ETV Bharat / business

दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण से टावर कंपनियों को नुकसान: रिपोर्ट

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की शोध इकाई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार टावर कंपनियों की संख्या अब घटकर मात्र पांच रह गई है जो 2012 में 15 थी.

author img

By

Published : Jun 4, 2019, 9:09 PM IST

दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण से टावर कंपनियों को नुकसान: रिपोर्ट

मुंबई: दूरसंचार कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए एकीकरण की जो पहल की जा रही है उससे टावर कंपनियां प्रभावित हो रही हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे टावर कंपनियों को किराये का नुकसान हो रहा है.

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की शोध इकाई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार टावर कंपनियों की संख्या अब घटकर मात्र पांच रह गई है जो 2012 में 15 थी.

ये भी पढ़ें- एयरएशिया शीर्ष 5 डाउनलोड किए जानेवाले एप में शामिल

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र अब सीमित कंपनियों के ढांचे की ओर अग्रसर है और शीर्ष तीन कंपनियों के पास 90 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. यह टावर कंपनियों के लिए चुनौती है.

इसमें कहा गया है कि वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के विलय से ग्राहकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी इकाई अस्तित्व में आई है. इससे टावर उद्योग को 57,000 टावरों के किराये का नुकसान हुआ है. संयुक्त इकाई ने अपने नेटवर्क का एकीकरण किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर तक 21,000 और टावरों के किराये का नुकसान होगा. इसमें कहा गया है कि बाहर निकलने के जुर्माने से राजस्व नुकसान की आंशिक भरपाई ही हो पाएगी. किराये का नुकसान चालू वित्त वर्ष 2019-20 में और फैलेगा.

रिपोर्ट कहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) और रिलायंस जियो टावरों की संख्या बढ़ा रही हैं लेकिन ये उनके खुद के इस्तेमाल के लिए हैं. इससे उद्योग के राजस्व का आधार नहीं बढ़ेगा.

मुंबई: दूरसंचार कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए एकीकरण की जो पहल की जा रही है उससे टावर कंपनियां प्रभावित हो रही हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे टावर कंपनियों को किराये का नुकसान हो रहा है.

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की शोध इकाई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार टावर कंपनियों की संख्या अब घटकर मात्र पांच रह गई है जो 2012 में 15 थी.

ये भी पढ़ें- एयरएशिया शीर्ष 5 डाउनलोड किए जानेवाले एप में शामिल

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र अब सीमित कंपनियों के ढांचे की ओर अग्रसर है और शीर्ष तीन कंपनियों के पास 90 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. यह टावर कंपनियों के लिए चुनौती है.

इसमें कहा गया है कि वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के विलय से ग्राहकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी इकाई अस्तित्व में आई है. इससे टावर उद्योग को 57,000 टावरों के किराये का नुकसान हुआ है. संयुक्त इकाई ने अपने नेटवर्क का एकीकरण किया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर तक 21,000 और टावरों के किराये का नुकसान होगा. इसमें कहा गया है कि बाहर निकलने के जुर्माने से राजस्व नुकसान की आंशिक भरपाई ही हो पाएगी. किराये का नुकसान चालू वित्त वर्ष 2019-20 में और फैलेगा.

रिपोर्ट कहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) और रिलायंस जियो टावरों की संख्या बढ़ा रही हैं लेकिन ये उनके खुद के इस्तेमाल के लिए हैं. इससे उद्योग के राजस्व का आधार नहीं बढ़ेगा.

Intro:Body:

दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण से टावर कंपनियों को नुकसान : रिपोर्ट

मुंबई: दूरसंचार कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए एकीकरण की जो पहल की जा रही है उससे टावर कंपनियां प्रभावित हो रही हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे टावर कंपनियों को किराये का नुकसान हो रहा है. 

घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की शोध इकाई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार टावर कंपनियों की संख्या अब घटकर मात्र पांच रह गई है जो 2012 में 15 थी. 

ये भी पढ़ें- 

रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र अब सीमित कंपनियों के ढांचे की ओर अग्रसर है और शीर्ष तीन कंपनियों के पास 90 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. यह टावर कंपनियों के लिए चुनौती है. 

इसमें कहा गया है कि वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के विलय से ग्राहकों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी इकाई अस्तित्व में आई है. इससे टावर उद्योग को 57,000 टावरों के किराये का नुकसान हुआ है. संयुक्त इकाई ने अपने नेटवर्क का एकीकरण किया है. 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर तक 21,000 और टावरों के किराये का नुकसान होगा. इसमें कहा गया है कि बाहर निकलने के जुर्माने से राजस्व नुकसान की आंशिक भरपाई ही हो पाएगी. किराये का नुकसान चालू वित्त वर्ष 2019-20 में और फैलेगा. 

रिपोर्ट कहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लि. (बीएसएनएल) और रिलायंस जियो टावरों की संख्या बढ़ा रही हैं लेकिन ये उनके खुद के इस्तेमाल के लिए हैं. इससे उद्योग के राजस्व का आधार नहीं बढ़ेगा. 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.