नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस्पात विनिर्माताओं को मुनाफाखोरी के प्रति सचेत करते हुए गुरुवार को कहा कि उन्होंने प्रमुख कंपनियों द्वारा पिछले छह महीनों में इस्पात की कीमत 55 प्रतिशत तक बढ़ाने की ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है, जिसके चलते परियोजनाओं को पूरा करना मुश्किल हो रहा है.
सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने आगे कहा कि अगर कंपनियां इस पर अंकुश लगाने में विफल रहीं तो सरकार को नीतियों में बदलाव करना होगा और परियोजनाओं में वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना होगा.
गडकरी ने कहा कि उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि टोल के लिए जीपीएस प्रणाली पर काम जारी है, जिसमें टोल का भुगतान स्वचालित रूप से तय की गई दूरी पर काटा जाएगा.
उन्होंने कहा, "पिछले छह महीनों में इस्पात की कीमतों में 55 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. मैंने प्रधानमंत्री और इस्पात मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) को इस बारे में फैसला करने के लिए लिखा है."
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गौरतलब है कि गडकरी ने इससे पहले ही सीमेंट विनिर्माताओं को सांठगांठ के खिलाफ चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक दीर्घकालिक नीति की आवश्यकता है, क्योंकि कीमतों में बढ़ोतरी कच्चे माल और श्रम की कीमतों से मेल नहीं खा रही.
उन्होंने कहा, "इस्पात और सीमेंट विनिर्माताओं के लिए एक दीर्घकालिक नीति की जरूरत है ... एक समान नीति."
साथ ही उन्होंने कहा कि कीमतों में 15-20 फीसदी बढ़ोतरी को सही कहा जा सकता है, लेकिन अभी ये बहुत अधिक है. उन्होंने कहा कि विनिर्माता उत्पादन बढ़ाकर लाभ कमा सकते हैं, वर्ना परियोजनाएं अव्यवहार्य हो जाएंगी.
(पीटीआई-भाषा)