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सरकार ने देश में उत्पादित गैस के बिक्री मूल्यों में 12 प्रतिशत से अधिक की कटौती की

ओएनजीसी और आयल इंडिया ही देश में घरेलू स्तर पर अधिकतर गैस का उत्पादन करते हैं. यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने दी है. घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम में एक अप्रैल 2017 के बाद से यह पहली कटौती है.

सरकार ने देश में उत्पादित गैस के बिक्री मूल्यों में 12 प्रतिशत से अधिक की कटौती की
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Published : Sep 30, 2019, 10:43 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 4:17 PM IST

नई दिल्ली: सरकार ने करीब ढाई साल बाद पहली बार देश में निकाली जा रही प्राकृतिक गैस के दाम में 12 प्रतिशत कटौती की है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस का दाम 3.69 डालर से घटाकर 3.23 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया गया है. यह दाम एक अक्टूबर 2019 से छह माह तक बरकरार रहेगा.

ओएनजीसी और आयल इंडिया ही देश में घरेलू स्तर पर अधिकतर गैस का उत्पादन करते हैं. यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने दी है. घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम में एक अप्रैल 2017 के बाद से यह पहली कटौती है.

इसी प्रकार सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम को 9.32 डालर से घटाकर 8.43 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया. रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी- डी6 तेल एव गैस ब्लॉक को गैस उत्पादन के लिहाज से मुश्किल क्षेत्र की श्रेणी में रखा जाता है.

ये भी पढ़ें: चालू वित्त वर्ष में भारत की वास्तविक वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रहेगी: ईआईयू

सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार-एक अप्रैल और एक अक्टूबर- को वैश्विक बाजार की घटबढ को देखते हुये तय करती है. इस गैस का उवर्रक, बिजली कारखानों और सीएनजी में परिवर्तित करने के लिये इस्तेमाल किया जाता है.

वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछले कांग्रेस सरकार के समय तय फार्मूले को खारिज कर दिया था और नया फार्मुला बनाया.

नई दिल्ली: सरकार ने करीब ढाई साल बाद पहली बार देश में निकाली जा रही प्राकृतिक गैस के दाम में 12 प्रतिशत कटौती की है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस का दाम 3.69 डालर से घटाकर 3.23 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया गया है. यह दाम एक अक्टूबर 2019 से छह माह तक बरकरार रहेगा.

ओएनजीसी और आयल इंडिया ही देश में घरेलू स्तर पर अधिकतर गैस का उत्पादन करते हैं. यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने दी है. घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम में एक अप्रैल 2017 के बाद से यह पहली कटौती है.

इसी प्रकार सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम को 9.32 डालर से घटाकर 8.43 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया. रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी- डी6 तेल एव गैस ब्लॉक को गैस उत्पादन के लिहाज से मुश्किल क्षेत्र की श्रेणी में रखा जाता है.

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सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार-एक अप्रैल और एक अक्टूबर- को वैश्विक बाजार की घटबढ को देखते हुये तय करती है. इस गैस का उवर्रक, बिजली कारखानों और सीएनजी में परिवर्तित करने के लिये इस्तेमाल किया जाता है.

वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछले कांग्रेस सरकार के समय तय फार्मूले को खारिज कर दिया था और नया फार्मुला बनाया.

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नई दिल्ली: सरकार ने करीब ढाई साल बाद पहली बार देश में निकाली जा रही प्राकृतिक गैस के दाम में 12 प्रतिशत कटौती की है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस का दाम 3.69 डालर से घटाकर 3.23 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया गया है. यह दाम एक अक्टूबर 2019 से छह माह तक बरकरार रहेगा.

ओएनजीसी और आयल इंडिया ही देश में घरेलू स्तर पर अधिकतर गैस का उत्पादन करते हैं. यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने दी है. घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम में एक अप्रैल 2017 के बाद से यह पहली कटौती है.

इसी प्रकार सरकार ने मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम को 9.32 डालर से घटाकर 8.43 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) कर दिया. रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी- डी6 तेल एव गैस ब्लॉक को गैस उत्पादन के लिहाज से मुश्किल क्षेत्र की श्रेणी में रखा जाता है.

सरकार देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम साल में दो बार-एक अप्रैल और एक अक्टूबर- को वैश्विक बाजार की घटबढ को देखते हुये तय करती है. इस गैस का उवर्रक, बिजली कारखानों और सीएनजी में परिवर्तित करने के लिये इस्तेमाल किया जाता है.

वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पिछले कांग्रेस सरकार के समय तय फार्मूले को खारिज कर दिया था और नया फार्मुला बनाया.

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Last Updated : Oct 2, 2019, 4:17 PM IST
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