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कोरोना प्रभाव : टूटेगी परंपरा, पूरी तरह पेपरलेस होगा आगामी बजट

यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि मुद्रण प्रक्रिया में कई लोगों को कोरोना वायरस आशंकाओं के बीच एक पखवाड़े तक प्रेस में रहने की जरूरत पड़ती, जिससे बचने का फैसला लिया गया है.

कोरोना प्रभाव : टूटेगी परंपरा, पूरी तरह पेपरलेस होगा आगामी बजट
कोरोना प्रभाव : टूटेगी परंपरा, पूरी तरह पेपरलेस होगा आगामी बजट
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Published : Jan 12, 2021, 1:57 PM IST

नई दिल्ली : आगामी एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इस बार कागज रहित (पेपरलेस) होगा, क्योंकि कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्रालय ने बजट दस्तावेजों को नहीं छापने का फैसला किया है. यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा कि बजट पत्रों को मुद्रित (प्रिंट) नहीं किया जाएगा.

सूत्रों ने कहा कि सरकार को संसद के दोनों सदनों से ऐसी अनुमति मिली है.

यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि मुद्रण प्रक्रिया में कई लोगों को कोरोनावायरस आशंकाओं के बीच एक पखवाड़े तक प्रेस में रहने की जरूरत पड़ती, जिससे बचने का फैसला लिया गया है.

बजट दस्तावेज आम तौर पर नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के इन-हाउस प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रित किए जाते हैं.

वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इस बजट में कई परंपराएं टूट सकती हैं. वित्त मंत्रालय की ओर से आयोजित होने वाले इस बार के बजट में 'हलवा' समारोह भी इस बार टाला जा सकता है या फिर इसमें कम व्यक्ति ही शामिल हो सकते हैं. खबर है कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला किया है.

यह समारोह, जो आम तौर पर 20 जनवरी के आसपास शुरू होता है, इसमें बजट बनाने वाले सभी लोग शामिल होते हैं और छपाई की शुरूआत को चिह्न्ति करते हैं.

एक बार प्रिंटिंग शुरू होने के बाद, प्रिंटिंग कर्मचारी बजट की प्रस्तुति तक प्रेस के अंदर रहते हैं. केवल कुछ उच्च रैंक वाले अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति होती है और वह भी विशेष पहचान पत्र के आधार पर ही अंदर जा सकते हैं. इससे संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया जैसे लोडिंग-अनलोडिंग और परिवहन जैसे काम विशेष सुरक्षा बलों द्वारा संचालित होते हैं.

ये भी पढ़ें : क्या सरकार कोरोना वैक्सीन खरीदेगी जीएसटी फ्री या जीएसटी युक्त

नई दिल्ली : आगामी एक फरवरी को पेश होने वाला बजट इस बार कागज रहित (पेपरलेस) होगा, क्योंकि कोरोना महामारी के बीच वित्त मंत्रालय ने बजट दस्तावेजों को नहीं छापने का फैसला किया है. यह एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होगा कि बजट पत्रों को मुद्रित (प्रिंट) नहीं किया जाएगा.

सूत्रों ने कहा कि सरकार को संसद के दोनों सदनों से ऐसी अनुमति मिली है.

यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि मुद्रण प्रक्रिया में कई लोगों को कोरोनावायरस आशंकाओं के बीच एक पखवाड़े तक प्रेस में रहने की जरूरत पड़ती, जिससे बचने का फैसला लिया गया है.

बजट दस्तावेज आम तौर पर नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के इन-हाउस प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रित किए जाते हैं.

वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इस बजट में कई परंपराएं टूट सकती हैं. वित्त मंत्रालय की ओर से आयोजित होने वाले इस बार के बजट में 'हलवा' समारोह भी इस बार टाला जा सकता है या फिर इसमें कम व्यक्ति ही शामिल हो सकते हैं. खबर है कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभाव के मद्देनजर सरकार ने यह फैसला किया है.

यह समारोह, जो आम तौर पर 20 जनवरी के आसपास शुरू होता है, इसमें बजट बनाने वाले सभी लोग शामिल होते हैं और छपाई की शुरूआत को चिह्न्ति करते हैं.

एक बार प्रिंटिंग शुरू होने के बाद, प्रिंटिंग कर्मचारी बजट की प्रस्तुति तक प्रेस के अंदर रहते हैं. केवल कुछ उच्च रैंक वाले अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति होती है और वह भी विशेष पहचान पत्र के आधार पर ही अंदर जा सकते हैं. इससे संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया जैसे लोडिंग-अनलोडिंग और परिवहन जैसे काम विशेष सुरक्षा बलों द्वारा संचालित होते हैं.

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