राधिकरण ने कहा कि आवेदनकर्ता को जीएसटी के तहत पंजीकरण के लिये सीमा के निर्धारण को लेकर सकल कारोबार की गणना करनी होगी. इसके लिये कर योग्य आपूर्ति और छूट वाली सेवा आपूर्ति दोनों के मूल्य को विचार करने की जरूरत है. कर योग्य आपूर्ति का मूल्य यानी अचल संपत्ति का किराया तथा जमा, कर्ज पर ब्याज से प्राप्त आय छूट की श्रेणी में आने वाली सेवा आपूर्ति हैं.

एएआर ने कहा, "...आवेदनकर्ता को जीएसटी कानून के तहत पंजीकरण को लेकर 20 लाख रुपये की सीमा का आकलन करने के लिये छ्रट वाली ब्याज आय यानी पीपीएफ और बैंक बचत खाते तथा परिवार के सदस्यों/दोस्तों को दिये गये कर्ज पर मिलने पर ब्याज के मूल्य को कर योग्य आपूर्ति यानी अचल संपत्ति के किराये के साथ जोड़ना होगा."

एएमआरजी एंड एसोसएिट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि इस व्यवस्था से सेवानिवृत लोगों तथा अन्य को जीएसटी पंजीकरण कराने की जरूरत पड़ सकती है."

उन्होंने कहा, "प्राधिकरण व्यक्तिगत तौर पर और व्यापार के जरिये कमाई के बीच अंतर करने में विफल रहा."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (एएआर) ने कहा है कि जीएसटी पंजीकरण के लिये सीमा का आकलन करते समय पीपीएफ (लोक भविष्य निधि), बचत बैंक खाते तथा परिवार/दोस्तों को दिये गये कर्ज पर मिलने वाले ब्याज को कर योग्य आपूर्ति में शामिल किया जाएगा.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत 20 लाख या उससे अधिक के सकल कारोबार वाली कंपनियों और व्यक्तियों को जीएसटी पंजीकरण कराने की आवश्कता होती है.

किसी भी कारोबार से नहीं जुड़े एक व्यक्ति ने एएआर की गुजरात पीठ के समक्ष आवेदन देकर यह जानना चाहा था कि क्या बचत बैंक खाता, पीपीएफ और परिवार के सदस्यों को दिये गये कर्ज पर मिलने वाले ब्याज पर जीएसटी कानून के तहत पंजीकरण के लिये 20 लाख रुपये की सीमा के आकलन के मकसद से विचार किया जाना चाहिए?

ये भी पढ़ें- चीन सीमा विवाद: कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने पर कर रही विचार मोदी सरकार

व्यक्ति ने अपने आवेदन में कहा था कि 2018-19 में उसकी कुल प्राप्ति करीब 20.12 लाख थी. इसमें 9.84 लाख रुपये किराया जबकि शेष बैंक जमा, पीपीएफ जमा और दोस्तों तथा परिवार के सदस्यों को दिये गये कर्ज पर ब्याज से प्राप्त हुई.

एएआर ने व्यवस्था देते हुए कहा कि ब्याज आय जीएसटी पंजीकरण सीमा के आकलन में शामिल की जाएगी. प्राधिकरण ने कहा कि आवेदनकर्ता को जीएसटी के तहत पंजीकरण के लिये सीमा के निर्धारण को लेकर सकल कारोबार की गणना करनी होगी. इसके लिये कर योग्य आपूर्ति और छूट वाली सेवा आपूर्ति दोनों के मूल्य को विचार करने की जरूरत है. कर योग्य आपूर्ति का मूल्य यानी अचल संपत्ति का किराया तथा जमा, कर्ज पर ब्याज से प्राप्त आय छूट की श्रेणी में आने वाली सेवा आपूर्ति हैं.

एएआर ने कहा, "...आवेदनकर्ता को जीएसटी कानून के तहत पंजीकरण को लेकर 20 लाख रुपये की सीमा का आकलन करने के लिये छ्रट वाली ब्याज आय यानी पीपीएफ और बैंक बचत खाते तथा परिवार के सदस्यों/दोस्तों को दिये गये कर्ज पर मिलने पर ब्याज के मूल्य को कर योग्य आपूर्ति यानी अचल संपत्ति के किराये के साथ जोड़ना होगा."

एएमआरजी एंड एसोसएिट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि इस व्यवस्था से सेवानिवृत लोगों तथा अन्य को जीएसटी पंजीकरण कराने की जरूरत पड़ सकती है."

उन्होंने कहा, "प्राधिकरण व्यक्तिगत तौर पर और व्यापार के जरिये कमाई के बीच अंतर करने में विफल रहा."

(पीटीआई-भाषा)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.