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बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय कंपनियों का ऋण अनुपात तीन साल के निचले स्तर पर: क्रिसिल - क्रिसिल

क्रिसिल का कहना कि कोविड-19 महामारी की वजह से कंपनियों की साख में सुधार, साख घटने की तुलना में कम रहेगा.

बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय कंपनियों का ऋण अनुपात तीन साल के निचले स्तर पर: क्रिसिल
बीते वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय कंपनियों का ऋण अनुपात तीन साल के निचले स्तर पर: क्रिसिल
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Published : Apr 2, 2020, 6:33 PM IST

मुंबई: भारतीय कंपनियों का ऋण अनुपात बीते वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही में गिरकर तीन साल से अधिक के निचले स्तर पर आ गया.

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 2020-21 के लिए कंपनियों के ऋण अनुपात परिदृश्य को नकारात्मक रखा है.

क्रिसिल का कहना कि कोविड-19 महामारी की वजह से कंपनियों की साख में सुधार, साख घटने की तुलना में कम रहेगा.

रेटिंग में कमी वाली कंपनियों के मुकाबले रेटिंग में सुधार वाली कंपनियों का अनुपात यानी ऋण अनुपात सितंबर, 2019 से मार्च, 2020 की अवधि के दौरान घटकर 0.77 प्रतिशत पर आ गया. इससे पिछली छमाही में यह 1.21 प्रतिशत पर था.

एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में इसमें सुधार की गुंजाइश नगण्य लगती है.

क्रिसिल के अध्यक्ष गुरप्रीत चटवाल ने कहा कि इस महामारी ने आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया है. यह लोगों को सबसे अधिक परेशान करने वाली महामारी है.

चटवाल ने कहा कि इस संकट की अभी शुरुआत है. इसके आर्थिक प्रभाव का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है.

ये भी पढ़ें: कोविड लॉकडाउन: आईटीसी के साथ मिलकर किराने का सामान पहुंचाएगी डोमिनोज

उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी ने 23 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बकाये वाले 35 क्षेत्रों पर इसके प्रभाव का आकलन किया है.

चटवाल ने कहा कि रेटिंग एजेंसी ने लॉकडाउन की अवधि को दो माह मानकर यह आकलन किया है. एजेंसी का मानना है बंद समाप्त होने के बाद स्थिति को सामान्य होने में एक माह का समय लगेगा.

चटवाल ने कहा कि वास्तव में आर्थिक गतिविधियां सिर्फ दूसरी तिमाही से शुरू हो पाएंगी.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: भारतीय कंपनियों का ऋण अनुपात बीते वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही में गिरकर तीन साल से अधिक के निचले स्तर पर आ गया.

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने 2020-21 के लिए कंपनियों के ऋण अनुपात परिदृश्य को नकारात्मक रखा है.

क्रिसिल का कहना कि कोविड-19 महामारी की वजह से कंपनियों की साख में सुधार, साख घटने की तुलना में कम रहेगा.

रेटिंग में कमी वाली कंपनियों के मुकाबले रेटिंग में सुधार वाली कंपनियों का अनुपात यानी ऋण अनुपात सितंबर, 2019 से मार्च, 2020 की अवधि के दौरान घटकर 0.77 प्रतिशत पर आ गया. इससे पिछली छमाही में यह 1.21 प्रतिशत पर था.

एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 संकट के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में इसमें सुधार की गुंजाइश नगण्य लगती है.

क्रिसिल के अध्यक्ष गुरप्रीत चटवाल ने कहा कि इस महामारी ने आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया है. यह लोगों को सबसे अधिक परेशान करने वाली महामारी है.

चटवाल ने कहा कि इस संकट की अभी शुरुआत है. इसके आर्थिक प्रभाव का अनुमान लगाना अभी मुश्किल है.

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उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी ने 23 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बकाये वाले 35 क्षेत्रों पर इसके प्रभाव का आकलन किया है.

चटवाल ने कहा कि रेटिंग एजेंसी ने लॉकडाउन की अवधि को दो माह मानकर यह आकलन किया है. एजेंसी का मानना है बंद समाप्त होने के बाद स्थिति को सामान्य होने में एक माह का समय लगेगा.

चटवाल ने कहा कि वास्तव में आर्थिक गतिविधियां सिर्फ दूसरी तिमाही से शुरू हो पाएंगी.

(पीटीआई-भाषा)

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