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विशेष: होली से पहले 'विवाद से विश्वास' योजना अधिसूचित कर सकती है सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लंबित कर विवादों के समाधान के लिए बजट में विवाद से विश्वास योजना की घोषणा की थी. वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानन्द त्रिपाठी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार इस योजना को होली से पहले अधिसूचित करने की दिशा में काम कर रही है.

बिजनेस न्यूज, Govt to notify Vivad Se Vishwas Scheme before Holi, होली से पहले 'विवाद से विश्वास' योजना अधिसूचित कर सकती है सरकार
विशेष: होली से पहले 'विवाद से विश्वास' योजना अधिसूचित कर सकती है सरकार
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Published : Mar 2, 2020, 11:58 AM IST

Updated : Mar 3, 2020, 3:30 AM IST

नई दिल्ली: आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू गया है. वित्त मंत्रालय इस सप्ताह प्रत्यक्ष कर माफी योजना को लागू करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहा है. पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में माफी योजना की घोषणा की थी.

सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी को बताया कि, "हम होली के त्योहार से पहले योजना को सूचित करेंगे."

बता दें कि अपीलकर्ता, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न मंचों के समक्ष 4.8 लाख से अधिक प्रत्यक्ष कर विवाद लंबित हैं. लगभग 9 लाख करोड़ रुपये की राशि इन मामलों में फंसी हुई है और सरकार को आशावादी योजना के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि की उम्मीद है.

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि एक करदाता को केवल विवादित कर का भुगतान करने की आवश्यकता होगी और वह 31 मार्च से पहले भुगतान करने पर किसी भी ब्याज या जुर्माना का भुगतान करने से पूरी छूट प्राप्त करेगा.

ये भी पढ़ें- फरवरी में जीएसटी संग्रह पहुंचा 1.05 लाख करोड़, लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ से रहा ऊपर

सरकार 31 मार्च को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष में इस योजना से एक बड़ा राजस्व प्राप्त करने की उम्मीद कर रही है. यह राजस्व घाटे को कम करेगी क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार का कर संग्रह अपने बजट से 2.5 लाख करोड़ रुपये कम होने की उम्मीद है.

हालांकि, प्रत्यक्ष कर माफी योजना जून के अंत तक खुली रहेगी, लेकिन इस महीने के बाद योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को कर देय राशि के पूर्ण भुगतान के अलावा अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा. यह योजना किसी भी स्तर पर लंबित सभी कर विवादों को कवर करेगी.

मार्च के बाद रियायती शर्तें उपलब्ध नहीं

हालांकि यह योजना इस साल 30 जून तक खुली रहेगी, लेकिन कर मशीनरी का जोर चालू वित्त वर्ष में अधिकतम राजस्व को बढ़ावा देना है. रिपोर्टों के अनुसार, सीबीडीटी ने सप्ताहांत के दौरान कर अधिकारी से काम करने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजना के तहत लक्ष्य पूरी तरह हासिल हो सके.

इसने फील्ड अधिकारियों को यह भी बता दिया है कि उनके प्रदर्शन मूल्यांकन को विवाद से विश्वास (कोई विवाद नहीं बल्कि विश्वास) योजना को लागू करने में उनके प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा.

सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "हम मार्च के बाद रियायती शर्तों का विस्तार नहीं करेंगे."

कुछ विशेषज्ञों ने योजना का लाभ उठाने के लिए उपलब्ध सीमित समय पर सवाल उठाया है, भले ही इस सप्ताह इस योजना को अधिसूचित किया गया हो, करदाताओं के लिए एक महीने से भी कम समय लगेगा.

उन्होंने कहा, "योजना का विवरण पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र में है. और जो करदाता इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे पहले से ही अपना काम कर चुके हैं."

नई दिल्ली: आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू गया है. वित्त मंत्रालय इस सप्ताह प्रत्यक्ष कर माफी योजना को लागू करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहा है. पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में माफी योजना की घोषणा की थी.

सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी को बताया कि, "हम होली के त्योहार से पहले योजना को सूचित करेंगे."

बता दें कि अपीलकर्ता, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न मंचों के समक्ष 4.8 लाख से अधिक प्रत्यक्ष कर विवाद लंबित हैं. लगभग 9 लाख करोड़ रुपये की राशि इन मामलों में फंसी हुई है और सरकार को आशावादी योजना के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि की उम्मीद है.

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि एक करदाता को केवल विवादित कर का भुगतान करने की आवश्यकता होगी और वह 31 मार्च से पहले भुगतान करने पर किसी भी ब्याज या जुर्माना का भुगतान करने से पूरी छूट प्राप्त करेगा.

ये भी पढ़ें- फरवरी में जीएसटी संग्रह पहुंचा 1.05 लाख करोड़, लगातार पांचवें महीने एक लाख करोड़ से रहा ऊपर

सरकार 31 मार्च को समाप्त होने वाले इस वित्तीय वर्ष में इस योजना से एक बड़ा राजस्व प्राप्त करने की उम्मीद कर रही है. यह राजस्व घाटे को कम करेगी क्योंकि इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार का कर संग्रह अपने बजट से 2.5 लाख करोड़ रुपये कम होने की उम्मीद है.

हालांकि, प्रत्यक्ष कर माफी योजना जून के अंत तक खुली रहेगी, लेकिन इस महीने के बाद योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को कर देय राशि के पूर्ण भुगतान के अलावा अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा. यह योजना किसी भी स्तर पर लंबित सभी कर विवादों को कवर करेगी.

मार्च के बाद रियायती शर्तें उपलब्ध नहीं

हालांकि यह योजना इस साल 30 जून तक खुली रहेगी, लेकिन कर मशीनरी का जोर चालू वित्त वर्ष में अधिकतम राजस्व को बढ़ावा देना है. रिपोर्टों के अनुसार, सीबीडीटी ने सप्ताहांत के दौरान कर अधिकारी से काम करने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजना के तहत लक्ष्य पूरी तरह हासिल हो सके.

इसने फील्ड अधिकारियों को यह भी बता दिया है कि उनके प्रदर्शन मूल्यांकन को विवाद से विश्वास (कोई विवाद नहीं बल्कि विश्वास) योजना को लागू करने में उनके प्रदर्शन से जोड़ा जाएगा.

सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया, "हम मार्च के बाद रियायती शर्तों का विस्तार नहीं करेंगे."

कुछ विशेषज्ञों ने योजना का लाभ उठाने के लिए उपलब्ध सीमित समय पर सवाल उठाया है, भले ही इस सप्ताह इस योजना को अधिसूचित किया गया हो, करदाताओं के लिए एक महीने से भी कम समय लगेगा.

उन्होंने कहा, "योजना का विवरण पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र में है. और जो करदाता इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे पहले से ही अपना काम कर चुके हैं."

Last Updated : Mar 3, 2020, 3:30 AM IST

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