नई दिल्ली: सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लिमिटेड को 66 छोटे गैस एवं तेल क्षेत्र निजी कंपनियों को बेचने को कहा है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इसकी जानकारी दी.
तेल एवं गैस का घरेलू उत्पादन बढ़ाने तथा आयात पर निर्भरता कम करने की नयी नीति के तहत ऐसा किया जा रहा है. प्रधान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने सभी संभावित क्षेत्रों में तेल एवं गैस खोज के दायरे में लाने के लिये दो साल पुरानी नीति को त्याग दिया है.
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पुरानी नीति के तहत परियोजना की कमाई में सरकार को सबसे ज्यादा हिस्सा देने की पेशकश करने वाली कंपनी को ठेका दिया जाता था. नयी प्रणाली के तहत कुओं की खुदाई, सिस्मिक शूटिंग आदि कार्यों के आधार पर ठेके दिये जाएंगे. इसमें कंपनी को रायल्टी और उपकर का भुगतान करना होगा.
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के पास कुल 184 तेल एवं गैस क्षेत्र हैं. इन कंपनियों को कहा गया है कि वे इन 184 क्षेत्रों में से 66 क्षेत्रों में निजी तथा विदेशी कंपनियों को शामिल करने की छूट देने को कहा है. ये 66 क्षेत्र कुल 360 लाख टन के सालाना उत्पादन में 95 प्रतिशत योगदान देते हैं.
इनके अलावा 52 क्षेत्रों को ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया को अपने पास रखने की छूट दी गयी है. इनमें 49 क्षेत्र ओएनजीसी के तथा तीन क्षेत्र ऑयल इंडिया के हैं. शेष 66 क्षेत्र निजी कंपनियों को नीलाम किए जाएंगे तथा इनमें ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को राजस्व में हिस्सेदारी मिलेगी. इनमें 64 क्षेत्र ओएनजीसी के हैं तथा दो क्षेत्र ऑयल इंडिया के पास हैं. ये 66 क्षेत्र कुल उत्पादन में करीब पांच प्रतिशत का योगदान देते हैं.
(भाषा)