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सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3,971.31 करोड़ रुपये के सब्सिडीयुक्त ऋण को मंजूरी दी

सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लागू करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत बनाए गए सूक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) के तहत ब्याज छूट के साथ कर्ज दिया जा रहा है. वर्ष 2019-20 में चालू किए गए इस फंड की कुल राशि 5,000 करोड़ रुपये है.

सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3,971.31 करोड़ रुपये के सब्सिडीयुक्त ऋण को मंजूरी दी
सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3,971.31 करोड़ रुपये के सब्सिडीयुक्त ऋण को मंजूरी दी
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Published : Nov 20, 2020, 4:34 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लागू करने के लिए 3,971.31 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है, जिसके लिए सब्सिडी दी जाएगी और सबसे अधिक ऋण तमिलनाडु के लिए मंजूर किया गया है.

सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लागू करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत बनाए गए सूक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) के तहत ब्याज छूट के साथ कर्ज दिया जा रहा है. वर्ष 2019-20 में चालू किए गए इस फंड की कुल राशि 5,000 करोड़ रुपये है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एमआईएफ की संचालन समिति ने 3,971.31 करोड़ रुपये के ऋण के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन के दौरान इस फसल की खेती कर किसान बना लखपति

इसमें तमिलनाडु के लिए सबसे अधिक 1,357.93 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है, जिसके बाद हरियाणा के लिए 790.94 करोड़ रुपये, गुजरात के लिए 764.13 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश के लिए 616.13 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल के लिए 276.55 करोड़ रुपये, पंजाब के लिए 150 करोड़ रुपये और उत्तराखंड के लिए 15.63 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

हालांकि, नाबार्ड ने अभी तक राज्यों को कुल 1,754.60 करोड़ रुपये की ऋण राशि जारी की है. इसमें से लगभग 659.70 करोड़ रुपये हरियाणा, तमिलनाडु और गुजरात को दिए गए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लागू करने के लिए 3,971.31 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है, जिसके लिए सब्सिडी दी जाएगी और सबसे अधिक ऋण तमिलनाडु के लिए मंजूर किया गया है.

सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को लागू करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तहत बनाए गए सूक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) के तहत ब्याज छूट के साथ कर्ज दिया जा रहा है. वर्ष 2019-20 में चालू किए गए इस फंड की कुल राशि 5,000 करोड़ रुपये है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि एमआईएफ की संचालन समिति ने 3,971.31 करोड़ रुपये के ऋण के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

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इसमें तमिलनाडु के लिए सबसे अधिक 1,357.93 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया है, जिसके बाद हरियाणा के लिए 790.94 करोड़ रुपये, गुजरात के लिए 764.13 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश के लिए 616.13 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल के लिए 276.55 करोड़ रुपये, पंजाब के लिए 150 करोड़ रुपये और उत्तराखंड के लिए 15.63 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

हालांकि, नाबार्ड ने अभी तक राज्यों को कुल 1,754.60 करोड़ रुपये की ऋण राशि जारी की है. इसमें से लगभग 659.70 करोड़ रुपये हरियाणा, तमिलनाडु और गुजरात को दिए गए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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