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बजट 2020: किसान के खाते में खाद सब्सिडी देने की व्यवस्था कर सकती है सरकार - General Budget

किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 49,000 करोड़ रुपये अब तक वितरित किए जा चुके हैं. इससे साबित हो गया है जिन खाद पर सरकार सब्सिडी देती है, उनके लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की व्यवस्था हो सकती है.

बजट 2020: किसान के खाते में खाद सब्सिडी देने की व्यवस्था कर सकती है सरकार
बजट 2020: किसान के खाते में खाद सब्सिडी देने की व्यवस्था कर सकती है सरकार
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Published : Jan 25, 2020, 6:57 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 9:40 AM IST

प्रयागराज: केंद्र सरकार आगामी आम बजट में किसानों के खाते में खाद सब्सिडी डालने की व्यवस्था कर सकती है. यह अनुमान जताते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डाक्टर यू.एस. अवस्थी ने यहां फूलपुर इकाई में कहा कि इससे किसान अपनी पसंद से खाद खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा.

उन्होंने कहा, "किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 49,000 करोड़ रुपये अब तक वितरित किए जा चुके हैं. इससे साबित हो गया है जिन खाद पर सरकार सब्सिडी देती है, उनके लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की व्यवस्था हो सकती है."

ये भी पढ़ें- तिमाही नतीजे: आईसीआईसीआई बैंक को हुआ 4,146 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ

उन्होंने बताया, "हालांकि इस संबंध में किसी सूचना तक मेरी पहुंच नहीं है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि सरकार इस दिशा में काफी गंभीरता से काम कर रही है. यदि ऐसा हुआ तो किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड या जनधन खाता से खाद खरीदने का निर्णय कर सकेगा. वह वही चीज लेगा जो उसके लिए काम आए."

अवस्थी ने इफको की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यूरिया का उपयोग घटाने की दिशा में पिछले तीन वर्ष से नैनो नाइट्रोजन के विकास में लगी इफको ने वैश्विक स्तर पर इसका पेटेंट करा लिया है और पिछले वर्ष तीन नवंबर को कलोल इकाई में इसे लांच किया गया है.

उन्होंने बताया कि नैनो नाइट्रोजन की 500 मिली की एक शीशी एक बोरी यूरिया के बराबर काम करती है. इफको अभी 15,000 जगहों पर इसका ट्रायल कर रही है. अप्रैल या मई में इसे फर्टिलाइजर कंट्रोल एक्ट में शामिल करने के लिए आवेदन किया जाएगा. सरकार से मंजूरी मिलने पर इसे बाजार में उतारा जाएगा.

अवस्थी ने बताया कि इफको ने नैनो नाइट्रोजन का संयंत्र लगाने पर करीब 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है. नैनो नाइट्रोजन को यूरिया से नाइट्रोजन अलग कर तैयार किया गया है. इसके उपयोग से ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, इफको ने नैनो जिंक विकसित किया है जो जिंक सल्फेट से सस्ता होगा. वहीं इफको द्वारा विकसित नैनो कॉपर एक फंगीसाइड है. नैनो जिंक और नैनो कॉपर दोनों ही पूरी तरह से जैविक उत्पाद हैं.

इफको के प्रबंध निदेशक ने बताया कि नीम के पौधे की वृद्धि कैसे तेज हो और इसका बायोमास कैसे बढ़े, इसके लिए फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में इफको पिछले पांच वर्ष से एक परियोजना चला रही है. जून या जुलाई, 2020 में बायो सेफ्टी कमेटी जीव-जंतु और वातावरण में इसके प्रभाव की जांच करेगी और सितंबर या अक्टूबर तक पौधा इफको को मिलने की संभावना है.

उन्होंने बताया कि नीम का यह पौधा पांच साल में पूर्ण वृक्ष का रूप धारण कर लेगा, जिसमें आमतौर पर 10 साल का समय लगता है. जैविक कीटनाशक बनाने में नीम की अहम भूमिका हो सकती है.

प्रयागराज: केंद्र सरकार आगामी आम बजट में किसानों के खाते में खाद सब्सिडी डालने की व्यवस्था कर सकती है. यह अनुमान जताते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डाक्टर यू.एस. अवस्थी ने यहां फूलपुर इकाई में कहा कि इससे किसान अपनी पसंद से खाद खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा.

उन्होंने कहा, "किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 49,000 करोड़ रुपये अब तक वितरित किए जा चुके हैं. इससे साबित हो गया है जिन खाद पर सरकार सब्सिडी देती है, उनके लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की व्यवस्था हो सकती है."

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उन्होंने बताया, "हालांकि इस संबंध में किसी सूचना तक मेरी पहुंच नहीं है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि सरकार इस दिशा में काफी गंभीरता से काम कर रही है. यदि ऐसा हुआ तो किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड या जनधन खाता से खाद खरीदने का निर्णय कर सकेगा. वह वही चीज लेगा जो उसके लिए काम आए."

अवस्थी ने इफको की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यूरिया का उपयोग घटाने की दिशा में पिछले तीन वर्ष से नैनो नाइट्रोजन के विकास में लगी इफको ने वैश्विक स्तर पर इसका पेटेंट करा लिया है और पिछले वर्ष तीन नवंबर को कलोल इकाई में इसे लांच किया गया है.

उन्होंने बताया कि नैनो नाइट्रोजन की 500 मिली की एक शीशी एक बोरी यूरिया के बराबर काम करती है. इफको अभी 15,000 जगहों पर इसका ट्रायल कर रही है. अप्रैल या मई में इसे फर्टिलाइजर कंट्रोल एक्ट में शामिल करने के लिए आवेदन किया जाएगा. सरकार से मंजूरी मिलने पर इसे बाजार में उतारा जाएगा.

अवस्थी ने बताया कि इफको ने नैनो नाइट्रोजन का संयंत्र लगाने पर करीब 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है. नैनो नाइट्रोजन को यूरिया से नाइट्रोजन अलग कर तैयार किया गया है. इसके उपयोग से ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, इफको ने नैनो जिंक विकसित किया है जो जिंक सल्फेट से सस्ता होगा. वहीं इफको द्वारा विकसित नैनो कॉपर एक फंगीसाइड है. नैनो जिंक और नैनो कॉपर दोनों ही पूरी तरह से जैविक उत्पाद हैं.

इफको के प्रबंध निदेशक ने बताया कि नीम के पौधे की वृद्धि कैसे तेज हो और इसका बायोमास कैसे बढ़े, इसके लिए फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में इफको पिछले पांच वर्ष से एक परियोजना चला रही है. जून या जुलाई, 2020 में बायो सेफ्टी कमेटी जीव-जंतु और वातावरण में इसके प्रभाव की जांच करेगी और सितंबर या अक्टूबर तक पौधा इफको को मिलने की संभावना है.

उन्होंने बताया कि नीम का यह पौधा पांच साल में पूर्ण वृक्ष का रूप धारण कर लेगा, जिसमें आमतौर पर 10 साल का समय लगता है. जैविक कीटनाशक बनाने में नीम की अहम भूमिका हो सकती है.

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बजट 2020: किसान के खाते में खाद सब्सिडी देने की व्यवस्था कर सकती है सरकार

प्रयागराज: केंद्र सरकार आगामी आम बजट में किसानों के खाते में खाद सब्सिडी डालने की व्यवस्था कर सकती है. यह अनुमान जताते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डाक्टर यू.एस. अवस्थी ने यहां फूलपुर इकाई में कहा कि इससे किसान अपनी पसंद से खाद खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा. 

उन्होंने कहाए, "किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 49,000 करोड़ रुपये अब तक वितरित किए जा चुके हैं. इससे साबित हो गया है जिन खाद पर सरकार सब्सिडी देती है, उनके लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की व्यवस्था हो सकती है." 

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उन्होंने बताया, "हालांकि इस संबंध में किसी सूचना तक मेरी पहुंच नहीं है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि सरकार इस दिशा में काफी गंभीरता से काम कर रही है. यदि ऐसा हुआ तो किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड या जनधन खाता से खाद खरीदने का निर्णय कर सकेगा. वह वही चीज लेगा जो उसके लिए काम आए." 

अवस्थी ने इफको की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यूरिया का उपयोग घटाने की दिशा में पिछले तीन वर्ष से नैनो नाइट्रोजन के विकास में लगी इफको ने वैश्विक स्तर पर इसका पेटेंट करा लिया है और पिछले वर्ष तीन नवंबर को कलोल इकाई में इसे लांच किया गया है. 

उन्होंने बताया कि नैनो नाइट्रोजन की 500 मिली की एक शीशी एक बोरी यूरिया के बराबर काम करती है. इफको अभी 15,000 जगहों पर इसका ट्रायल कर रही है. अप्रैल या मई में इसे फर्टिलाइजर कंट्रोल एक्ट में शामिल करने के लिए आवेदन किया जाएगा. सरकार से मंजूरी मिलने पर इसे बाजार में उतारा जाएगा. 

अवस्थी ने बताया कि इफको ने नैनो नाइट्रोजन का संयंत्र लगाने पर करीब 100 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है. नैनो नाइट्रोजन को यूरिया से नाइट्रोजन अलग कर तैयार किया गया है. इसके उपयोग से ग्लोबल वार्मिंग में कमी आएगी. 

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, इफको ने नैनो जिंक विकसित किया है जो जिंक सल्फेट से सस्ता होगा. वहीं इफको द्वारा विकसित नैनो कॉपर एक फंगीसाइड है. नैनो जिंक और नैनो कॉपर दोनों ही पूरी तरह से जैविक उत्पाद हैं. 

इफको के प्रबंध निदेशक ने बताया कि नीम के पौधे की वृद्धि कैसे तेज हो और इसका बायोमास कैसे बढ़े, इसके लिए फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में इफको पिछले पांच वर्ष से एक परियोजना चला रही है. जून या जुलाई, 2020 में बायो सेफ्टी कमेटी जीव-जंतु और वातावरण में इसके प्रभाव की जांच करेगी और सितंबर या अक्टूबर तक पौधा इफको को मिलने की संभावना है. 

उन्होंने बताया कि नीम का यह पौधा पांच साल में पूर्ण वृक्ष का रूप धारण कर लेगा, जिसमें आमतौर पर 10 साल का समय लगता है. जैविक कीटनाशक बनाने में नीम की अहम भूमिका हो सकती है.


Conclusion:
Last Updated : Feb 18, 2020, 9:40 AM IST
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