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आयकर विभाग ने सीसीडी प्रवर्तक सिद्धार्थ के मामले में कानून के अनुसार काम किया: सूत्र

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Published : Jul 30, 2019, 5:57 PM IST

सिद्धार्थ कर्नाटक में बेंगलुरू से मंगलुरू जाते समय रास्ते में लापता हो गए थे. पत्र में सिद्धार्थ ने कहा है कि आयकर विभाग की ओर से काफी प्रताड़ित किया गया. सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने कानून के प्रावधानों के अनुरूप काम किया है.

आयकर विभाग ने सीसीडी प्रवर्तक सिद्धार्थ के मामले में कानून के अनुसार काम किया: सूत्र

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कैफे कॉफी डे (सीसीडी) प्रवर्तक वी जी सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच में कानून के अनुसार काम किया. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही. सिद्धार्थ द्वारा कथित रूप से लिखा गया एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने आयकर अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

सिद्धार्थ कर्नाटक में बेंगलुरू से मंगलुरू जाते समय रास्ते में लापता हो गए थे. पत्र में सिद्धार्थ ने कहा है कि आयकर विभाग की ओर से काफी प्रताड़ित किया गया. यह हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त करने और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार लेने के तौर पर आया जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया था.

ये भी पढ़ें- भारत का कॉफी किंग लापता, जानिए वीजी सिद्धार्थ की कहानी

उन्होंने कहा कि यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा. आरोपों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि विभाग की ओर से अस्थायी जब्ती की कार्रवाई राजस्व हितों के संरक्षण के लिए की गई थी और वह तलाशी या छापों के दौरान जुटाये गए विश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित था.

सूत्रों ने पीटीआई से कहा, "विभाग ने आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप कार्य किया."

उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को माइंडट्री शेयर की बिक्री से 3200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन सौदे पर देय कुल 300 करोड़ रुपये के न्यूनतम वैकल्पिक कर में से मात्र 46 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

उन्होंने दावा किया कि सिद्धार्थ के नाम के नीचे उनके हस्ताक्षर वाला जो पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है वह विभाग के पास उपलब्ध रिकार्ड से मेल नहीं खाता.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ को आखिरी बार सोमवार रात दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रवती नदी पर एक पुल पर देखा गया था. अधिकारियों ने उनकी तलाश के लिए एक व्यापक अभियान शुरू कर दिया है.

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कैफे कॉफी डे (सीसीडी) प्रवर्तक वी जी सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच में कानून के अनुसार काम किया. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही. सिद्धार्थ द्वारा कथित रूप से लिखा गया एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने आयकर अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

सिद्धार्थ कर्नाटक में बेंगलुरू से मंगलुरू जाते समय रास्ते में लापता हो गए थे. पत्र में सिद्धार्थ ने कहा है कि आयकर विभाग की ओर से काफी प्रताड़ित किया गया. यह हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त करने और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार लेने के तौर पर आया जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया था.

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उन्होंने कहा कि यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा. आरोपों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि विभाग की ओर से अस्थायी जब्ती की कार्रवाई राजस्व हितों के संरक्षण के लिए की गई थी और वह तलाशी या छापों के दौरान जुटाये गए विश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित था.

सूत्रों ने पीटीआई से कहा, "विभाग ने आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप कार्य किया."

उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को माइंडट्री शेयर की बिक्री से 3200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन सौदे पर देय कुल 300 करोड़ रुपये के न्यूनतम वैकल्पिक कर में से मात्र 46 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

उन्होंने दावा किया कि सिद्धार्थ के नाम के नीचे उनके हस्ताक्षर वाला जो पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है वह विभाग के पास उपलब्ध रिकार्ड से मेल नहीं खाता.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ को आखिरी बार सोमवार रात दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रवती नदी पर एक पुल पर देखा गया था. अधिकारियों ने उनकी तलाश के लिए एक व्यापक अभियान शुरू कर दिया है.

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आयकर विभाग ने सीसीडी प्रवर्तक सिद्धार्थ के मामले में कानून के अनुसार काम किया: सूत्र

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने कैफे कॉफी डे (सीसीडी) प्रवर्तक वी जी सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच में कानून के अनुसार काम किया. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही. सिद्धार्थ द्वारा कथित रूप से लिखा गया एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने आयकर अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.

सिद्धार्थ कर्नाटक में बेंगलुरू से मंगलुरू जाते समय रास्ते में लापता हो गए थे. पत्र में सिद्धार्थ ने कहा है कि आयकर विभाग की ओर से काफी प्रताड़ित किया गया. यह हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त करने और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार लेने के तौर पर आया जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया था.

उन्होंने कहा कि यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा. आरोपों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि विभाग की ओर से अस्थायी जब्ती की कार्रवाई राजस्व हितों के संरक्षण के लिए की गई थी और वह तलाशी या छापों के दौरान जुटाये गए विश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित था.

सूत्रों ने पीटीआई से कहा, "विभाग ने आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप कार्य किया." 

उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को माइंडट्री शेयर की बिक्री से 3200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन सौदे पर देय कुल 300 करोड़ रुपये के न्यूनतम वैकल्पिक कर में से मात्र 46 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

उन्होंने दावा किया कि सिद्धार्थ के नाम के नीचे उनके हस्ताक्षर वाला जो पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है वह विभाग के पास उपलब्ध रिकार्ड से मेल नहीं खाता.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ को आखिरी बार सोमवार रात दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रवती नदी पर एक पुल पर देखा गया था. अधिकारियों ने उनकी तलाश के लिए एक व्यापक अभियान शुरू कर दिया है. 

 


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