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घृणित सामग्री: दिल्ली विधानसभा पैनल ने फेसबुक अधिकारियों को किया तलब

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Published : Aug 17, 2020, 8:01 PM IST

अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है. इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.

घृणित सामग्री: दिल्ली विधानसभा पैनल ने फेसबुक अधिकारियों को किया तलब
घृणित सामग्री: दिल्ली विधानसभा पैनल ने फेसबुक अधिकारियों को किया तलब

नई दिल्ली: शांति और सद्भाव पर दिल्ली विधानसभा के एक पैनल ने सोमवार को कहा कि वह फेसबुक के अधिकारियों को भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की घृणित सामग्री पर कथित "जानबूझकर और निष्क्रियता" के बारे में शिकायतों को लेकर तलब करेगा.

अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है. इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.

दिल्ली विधानसभा समिति के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्राप्त शिकायतों में लगाए गए आरोपों पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद, आप विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाले पैनल ने इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का फैसला किया है.

उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है.

ये भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं कि कोविड-19 आपकी जेब पर क्या प्रभाव डाल रहा है?

इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.

फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली: शांति और सद्भाव पर दिल्ली विधानसभा के एक पैनल ने सोमवार को कहा कि वह फेसबुक के अधिकारियों को भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की घृणित सामग्री पर कथित "जानबूझकर और निष्क्रियता" के बारे में शिकायतों को लेकर तलब करेगा.

अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है. इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.

दिल्ली विधानसभा समिति के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्राप्त शिकायतों में लगाए गए आरोपों पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद, आप विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाले पैनल ने इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेने का फैसला किया है.

उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है.

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इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.

फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है.

(पीटीआई)

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