नई दिल्ली: आयकर विभाग ने मंगलवार को दूसरी बार कंपनियों के लिये उनकी कर आडिट रिपोर्ट में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) और सामान्य कर- परिवर्जन रोधी (गार) ब्यौरे को शामिल करने की जरूरत को आगे के लिये टाल दिया है.
आयकर विभाग ने कहा है कि आयकर आडिट में जीएसटी और गार का ब्यौरा शामिल करने को 31 मार्च 2020 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है यानी मार्च 2020 तक आयकर की आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार के बारे में ब्यौरा देने की आवश्यकता नहीं है.
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एक करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाली व्यावसायिक इकाइयों और अनुमान के आधार पर कर देने वाली इकाईयों के मामले में दो करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली इकाइयों को तथा 50 लाख रुपये से अधिक की सकल प्राप्तियां करने वाले पेशेवरों को अपने खातों को कर आडिट रिपोर्ट की आवश्यकता होती है.
इन फर्मों कंपनियों को यह रिपोर्ट 30 सितंबर तक जमा करानी होगी. करदाता इकाई यदि ट्रांसफर प्राइसिंग प्रावधान के दायरे में आता है तब ऐसी कंपनियों के लिये इसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर रखी गई है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा है कि बोर्ड को इस संबंध में ज्ञापन मिले थे.
बोर्ड को गार से संबंधित अनुच्छेद 30सी और जीएसटी से जुड़े अनुच्छेद 44 के तहत फार्म नंबर 3सीडी में रिपोर्टिंग करने की आवश्यकता को आगे के लिये टाल देना चाहिये. आयकर विभाग के मंगलवार के ताजा आदेश के बाद कर आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार का ब्यौरा देने की आवश्यकता को 31 मार्च 2020 तक के लिये टाल दिया गया है.
कर आडिट रिपोर्ट में जीएसटी, गार रिपोर्टिंग को मार्च 2020 तक के लिये टाला गया - Tax Audit Report
आयकर विभाग ने कहा है कि आयकर आडिट में जीएसटी और गार का ब्यौरा शामिल करने को 31 मार्च 2020 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है यानी मार्च 2020 तक आयकर की आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार के बारे में ब्यौरा देने की आवश्यकता नहीं है.
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने मंगलवार को दूसरी बार कंपनियों के लिये उनकी कर आडिट रिपोर्ट में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) और सामान्य कर- परिवर्जन रोधी (गार) ब्यौरे को शामिल करने की जरूरत को आगे के लिये टाल दिया है.
आयकर विभाग ने कहा है कि आयकर आडिट में जीएसटी और गार का ब्यौरा शामिल करने को 31 मार्च 2020 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है यानी मार्च 2020 तक आयकर की आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार के बारे में ब्यौरा देने की आवश्यकता नहीं है.
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एक करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाली व्यावसायिक इकाइयों और अनुमान के आधार पर कर देने वाली इकाईयों के मामले में दो करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली इकाइयों को तथा 50 लाख रुपये से अधिक की सकल प्राप्तियां करने वाले पेशेवरों को अपने खातों को कर आडिट रिपोर्ट की आवश्यकता होती है.
इन फर्मों कंपनियों को यह रिपोर्ट 30 सितंबर तक जमा करानी होगी. करदाता इकाई यदि ट्रांसफर प्राइसिंग प्रावधान के दायरे में आता है तब ऐसी कंपनियों के लिये इसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर रखी गई है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा है कि बोर्ड को इस संबंध में ज्ञापन मिले थे.
बोर्ड को गार से संबंधित अनुच्छेद 30सी और जीएसटी से जुड़े अनुच्छेद 44 के तहत फार्म नंबर 3सीडी में रिपोर्टिंग करने की आवश्यकता को आगे के लिये टाल देना चाहिये. आयकर विभाग के मंगलवार के ताजा आदेश के बाद कर आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार का ब्यौरा देने की आवश्यकता को 31 मार्च 2020 तक के लिये टाल दिया गया है.
कर आडिट रिपोर्ट में जीएसटी, गार रिपोर्टिंग को मार्च 2020 तक के लिये टाला गया
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने मंगलवार को दूसरी बार कंपनियों के लिये उनकी कर आडिट रिपोर्ट में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) और सामान्य कर- परिवर्जन रोधी (गार) ब्यौरे को शामिल करने की जरूरत को आगे के लिये टाल दिया है.
आयकर विभाग ने कहा है कि आयकर आडिट में जीएसटी और गार का ब्यौरा शामिल करने को 31 मार्च 2020 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है यानी मार्च 2020 तक आयकर की आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार के बारे में ब्यौरा देने की आवश्यकता नहीं है.
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इन फर्मों कंपनियों को यह रिपोर्ट 30 सितंबर तक जमा करानी होगी. करदाता इकाई यदि ट्रांसफर प्राइसिंग प्रावधान के दायरे में आता है तब ऐसी कंपनियों के लिये इसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर रखी गई है. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा है कि बोर्ड को इस संबंध में ज्ञापन मिले थे.
बोर्ड को गार से संबंधित अनुच्छेद 30सी और जीएसटी से जुड़े अनुच्छेद 44 के तहत फार्म नंबर 3सीडी में रिपोर्टिंग करने की आवश्यकता को आगे के लिये टाल देना चाहिये. आयकर विभाग के मंगलवार के ताजा आदेश के बाद कर आडिट रिपोर्ट में जीएसटी और गार का ब्यौरा देने की आवश्यकता को 31 मार्च 2020 तक के लिये टाल दिया गया है.
Conclusion: