नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि उद्योग और निर्यातकों को सरकारी सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और इसके बजाए प्रतिस्पर्धी होने पर ध्यान देना चहिए.
उन्होंने यहां कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी कार्यक्रम या महत्वकांक्षी योजना केवल सब्सिडी और सरकारी मदद पर चल सकती है. हमें इस निरंतर प्रयास और मांग से बाहर निकलना है और हमारे उद्योग को सही मायने में प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाना है."
व्यापार बोर्ड और व्यापार विकास एवं संवर्द्धन परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, "पिछले पांच साल में मेरा अपना अनुभव यह है कि जहां कहीं हमने सब्सिडी समाप्त की, उद्योग और व्यापार में वृद्धि और प्रगति हुई."
ये भी पढ़ें: आरटीजीएस, एनईएफटी लेनदेन पर आरबीआई ने शुल्क हटाया; बैंकों को देना होगा ग्राहकों को लाभ
मंत्री ने उद्योग की मजबूती बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया क्योंकि इससे विनिर्माण और निर्यात को गति देने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे अगले पांच साल में 1,000 अरब डॉलर के वस्तुओं तथा 1,000 अरब डॉलर के सेवा निर्यात का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी. साथ ही अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत होगी.
गोयल ने कहा कि उद्योग तथा अन्य संबंधित पक्षों को साथ मिलकर काम करने तथा लॉजिस्टिक तथा औद्योगिक वृद्धि को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये उपलब्ध साधनों का उपयोग करने की जरूरत है.
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को गति देने के लिये सभी प्रतिभागियों से नये विचार मांगते हुए उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि यहां बैठे लोगों में से कोई भी यहां केवल सब्सिडी, राज्य स्तर पर छूट (आरओएसएल), एमईआईएस (निर्यात प्रोत्साहन योजना) की वकालत करने नहीं आया है. मैं चाहता हूं कि आप इससे आगे बढ़े."
मंत्री ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था से एकीकरण की जरूरत है और इससे अंतत: भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा. उच्च स्तरीय संयुक्त बैठक में व्यापार संवर्द्धन परिषद और उद्योग एवं राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ वाणिज्य, राजस्व, पोत परिवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग, नागर विमानन, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, कपड़ा और अन्य मंत्रालयों के सचिव भाग ले रहे हैं. देश का निर्यात 2018-19 में 9 प्रतिशत बढ़कर 331 अरब डॉलर रहा.