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वीवीआईपी की उड़ानों को लेकर एयर इंडिया का 822 करोड़ रुपये से अधिक बकाया

कंपनी ने एक आरटीआई आवेदन के उत्तर में बुधवार को बताया कि वीवीआईपी की चार्टर उड़ानों को लेकर 30 नवंबर 2019 तक उसका 822 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था.

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Published : Feb 6, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 10:33 AM IST

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वीवीआईपी की उड़ानों को लेकर एयर इंडिया का 822 करोड़ रुपये से अधिक बकाया

नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी एयर इंडिया का अतिविशिष्ट लोगों की उड़ानों को लेकर 822 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन के उत्तर में यह पता चला है.

कंपनी ने एक आरटीआई आवेदन के उत्तर में बुधवार को बताया कि वीवीआईपी की चार्टर उड़ानों को लेकर 30 नवंबर 2019 तक उसका 822 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था.

कंपनी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में विशेष विमानों के प्रयोग का अतिरिक्त 9.67 करोड़ रुपये तथा विदेशी अतिथियों के लिए उड़ानों के मद का 12.65 करोड़ रुपये भी बकाये हैं.

एयर इंडिया वीवीआईपी उड़ान सेवाओं के तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को यात्रा में चार्टर विमान की सुविधाएं देती हैं. इनके बिलों का भुगतान मंत्रालयों/ विभागों द्वारा किया जाता है.

चार्टर उड़ानों का बकाया ही नहीं, सरकारी अधिकारियों द्वारा एयरलाइन के उधार लिए गए टिकटों का भी 31 मार्च 2019 तक 526.14 करोड़ रुपये बकाया था. इनमें से 236 करोड़ रुपये से अधिक के बिल तीन साल से भी अधिक समय से बकाया थे.

ये भी पढ़ें: ई-कैलकुलेटर: अब आसानी से करें नई और पुरानी व्यवस्था में आयकर की गणना

कंपनी ने अपने खाते में 'वसूली की संभावना नहीं' के मद में करीब 283 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. नागर विमानन मंत्रालय ने पांच दिसंबर 2019 को एक जवाब में बताया कि एयर इंडिया 8,556.35 करोड़ रुपये (अस्थायी) घाटे में थी.
(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी एयर इंडिया का अतिविशिष्ट लोगों की उड़ानों को लेकर 822 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन के उत्तर में यह पता चला है.

कंपनी ने एक आरटीआई आवेदन के उत्तर में बुधवार को बताया कि वीवीआईपी की चार्टर उड़ानों को लेकर 30 नवंबर 2019 तक उसका 822 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया था.

कंपनी ने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में विशेष विमानों के प्रयोग का अतिरिक्त 9.67 करोड़ रुपये तथा विदेशी अतिथियों के लिए उड़ानों के मद का 12.65 करोड़ रुपये भी बकाये हैं.

एयर इंडिया वीवीआईपी उड़ान सेवाओं के तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को यात्रा में चार्टर विमान की सुविधाएं देती हैं. इनके बिलों का भुगतान मंत्रालयों/ विभागों द्वारा किया जाता है.

चार्टर उड़ानों का बकाया ही नहीं, सरकारी अधिकारियों द्वारा एयरलाइन के उधार लिए गए टिकटों का भी 31 मार्च 2019 तक 526.14 करोड़ रुपये बकाया था. इनमें से 236 करोड़ रुपये से अधिक के बिल तीन साल से भी अधिक समय से बकाया थे.

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कंपनी ने अपने खाते में 'वसूली की संभावना नहीं' के मद में करीब 283 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. नागर विमानन मंत्रालय ने पांच दिसंबर 2019 को एक जवाब में बताया कि एयर इंडिया 8,556.35 करोड़ रुपये (अस्थायी) घाटे में थी.
(पीटीआई-भाषा)

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Last Updated : Feb 29, 2020, 10:33 AM IST
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