हैदराबाद: नया साल दस्तक देने को तैयार है और ये ऐसा वक्त है जब कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते हैं. क्या आप भी 2020 के लिए अपने पोर्टफोलियो को बनाने या संशोधित करने के लिए कमर कस रहे हैं? लेकिन सोच रहे हैं कि बेहतरीन रिटर्न पाने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश कहां करें? इक्विटी, गोल्ड, बैंक एफडी या संपत्ति?
किसी भी वर्ग में निवेश करने से पहले वित्तीय लक्ष्यों, रिटर्न और जोखिम को ध्यान में रखना चाहिए. एक व्यक्ति को निवेश से पहले उसे उसकी अपेक्षाओं को जानना होगा और अपने लिए एक आदर्श निवेश विकल्प चुनना होगा. 2020 के लिए नई निवेश रणनीति बनाने से पहले 2019 में इक्विटी, गोल्ड, रियल एस्टेट और बैंक एफडी के प्रदर्शन नजर जरुर डालें.
इक्विटी
भारतीय शेयर बाजार 2019 में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है. निफ्टी 50 ने निवेशकों को लगभग 13% रिटर्न दिया है जो इतना प्रभावशाली नहीं है. आर्थिक मंदी और एफपीआई पर टैक्स लगाने से निवेशकों को नुकसान हुआ. इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में कमजोरी और कॉरपोरेट जगत की कम आय ने पिछले महीनों में निवेशकों का मूड भी खराब कर दिया है.
सोना
यह किसी भी भारतीय के लिए निवेश का सबसे आम तरीका है. भारत में कई परिवार एक संपत्ति के साधन के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक इसे पास करने के लिए सोने का खजाना रखते हैं. सोने में निवेश का सबसे अच्छा बात यह है कि आप अपने निवेश की क्षमता के आधार पर निवेश कर सकते हैं. यदि हम 2019 में सोने बनाम इक्विटी प्रदर्शन के प्रदर्शन को देखें, तो सोना बेहतर प्रदर्शन किया है. सोने ने 2019 में लगभग 23% रिटर्न दिया है जो कि इक्विटी से काफी बेहतर है. हालांकि, आर्थिक संकट के समय में सोना एक बेहतर निवेश माना जाता है.
बैंक फिक्स डिपॉजिट
बैंक फिक्स डिपॉजिट एक पारंपरिक निवेश विकल्प है जहां एक निवेशक एक निश्चित अवधि के लिए अपने पैसे का निवेश करता है और उस पर ब्याज कमाता है. 2019 में बैंकिंग प्रणाली निवेशकों को प्रभावित करने में विफल रही है क्योंकि जमा दरें लगातार गिर रही हैं. निफ्टी पीएसयू बैंक इसी अवधि में सबसे बड़ी गिरावट में से एक है. इंडेक्स भयानक घोटाले, एनपीए और एनबीएफसी संकट के कारण करीब 19% गिर गया है. अधिकांश बैंक एफडी पर 7.5-8% ब्याज प्रदान कर रहे हैं जो आकर्षक नहीं है. रूढ़िवादी निवेशकों के लिए बैंक एफडी अच्छा विकल्प हैं.
रियल एस्टेट
साल 2019 रियल एस्टेट के लिए भी एक बड़ा साल रहा है. आवासीय संपत्ति निवेशकों को कोई राहत देने में विफल रही. संपत्ति ब्रोकरेज फर्म एनारॉक के अनुसार 2019 में आवास की बिक्री में 4-5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि वर्ष के दौरान 2.58 लाख से अधिक घरों की बिक्री हुई. कुल मिलाकर बिक्री में 8% की वृद्धि देखी गई है. हालांकि, इस क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण नाजुक बाजार की स्थितियों के कारण नकारात्मक रहने वाला है.
इन कारणों और बाजार के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, एक पोर्टफोलियो में इक्विटी (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) में 30-40% निवेश शामिल हो सकता है, बाकी को निश्चित आय प्रतिभूतियों, सोने और अचल संपत्ति के बीच विभाजित किया जा सकता है. औसत रिस्क प्रोफाइल वाले निवेशकों को सुरक्षित फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे बैंक डिपॉजिट और सरकारी बॉन्ड में 30-40% और इक्विटी में 30-40% करने की राय है.
हैप्पी इन्वेस्टिंग !
(लेखक- इंदु चौधरी. ये एक मुंबई की पर्सनल फाइनेंस विशेषज्ञ हैं.)
डिस्क्लेमर: ऊपर व्यक्त किए गए विचार और निवेश टिप्स केवल लेखक के हैं और ईटीवी भारत या उसके प्रबंधन के नहीं हैं. ईटीवी भारत निवेशकों को किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लेने की सलाह देता है.