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हरियाणा: लॉकडाउन से खेती को हुआ नुकसान, फूल फेंकने को मजबूर हुए किसान

अप्रैल में विवाह-शादियों का समय शुरू होता है. किसानों को उम्मीद थी कि उनके फूलों की अच्छी कीमत मिलेगी और मुनाफा भी होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन ने इन किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

हरियाणा: लॉकडाउन से खेती को हुआ नुकसान, फूल फेंकने को मजबूर हुए किसान
हरियाणा: लॉकडाउन से खेती को हुआ नुकसान, फूल फेंकने को मजबूर हुए किसान
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Published : Mar 30, 2020, 2:48 PM IST

जींद: शादी-विवाह के मौसम में अच्छी-खासी कमाई का सपना संजोये फूलों की खेती करने वाले किसानों के अरमानों पर कोरोना वायरस महामारी ने पानी फेर दिया. सरकार ने इस महामारी पर काबू पाने के लिये 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिये पूरे देश में लॉकडाउन (बंद) लागू किया है.

अप्रैल में विवाह-शादियों का समय शुरू होता है. किसानों को उम्मीद थी कि उनके फूलों की अच्छी कीमत मिलेगी और मुनाफा भी होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन ने इन किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

ये भी पढ़ें- आईबीबीआई ने दिवाला समाधान प्रक्रिया की समयसीमा में छूट दी

किसान फूलों को तोड़ कर फैंकने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी तरफ भी देखे और उन्हें भी आर्थिक सहायता दी जानी चाहिये. जींद जिले के अहिरका गांव के किसान बताते हैं कि फूलों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

गेंदे के फूल 40 से 50 रुपये किलो, गुलाब के फूल 70 से 80 रुपये, व्हाइट का फूल 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सभी गतिविधियों पर रोक लगी है जिससे फूलों की मांग नहीं रह गई.

अब हालात यह हैं कि कोई पांच रुपये किलो भी फूल लेने को तैयार नहीं है. गांव के ही एक अन्य किसान ने बताया कि देशभर में लोक डाउन के कारण मंदिर बंद हैं, विवाह व अन्य सामाजिक समारोहों पर रोक लगी हुई है. जिन किसानों ने अपनी फूलों की खेती की थी वह बर्बादी की कगार पर हैं. ऐसे में सरकार को उनकी सुध लेनी चाहिये और उन्हें आर्थिक सहायता दी जानी चाहिये.

(आईएएनएस)

जींद: शादी-विवाह के मौसम में अच्छी-खासी कमाई का सपना संजोये फूलों की खेती करने वाले किसानों के अरमानों पर कोरोना वायरस महामारी ने पानी फेर दिया. सरकार ने इस महामारी पर काबू पाने के लिये 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिये पूरे देश में लॉकडाउन (बंद) लागू किया है.

अप्रैल में विवाह-शादियों का समय शुरू होता है. किसानों को उम्मीद थी कि उनके फूलों की अच्छी कीमत मिलेगी और मुनाफा भी होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में लागू लॉकडाउन ने इन किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

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किसान फूलों को तोड़ कर फैंकने को मजबूर हैं. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी तरफ भी देखे और उन्हें भी आर्थिक सहायता दी जानी चाहिये. जींद जिले के अहिरका गांव के किसान बताते हैं कि फूलों की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

गेंदे के फूल 40 से 50 रुपये किलो, गुलाब के फूल 70 से 80 रुपये, व्हाइट का फूल 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सभी गतिविधियों पर रोक लगी है जिससे फूलों की मांग नहीं रह गई.

अब हालात यह हैं कि कोई पांच रुपये किलो भी फूल लेने को तैयार नहीं है. गांव के ही एक अन्य किसान ने बताया कि देशभर में लोक डाउन के कारण मंदिर बंद हैं, विवाह व अन्य सामाजिक समारोहों पर रोक लगी हुई है. जिन किसानों ने अपनी फूलों की खेती की थी वह बर्बादी की कगार पर हैं. ऐसे में सरकार को उनकी सुध लेनी चाहिये और उन्हें आर्थिक सहायता दी जानी चाहिये.

(आईएएनएस)

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