नई दिल्ली: उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को उदार करने संबंधी फैसले को अधिसूचित कर दिया है. हाल में सरकार ने कोयला खनन, ठेका विनिर्माण और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार करने की घोषणा की थी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले डीपीआईआईटी ने प्रेस नोट के जरिये सरकार के फैसले को अधिसूचित किया है. डीपीआईआईटी एफडीआई से संबंधित मामलों को देखता है.
विभाग ने डिजिटल मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति के फैसले को भी अधिसूचित किया है. सरकार के इस कदम पर कुछ उद्योगों और विशेषज्ञों ने कुछ मुद्दे उठाये हैं.
सरकार ने 28 अगस्त को कोयला खाान और ठेका विनिर्माण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी. इसके अलावा एकल ब्रांड खुदरा कंपनियों के लिए खरीद नियमों में ढील दी गई थी और डिजिटल मीडिया में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई.
ये भी पढ़ें- भारत में ई-सिगरेट पर लगा क्यों लगा प्रतिबंध, जानिए वजह
कोयला क्षेत्र में अब विदेशी कंपनियों स्वत: मंजूरी मार्ग से कोयले के खनन और बिक्री में शतप्रतिशत निवेश कर सकती हैं. यह फैसला कोयला खान (विशेष प्रावधान) कानून, 2015 और खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 1957 के प्रावधानों पर निर्भर करेगा.
सरकार ने ठेका या अनुबंध पर विनिर्माण में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है. मौजूदा नीति के तहत विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी लेकिन इसमें ठेका विनिर्माण पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी.
इसके अलावा सरकार ने सरकारी मंजूरी मार्ग से डिजिटल मीडिया के जरिये खबरों और ताजा घटनाक्रमों को अपलोड करने पर 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है. इससे पहले मौजूदा एफडीआई नीति में डिजिटल मीडिया पर कुछ नहीं कहा गया है.