मुंबई: परोपकार और जन हितैषी कामों के लिए धन देन के मामले में सबसे अमीर भारतीय, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी तीसरे स्थान पर रहे हैं, जबकि आईटी सेक्टर की कंपनी एचसीएल टेक्नॉलजी के प्रमुख शिव नाडर इस सूची में सबसे ऊपर हैं.
एडलगिव हुरुन इंडिया की परोपकारी लोगों की सूची-2019 में अजीम प्रेमजी दूसरे स्थान पर रहे हैं. प्रेमजी ने 21 अरब डॉलर परमार्थ कार्यों के लिए देने की घोषणा की है जिसकी काफी चर्चा हुई थी.
भारतीय कॉर्पोरेट जगत लंबे समय से सामाजिक कार्यों के लिए खर्च करता रहा है. लेकिन 2013 में कंपनी कानून में एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने, मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए अपने मुनाफे का 2 प्रतिशत कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च करने को अनिवार्य कर दिया.
बहरहाल, परोपकारी लोगों की इस सूची में कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी और साक्षात्कार शामिल किए गए हैं. सूची के अनुसार नाडर और उनके परिवार ने परमार्थ कार्यों के लिए 826 करोड़ रुपये दिए हैं. वहीं प्रेमजी ने 453 करोड़ रुपये और मुकेश अंबानी ने 402 करोड़ रुपये परोपकार के लिए दिए हैं.
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एडलगिव फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी विद्या शाह ने कहा कि अभी भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिनकों लेकर उद्यमियों के मन में परमार्थ कार्यों के लिए अधिक देने को लेकर संशय रहता है. सामाजिक कार्यों के लिए पांच करोड़ रुपये से अधिक धन देने वाले भारतीयों की संख्या हालांकि इस दौरान बढ़कर 72 हो गई है. वर्ष 2018 में यह संख्या 38 थी.
इस अवधि में परमार्थ कार्यों के लिए दी गई राशि दोगुना होकर 4,391 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. इनमें से आधी राशि व्यक्तिगत रूप से दिए गए दान से आई है. शेष का योगदान कंपनियों ने दिया है. परमार्थ कार्य के रूप में सबसे पसंदीदा क्षेत्र शिक्षा है. उसके बाद स्वास्थ्य का स्थान आता है. इन्फोसिस के सह संस्थाप नंदन नीलेकणि और उनकी पत्नी रोहिणी ने सामाजिक मंचों के जरिए परमार्थ कार्यों के लिए 346 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.