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चावल मिलों में काम करने बिहार से केवल 250 प्रवासी मजदूर तेलंगाना पहुंचे

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 5 मई को कहा था कि प्रवासी श्रमिकों को बिहार ले जाने वाली ट्रेनें बिहार के 20,000 से 25,000 उन श्रमिकों के साथ वापस आएंगी, जो तेलंगाना में चावल मिलों में काम कर रहे थे.

चावल मिलों में काम करने बिहार से केवल 250 प्रवासी मजदूर तेलंगाना पहुंचे
चावल मिलों में काम करने बिहार से केवल 250 प्रवासी मजदूर तेलंगाना पहुंचे
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Published : May 8, 2020, 7:19 PM IST

हैदराबाद: पूरे देश में लॉकडाउन के कारण जब विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूर अपने गृहराज्य लौट रहे हैं, ऐसे समय में बिहार से करीब 250 प्रवासियों के साथ एक ट्रेन शुक्रवार को तेलंगाना पहुंची. तेलंगाना के चावल मिलों में काम करने वाले श्रमिकों को ले जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित लिंगमपल्ली स्टेशन पर पहुंची.

पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के अनुसार, यह ट्रेन बिहार के खगड़िया से गुरुवार तड़के 3.45 बजे रवाना हुई. ईसीआर अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन राज्य सरकार के अनुरोध पर संचालित की गई थी.

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज कुमार झा द्वारा रेलमंत्री को ट्वीट किए जाने के बाद कि किसके आदेश के तहत ट्रेन का संचालन हो रहा है, अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 5 मई को कहा था कि प्रवासी श्रमिकों को बिहार ले जाने वाली ट्रेनें बिहार के 20,000 से 25,000 उन श्रमिकों के साथ वापस आएंगी, जो तेलंगाना में चावल मिलों में काम कर रहे थे.

पिछले महीने राव ने बिहार सरकार से तेलंगाना में काम करने वाले श्रमिकों को वापस भेजने का आग्रह किया था. यहां के चावल मिलों में 90 फीसदी से ज्यादा बिहार के प्रवासी मजदूर थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि चावल के ट्रकों से सामान उतारने और चढ़ाने वाले ये कर्मचारी होली के लिए बिहार गए थे और वहां फंसे हुए थे.

ये भी पढ़ें: वित्तीय वर्ष 21 में शून्य रह सकती है भारत की जीडीपी विकास दर, मूडीज का अनुमान

राव ने यह भी कहा था कि यदि आवश्यक हो तो वह बिहारी प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए कुछ विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए केंद्र से भी बात करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना के गांवों में निर्दिष्ट खरीद केंद्रों के माध्यम से किसानों से रिकॉर्ड 1.05 करोड़ टन धान खरीद रहा है, ऐसे में लॉकडाउन के मद्देनजर बिना बिहार के मजदूरों की मदद से वे इस काम को पूरा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वे ही ट्रकों से सामान उतारते और चढ़ाते हैं.

(आईएएनएस)

हैदराबाद: पूरे देश में लॉकडाउन के कारण जब विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूर अपने गृहराज्य लौट रहे हैं, ऐसे समय में बिहार से करीब 250 प्रवासियों के साथ एक ट्रेन शुक्रवार को तेलंगाना पहुंची. तेलंगाना के चावल मिलों में काम करने वाले श्रमिकों को ले जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित लिंगमपल्ली स्टेशन पर पहुंची.

पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के अनुसार, यह ट्रेन बिहार के खगड़िया से गुरुवार तड़के 3.45 बजे रवाना हुई. ईसीआर अधिकारियों ने कहा कि ट्रेन राज्य सरकार के अनुरोध पर संचालित की गई थी.

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज कुमार झा द्वारा रेलमंत्री को ट्वीट किए जाने के बाद कि किसके आदेश के तहत ट्रेन का संचालन हो रहा है, अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 5 मई को कहा था कि प्रवासी श्रमिकों को बिहार ले जाने वाली ट्रेनें बिहार के 20,000 से 25,000 उन श्रमिकों के साथ वापस आएंगी, जो तेलंगाना में चावल मिलों में काम कर रहे थे.

पिछले महीने राव ने बिहार सरकार से तेलंगाना में काम करने वाले श्रमिकों को वापस भेजने का आग्रह किया था. यहां के चावल मिलों में 90 फीसदी से ज्यादा बिहार के प्रवासी मजदूर थे. मुख्यमंत्री ने कहा था कि चावल के ट्रकों से सामान उतारने और चढ़ाने वाले ये कर्मचारी होली के लिए बिहार गए थे और वहां फंसे हुए थे.

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राव ने यह भी कहा था कि यदि आवश्यक हो तो वह बिहारी प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए कुछ विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए केंद्र से भी बात करेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना के गांवों में निर्दिष्ट खरीद केंद्रों के माध्यम से किसानों से रिकॉर्ड 1.05 करोड़ टन धान खरीद रहा है, ऐसे में लॉकडाउन के मद्देनजर बिना बिहार के मजदूरों की मदद से वे इस काम को पूरा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वे ही ट्रकों से सामान उतारते और चढ़ाते हैं.

(आईएएनएस)

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