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आयकर विभाग ने बैंकों के लिये ग्राहकों की आयकर रिटर्न देखने की सुविधा शुरू की

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Published : Sep 3, 2020, 10:26 AM IST

Updated : Sep 3, 2020, 10:33 AM IST

इस सुविधा से रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले लोगों पर नजर रखी जा सकेगी. जो रिटर्न दाखिल नहीं करते उनके नकदी निकासी पर नजर रखने के साथ ही कालेधन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.

आयकर विभाग ने बैंकों के लिये ग्राहकों की आयकर रिटर्न देखने की सुविधा शुरू की
आयकर विभाग ने बैंकों के लिये ग्राहकों की आयकर रिटर्न देखने की सुविधा शुरू की

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिये अपने किसी ग्राहक द्वारा दाखिल की गई आयकर रिटर्न को देखने की सुविधा शुरू कर दी है. बैंक संबंधित ग्राहक के स्थायी खाता संख्या (पैन) के मुताबिक उसकी दाखिल रिटर्न के बारे में जानकारी ले सकेंगे.

आयकर विभाग का कहना है कि आंकड़ों से पता चला है कि भारी मात्रा में नकदी निकालने वाले व्यक्तियों ने कभी भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की.

ये भी पढ़ें- साल 2019 में 43 हजार दिहाड़ी मजदूर और किसानों ने की आत्महत्या

इस सुविधा से रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले लोगों पर नजर रखी जा सकेगी. जो रिटर्न दाखिल नहीं करते उनके नकदी निकासी पर नजर रखने के साथ ही कालेधन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इन बातों को ध्यान में रखते हुये वित्त विधेयक 2020 में एक जुलाई 2020 से रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिये टीडीएस को अमल लाने के लिहाज से नकदी निकासी की सीमा को घटकर 20 लाख रुपये कर दिया गया. इस संबंध में आयकर कानून 1961 में वित्त विधेयक में संशोधन किया गया.

इसमें रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों की एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) पांच प्रतिशत की ऊंची दर से काटने का भी प्रावधान किया गया.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आयकर विभाग की उस सूची में शामिल कर दिया है जिनके साथ आयकर विभाग सूचनायें साझा कर सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिये अपने किसी ग्राहक द्वारा दाखिल की गई आयकर रिटर्न को देखने की सुविधा शुरू कर दी है. बैंक संबंधित ग्राहक के स्थायी खाता संख्या (पैन) के मुताबिक उसकी दाखिल रिटर्न के बारे में जानकारी ले सकेंगे.

आयकर विभाग का कहना है कि आंकड़ों से पता चला है कि भारी मात्रा में नकदी निकालने वाले व्यक्तियों ने कभी भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की.

ये भी पढ़ें- साल 2019 में 43 हजार दिहाड़ी मजदूर और किसानों ने की आत्महत्या

इस सुविधा से रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले लोगों पर नजर रखी जा सकेगी. जो रिटर्न दाखिल नहीं करते उनके नकदी निकासी पर नजर रखने के साथ ही कालेधन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इन बातों को ध्यान में रखते हुये वित्त विधेयक 2020 में एक जुलाई 2020 से रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिये टीडीएस को अमल लाने के लिहाज से नकदी निकासी की सीमा को घटकर 20 लाख रुपये कर दिया गया. इस संबंध में आयकर कानून 1961 में वित्त विधेयक में संशोधन किया गया.

इसमें रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों की एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) पांच प्रतिशत की ऊंची दर से काटने का भी प्रावधान किया गया.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आयकर विभाग की उस सूची में शामिल कर दिया है जिनके साथ आयकर विभाग सूचनायें साझा कर सकता है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 3, 2020, 10:33 AM IST

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