ETV Bharat / business

विशेष: सीतारमण ने कहा- बजट का पूरा प्रभाव देखने के लिए सोमवार तक प्रतीक्षा करें - Banking

एक विशेष बातचीत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमें बजट घोषणाओं के वास्तविक प्रभाव को देखने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना होगा.

विशेष: सीतारमण ने कहा- बजट का पूरा प्रभाव देखने के लिए सोमवार तक प्रतीक्षा करें
विशेष: सीतारमण ने कहा- बजट का पूरा प्रभाव देखने के लिए सोमवार तक प्रतीक्षा करें
author img

By

Published : Feb 1, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 7:35 PM IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 ने आज अपना दूसरा बजट पेश कर दिया है. बजट के बाद एक विशेष बातचीत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट घोषणाओं को सकारात्मक बताया.

जब वित्तमंत्री से बजट का कॉरपोरेट्स पर उत्साहजनक प्रभाव नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, "हमें कॉर्पोरेट सेक्टर पर बजट घोषणाओं के वास्तविक प्रभाव को देखने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना होगा."

शनिवार और गैर-व्यापारिक दिन होने के बावजूद दोनों स्टॉक एक्सचेंज आज ट्रेडिंग के लिए खुले थे. पूरे कारोबार सत्र के दौरान सेंसेक्स 987 अंक तो निफ्टी ने 300 अंकों की गिरावट दर्ज की. टैक्स की दरों में कटौती होने के बावजूद यह गिरावट दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें- आसान भाषा में समझें बजट 2020 की मुख्य बातें

प्रस्तावित कर व्यवस्था से उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद है जिससे उपभोग की मांग को बढ़ावा मिल सकता है. बता दें कि उपभोक्ता मांग में गिरावट आने को जीडीपी में गिरावट प्रमुख कारक माना जाता है.

अन्य सकारात्मकताओं के बीच वित्तमंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिए नॉमिनल जीडीपी को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया. वहीं, राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत कर दिया है. पहले इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. वित्तवर्ष 2020-21 में इसका बजट अनुमान 3.5 प्रतिशत रखा गया है.

सीतारमण से पूछा गया कि उद्योग एसटीटी, सीसीटी और एलटीसीजी में छूट की उम्मीद कर रहे थे और वे निराश हो गए बजट में इसके बारे में चर्चा नहीं कि गई. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि, "सरकार ने कॉरपोरेट बांड में एफपीआई के निवेश की सीमा को बढ़ाकर मौजूदा 9 फीसदी से 15 फीसदी कर दी है. यह एक सकारात्मक कदम है और इससे बॉन्ड मार्केट और मजबूत होगा."

इसके अलावा, सरकार विदेशी निवेशकों के लिए अन्य सरकारी प्रतिभूतियों को खोलने पर भी विचार कर रही है.

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) की सीमा बढ़ने से भी मुद्रा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है और उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 72.50 के आसपास रहने की उम्मीद है.

(लेखक - संजय थापा, वरिष्ठ पत्रकार, दिल्ली)

नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 ने आज अपना दूसरा बजट पेश कर दिया है. बजट के बाद एक विशेष बातचीत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट घोषणाओं को सकारात्मक बताया.

जब वित्तमंत्री से बजट का कॉरपोरेट्स पर उत्साहजनक प्रभाव नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, "हमें कॉर्पोरेट सेक्टर पर बजट घोषणाओं के वास्तविक प्रभाव को देखने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना होगा."

शनिवार और गैर-व्यापारिक दिन होने के बावजूद दोनों स्टॉक एक्सचेंज आज ट्रेडिंग के लिए खुले थे. पूरे कारोबार सत्र के दौरान सेंसेक्स 987 अंक तो निफ्टी ने 300 अंकों की गिरावट दर्ज की. टैक्स की दरों में कटौती होने के बावजूद यह गिरावट दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें- आसान भाषा में समझें बजट 2020 की मुख्य बातें

प्रस्तावित कर व्यवस्था से उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद है जिससे उपभोग की मांग को बढ़ावा मिल सकता है. बता दें कि उपभोक्ता मांग में गिरावट आने को जीडीपी में गिरावट प्रमुख कारक माना जाता है.

अन्य सकारात्मकताओं के बीच वित्तमंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिए नॉमिनल जीडीपी को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया. वहीं, राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत कर दिया है. पहले इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. वित्तवर्ष 2020-21 में इसका बजट अनुमान 3.5 प्रतिशत रखा गया है.

सीतारमण से पूछा गया कि उद्योग एसटीटी, सीसीटी और एलटीसीजी में छूट की उम्मीद कर रहे थे और वे निराश हो गए बजट में इसके बारे में चर्चा नहीं कि गई. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि, "सरकार ने कॉरपोरेट बांड में एफपीआई के निवेश की सीमा को बढ़ाकर मौजूदा 9 फीसदी से 15 फीसदी कर दी है. यह एक सकारात्मक कदम है और इससे बॉन्ड मार्केट और मजबूत होगा."

इसके अलावा, सरकार विदेशी निवेशकों के लिए अन्य सरकारी प्रतिभूतियों को खोलने पर भी विचार कर रही है.

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) की सीमा बढ़ने से भी मुद्रा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है और उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 72.50 के आसपास रहने की उम्मीद है.

(लेखक - संजय थापा, वरिष्ठ पत्रकार, दिल्ली)

Intro:Body:

विशेष: सीतारमण ने कहा- बजट का पूरा प्रभाव देखने के लिए सोमवार तक प्रतीक्षा करें

नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 ने आज अपना दूसरा बजट पेश कर दिया है. बजट के बाद एक विशेष बातचीत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट घोषणाओं को सकारात्मक बताया.

जब वित्तमंत्री से बजट का कॉरपोरेट्स पर उत्साहजनक प्रभाव नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, "हमें कॉर्पोरेट सेक्टर पर बजट घोषणाओं के वास्तविक प्रभाव को देखने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना होगा."

शनिवार और गैर-व्यापारिक दिन होने के बावजूद दोनों स्टॉक एक्सचेंज आज ट्रेडिंग के लिए खुले थे. पूरे कारोबार सत्र के दौरान सेंसेक्स 987 अंक तो निफ्टी ने 300 अंकों की गिरावट दर्ज की. टैक्स की दरों में कटौती होने के बावजूद यह गिरावट दर्ज की गई. 

ये भी पढ़ें- 

प्रस्तावित कर व्यवस्था से उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद है जिससे उपभोग की मांग को बढ़ावा मिल सकता है. बता दें कि उपभोक्ता मांग में गिरावट आने को जीडीपी में गिरावट प्रमुख कारक माना जाता है. 

अन्य सकारात्मकताओं के बीच वित्तमंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिए नॉमिनल जीडीपी को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया. वहीं, राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत कर दिया है. पहले इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. वित्तवर्ष 2020-21 में इसका बजट अनुमान 3.5 प्रतिशत रखा गया है.

सीतारमण से पूछा गया कि उद्योग एसटीटी, सीसीटी और एलटीसीजी में छूट की उम्मीद कर रहे थे और वे निराश हो गए बजट में इसके बारे में चर्चा नहीं कि गई. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि, "सरकार ने कॉरपोरेट बांड में एफपीआई के निवेश की सीमा को बढ़ाकर मौजूदा 9 फीसदी से 15 फीसदी कर दी है. यह एक सकारात्मक कदम है और इससे बॉन्ड मार्केट और मजबूत होगा."

इसके अलावा, सरकार विदेशी निवेशकों के लिए अन्य सरकारी प्रतिभूतियों को खोलने पर भी विचार कर रही है.

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) की सीमा बढ़ने से भी मुद्रा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है और उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 72.50 के आसपास रहने की उम्मीद है. 

(लेखक - संजय थापा, वरिष्ट पत्रकार, दिल्ली)


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 7:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.