नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व चेयरमैन विजय माल्या को भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के बाद हिरासत में लिए जाने की पूरी उम्मीद है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह टिप्पणी ब्रिटेन की हाईकोर्ट द्वारा माल्या की प्रत्यर्पण की अपील खारिज किए जाने के एक दिन बाद की है.
जांच से जुड़े ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने कल (सोमवार) माल्या की अपील को खारिज कर दिया था और अब उनके पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प है."
अधिकारी ने कहा कि युनाइटेड किंगडम (यूके) में कार्यप्रणाली थोड़ी अलग है, क्योंकि माल्या को हाईकोर्ट के माध्यम से ही शीर्ष अदालत तक पहुंचना होगा.
अधिकारी ने कहा कि माल्या को हाईकोर्ट को यह समझाना होगा कि उन्हें आखिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की जरूरत क्यों है.
उन्होंने कहा, "अगर हाईकोर्ट संतुष्ट होगा, तभी ब्रिटेन में सुप्रीम कोर्ट उनकी बात सुनेगा."
माल्या पर भारत में विभिन्न बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोप हैं. माल्या ने भारत में उनके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ ब्रिटेन की अदालत में अपील की थी, जिसे सोमवार को खारिज कर दिया गया.
यह पूछे जाने पर कि क्या ईडी अधिकारियों की एक टीम माल्या के प्रत्यर्पण के लिए जल्द ही लंदन के लिए रवाना होगी, अधिकारी ने कहा, "हम घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट में उनका मामला जाता है तो हम अदालत के आदेशों का इंतजार करेंगे."
ईडी ने पिछले कुछ वर्षों में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत माल्या की कई संपत्तियों को कुर्क किया है.
लंदन की हाईकोर्ट ने सोमवार को 2018 के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें उन्हें भारत वापस भेजे जाने के आदेश हैं. अदालत ने माना कि माल्या ने अपनी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के 2012 के पतन के लिए कई गलत बयान दिए हैं.
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किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व अध्यक्ष व शराब कारोबारी माल्या ने इस साल फरवरी में भारत में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी.
लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इर्विन और जस्टिस एलिजाबेथ लैंग की दो सदस्यीय पीठ ने माल्या की अपील खारिज कर दी. कोरोनावायरस महामारी के कारण जारी लॉकडाउन के कारण मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई.
हाईकोर्ट ने वरिष्ठ जिला न्यायाधीश (एसडीजे) द्वारा मामले को प्रथम दृष्ट्या सही माने जाने के कारण माल्या को राहत नहीं दी.
माल्या बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिरने के बाद भारत का एक वांछित (वाटेंड) अपराधी है.
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा ऋण धोखाधड़ी मामले में माल्या की भूमिकाओं की जांच की जा रही है.
(आईएएनएस)