नई दिल्ली: घरेलू वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने कोरोना वायरस संकट के बीच वाहन क्षेत्र की स्थिति सुधारने के लिए सरकार से वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में अस्थायी रूप से कटौती की मांग की है. साथ ही सियाम ने जल्द से जल्द लोगों को प्रोत्साहन देकर पुराने वाहनों को कबाड़ में देने की नीति को अमल में लाने के लिए भी कहा.
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) ने वाहन क्षेत्र को भी मदद पहुंचाने के लिए कदम उठाने की बात कही. उसकी ओर से यह बयान रिजर्व बैंक के प्रणाली में नकदी डालने के उपाय कर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और लघु एवं मझोले उपक्रमों को राहत पहुंचाने के बीच आया है.
सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने पीटीआई-भाषा से कहा, "कोरोना वायरस संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था और वाहन उद्योग पर भारी दबाव डाला है. ऐसे में क्षेत्र के लिए मांग में सुधार और वित्तीय मदद के उपाय करना जरूरी है."
वढेरा ने उम्मीद जताई कि वाहन ऋण की ब्याज दरों में कमी आएगी ताकि ग्राहकों को लाभ मिल सके. सरकार को जीएसटी दर को अस्थायी तौर पर कम करना चाहिए. उसे सभी श्रेणियों के वाहन, वाहन कलपुर्जों इत्यादि के लिए इसे 10 प्रतिशत कर देना चाहिए. मौजूदा वक्त में अलग-अलग श्रेणी के वाहनों पर जीएसटी की भिन्न दरें लगती हैं. इसके अलावा सियाम ने लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए वाहन की कबाड़ नीति लाने की मांग की है.
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यह प्रोत्साहन उन्हें जीएसटी, चुंगी कर या पंजीकरण शुल्क में छूट के तौर पर दिया जा सकता है. वढेरा ने सरकार से राज्यों को डीजल और सीएनजी बस की खरीद के लिए भी कोष जारी करने को कहा. यह फेम-2 योजना से अलग होना चाहिए जो इलेक्ट्रिक बसों के लिए लागू है.
(पीटीआई-भाषा)