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'घर से काम' के कारण बढ़ी किराये पर ऑफिस के फर्नीचर की मांग: विशेषज्ञ - experts

जून में जैसे ही अनलॉक के पहले चरण की घोषणा हुई, घर से काम के लिये डेस्क की काफी मांग मिलना शुरु हो गई. डेस्क और आरामदायक कुर्सियों की भारी मांग मिल रही है. कुछ लोग घरेलू उपकरण भी किराये पर ले रहे हैं.

'घर से काम' के कारण बढ़ी किराये पर ऑफिस के फर्नीचर की मांग: विशेषज्ञ
'घर से काम' के कारण बढ़ी किराये पर ऑफिस के फर्नीचर की मांग: विशेषज्ञ
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Published : Aug 23, 2020, 6:55 PM IST

मुंबई: कोरोना वायरस महामारी के कारण घर से काम करने की संस्कृति बढ़ रही है जिससे किराये पर ऑफिस के फर्नीचर की मांग भी बढ़ी है. बाजार विशेषज्ञों का ऐसा आकलन है.

इस तरह का काम करने वाली कंपनी फैबरेन्टो के संस्थापक सिद्धांत लांबा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मार्च के अंतिम सप्ताह में लगे देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से घर से काम सामान्य चलन बन गया है लेकिन पेशेवरों को घर पर काम में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अधिकांश के पास आरामदायक ऑफिस फर्नीचर घर पर उपलब्ध नहीं है.

ये भी पढ़ें- एजेंसियों का अनुमान: पहली तिमाही में 10-25 प्रतिशत तक गिर सकती है भारत की जीडीपी

उन्होंने कहा, "जून में जैसे ही अनलॉक के पहले चरण की घोषणा हुई, हमें घर से काम के लिये डेस्क की काफी मांग मिलने लगी. डेस्क और आरामदायक कुर्सियों की भारी मांग मिल रही है. कुछ लोग घरेलू उपकरण भी किराये पर ले रहे हैं."

उन्होंने कहा कि नया फर्नीचर खरीदना कई लोगों के लिये वहनीय नहीं है, ऐसे में किराये पर इनकी मांग में तेजी आयी है.

नाइट फ्रैंक के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 70 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अपने परिसरों में सुरक्षित आपसी दूरी के प्रावधान का पालन करने के लिये अधिकांश कर्मचारियों के लिये कम से कम छह महीने तक घर से काम की नीति पर अमल करने जा रही हैं. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि घर से काम के कारण कंपनियों की उत्पादकता पर कोई असर नहीं पड़ा है.

सिटी फर्निश के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीरव जैन ने कहा कि उनकी कंपनी को घर से काम करने से संबंधित सामानों जैसे टेबल, कुर्सी आदि की मांग में 40 प्रतिशत की तेजी का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा घरेलू उपकरणों, आरामदायक बिस्तरों आदि की मांग में भी तेजी देखने को मिल रही है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: कोरोना वायरस महामारी के कारण घर से काम करने की संस्कृति बढ़ रही है जिससे किराये पर ऑफिस के फर्नीचर की मांग भी बढ़ी है. बाजार विशेषज्ञों का ऐसा आकलन है.

इस तरह का काम करने वाली कंपनी फैबरेन्टो के संस्थापक सिद्धांत लांबा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मार्च के अंतिम सप्ताह में लगे देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से घर से काम सामान्य चलन बन गया है लेकिन पेशेवरों को घर पर काम में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अधिकांश के पास आरामदायक ऑफिस फर्नीचर घर पर उपलब्ध नहीं है.

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उन्होंने कहा, "जून में जैसे ही अनलॉक के पहले चरण की घोषणा हुई, हमें घर से काम के लिये डेस्क की काफी मांग मिलने लगी. डेस्क और आरामदायक कुर्सियों की भारी मांग मिल रही है. कुछ लोग घरेलू उपकरण भी किराये पर ले रहे हैं."

उन्होंने कहा कि नया फर्नीचर खरीदना कई लोगों के लिये वहनीय नहीं है, ऐसे में किराये पर इनकी मांग में तेजी आयी है.

नाइट फ्रैंक के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 70 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अपने परिसरों में सुरक्षित आपसी दूरी के प्रावधान का पालन करने के लिये अधिकांश कर्मचारियों के लिये कम से कम छह महीने तक घर से काम की नीति पर अमल करने जा रही हैं. सर्वेक्षण में यह भी कहा गया कि घर से काम के कारण कंपनियों की उत्पादकता पर कोई असर नहीं पड़ा है.

सिटी फर्निश के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीरव जैन ने कहा कि उनकी कंपनी को घर से काम करने से संबंधित सामानों जैसे टेबल, कुर्सी आदि की मांग में 40 प्रतिशत की तेजी का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा घरेलू उपकरणों, आरामदायक बिस्तरों आदि की मांग में भी तेजी देखने को मिल रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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