नई दिल्ली : राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने मंगलवार को वैश्विक भागीदारों के सहयोग से देश में कौशल विकास के लिए 'इम्पैक्ट बॉन्ड' लॉन्च किया है. यह देश का पहला और सबसे बड़ा स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड है. इसमें 14.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड शामिल है. इससे 50 हजार युवाओं को लाभ मिलेगा.
इस योजना के अंतर्गत 60 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियों को वोकेशनल ट्रेनिंग दिया जाएगा, जिससे उन्हें रिटेल, अपैरल, हेल्थकेयर, और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में रोजगार के लिए तैयार किया जा सके.
एनएसडीसीके साथ वैश्विक गठबंधन में एचआरएच प्रिंस चार्ल्स का ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट, माइकल एंड सुसान डेल फाउंडेशन (MSDF), द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन (CIFF), एचएसबीसी इंडिया, JSW फाउंडेशन और दुबई केयर्स, एफसीडीओ (यूके सरकार) के साथ शामिल हैं.
एक बयान में कहा गया है कि स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड (एसआईबी) सार्वजनिक, निजी भागीदारों और एक सार्वजनिक निजी भागीदारी संगठन, एनएसडीसी को शामिल करने वाला पहला प्रभाव बांड भी है.
इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन ए एम नाईक ने कहा कि स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड एनएसडीसी और सम्मानित वैश्विक संगठनों और भारत में कौशल परिणामों में सुधार के लिए अपनी दृष्टि साझा करने वाले लोगों का एक सहयोगी प्रयास है.
उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक वित्तीय साधन परोपकार के लिए एक उद्यमशीलता दृष्टिकोण लागू करता है और जवाबदेही सुनिश्चित करता है जो निर्धारित उद्देश्यों की उपलब्धि में योगदान देता है. परियोजना विशेष रूप से महिलाओं के जीवन में एक परिवर्तनकारी प्रभाव डालने की क्षमता है.
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बयान में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दरम्यान लाखों भारतीयों ने अपनी नौकरी खो दी. कोरोना महामारी के दौरान वयस्कों (25 और अधिक उम्र) की तुलना में युवाओं को अधिक नुकसान हुआ है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं को लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने की अधिक संभावना थी.
(पीटीआई)