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दिल्ली एनसीआर में आज से ग्रैप 3 लागू, जानिए किन गाड़ियों और किस काम पर लगा बैन

-पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो के फेरे बढ़ाए गए. -प्राइवेट निर्माण कार्यों पर लगी रोक. -कुछ वाहनों को प्रवेश की रहेगी छूट.

दिल्ली एनसीआर में ग्रैप 3 लागू
दिल्ली एनसीआर में ग्रैप 3 लागू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीरआर में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. दिल्ली में ग्रैप-3 के तहत प्राइवेट निर्माण व विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है. साथ ही दिल्ली में डीजल के बीएस 3 डीजल और बीएस 4 पेट्रोल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. वहीं दिल्ली में विभिन्न राज्यों से आने वाली बीएस 3 और बीएस 4 की डीजल बसों के प्रवेश पर रोक रहेगी. इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की टीमों को लगाया गया है. इसके साथ-साथ पूरे एनसीआर में तकरीबन साढ़े 5 लाख वाहनों की रफ्तार भी थम जाएगी.

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए शुक्रवार को दिल्ली के कई विभागों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं. दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की तरफ से 106 शटल बसों को चलाने का निर्णय लिया गया है. इसमें से 40 शटल बसों को सरकारी कर्मचारियों को उनके दफ्तर तक लाने के लिए लगाया गया है, जिससे यह कर्मचारी निजी वाहन का प्रयोग न करें और प्रदूषण से बचाव हो.

मेट्रो के बढ़ाए गए फेरे: इसके साथ ही मेट्रो ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए नियमित साथ अतिरिक्त फेरे चलाने का निर्णय लिया है. 15 नवंबर से मेट्रो के अतिरिक्त फेरे चलाए जाएंगे. दिल्ली के अंदर सड़कों की सफाई और पानी के छिड़काव का समय भी बढ़ा दिया गया है, जिससे सड़कों से धूल न0 उड़े. दिल्ली में 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन पानी के छिड़काव में लगाई गई है. अब 21 घंटे तक पानी का छिड़काव किया जाएगा.

प्राइवेट निर्माण और विध्वंस कार्य पर रोक: उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के निजी निर्माण कार्य और विध्वंस कार्य पर रोक लगा दी गई है. साथ ही बोरिंग करने के साथ मिट्टी की खुदाई और भराई पर भी रोक है. इसके अलावा प्राइवेट पाइपलाइन बिछाने, इलेक्ट्रिक लाइन बिछाने समेत अन्य काम पर रोक रहेगी. हां, घर के अंदर छोटे मरम्मत कार्य करवाए जा सकेंगे. सड़क निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी और खुले में निर्माण सामग्री रखने कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री लाने ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा.

सरकारी परियोजनाओं को रहेगी छूट: पर्यावरण मंत्री ने कहा कि रेलवे की सरकारी परियोजनाओं को छूट रहेगी. साथ ही हवाई अड्डे बस टर्मिनल मेट्रो की परियोजनाओं, राष्ट्रीय सुरक्षा व राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं के निर्माण के लिए छूट रहेगी. अस्पताल के निर्माण पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा. और दिल्ली में सार्वजनिक महत्व की सरकारी परियोजनाओं को भी निर्माण कार्य में छूट रहेगी.

बीएस 3 व बीएस 4 वाहनों का दिल्ली में प्रवेश बंद: दिल्ली में वाहनों से निकलने वाले धुएं से सबसे अधिक प्रदूषण होता है. ऐसे में बीएस 3 की डीजल और बीएस 4 पेट्रोल वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट दी जाएगी. विभिन्न राज्यों से दिल्ली में आने वाल बीएस 3 और बीएस 4 की डीजल बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस 6 बसों को दिल्ली में प्रवेश दिया जाएगा. इसे लागू करने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की 84 टीमों और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की 280 टीमों को लगाया गया है. नियम का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

कृत्रिम वर्षा के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखेंगे पत्र: दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कृत्रिम वर्षा कराने की योजना बनाई गई थी. गोपाल राय ने कहा कि कृत्रिम वर्षा करने के लिए केंद्र सरकार की कई एजेंसियों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना होता है. इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पहले भी पत्र लिखा जा चुका है. जल्द ही दोबारा पत्र लिखकर एनओसी दिलाने की मांग की जाएगी, जिससे कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कृत्रिम वर्षा कराई जा सके.

लोगों से वर्क फ्रॉम होम व कारपूल की अपील: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, प्रदूषण के स्तर को देखते हुए लोगों से अपील की जा रही है कि यदि संभव है तो वह घर से ही काम (वर्क फ्रॉम होम) करें. साथ ही लोगों से निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करने या कारपूल (एक ही वाहन से कई लोगों का साथ यात्रा) करने की अपील की जा रही है.

कई जगह स्कूल पर बंद नहीं: नोएडा और गाजियाबाद में अभी स्कूलों को बंद करने के आदेश नहीं जारी किए गए हैं. यहां पर एहतियात के तौर पर आउटडोर एक्टिविटी बंद कर दी गई है. फिलहाल नोएडा और गाजियाबाद में दिल्ली की तरह हालत अभी बेकाबू नहीं हुए हैं. एक्यूआई की बात करें तो यहां पर कई इलाकों में एक्यूआई 300 के पार पहुंचा जरूर है. लेकिन, कई इलाके ऐसे हैं जहां पर अभी भी लोग राहत की सांस लेते दिखाई दे रहे हैं.

क्या है ग्रैप 3: ग्रैप 3 के नियम लागू होते ही सिर्फ अति आवश्यक जगह जिनमें, एयरपोर्ट, अस्पताल, एलिवेटेड रोड और एसटीपी प्लांट परियोजनाओं को छोड़कर सभी जगह पर निर्माण कार्य बंद कर दिया जाता है. दिल्ली की बात करें तो वहां पर एक्यूआई के 400 पर पहुंचने के बाद प्राइमरी से कक्षा पांच तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं और उन्हें ऑनलाइन मोड पर चलने के निर्देश दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- प्रदूषण पर सियासतः बीजेपी बोली- दिल्ली सरकार ने 10 साल कुछ नहीं किया, कांग्रेस ने कहा- हमारे समय में हरियाली थी

यह भी पढ़ें- प्रदूषण के बीच दिल्ली एनसीआर में ठंड ने दी दस्तक, मौसम विभाग ने जताई बारिश की संभावना

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीरआर में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है. दिल्ली में ग्रैप-3 के तहत प्राइवेट निर्माण व विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी गई है. साथ ही दिल्ली में डीजल के बीएस 3 डीजल और बीएस 4 पेट्रोल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. वहीं दिल्ली में विभिन्न राज्यों से आने वाली बीएस 3 और बीएस 4 की डीजल बसों के प्रवेश पर रोक रहेगी. इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की टीमों को लगाया गया है. इसके साथ-साथ पूरे एनसीआर में तकरीबन साढ़े 5 लाख वाहनों की रफ्तार भी थम जाएगी.

दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए शुक्रवार को दिल्ली के कई विभागों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं. दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की तरफ से 106 शटल बसों को चलाने का निर्णय लिया गया है. इसमें से 40 शटल बसों को सरकारी कर्मचारियों को उनके दफ्तर तक लाने के लिए लगाया गया है, जिससे यह कर्मचारी निजी वाहन का प्रयोग न करें और प्रदूषण से बचाव हो.

मेट्रो के बढ़ाए गए फेरे: इसके साथ ही मेट्रो ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए नियमित साथ अतिरिक्त फेरे चलाने का निर्णय लिया है. 15 नवंबर से मेट्रो के अतिरिक्त फेरे चलाए जाएंगे. दिल्ली के अंदर सड़कों की सफाई और पानी के छिड़काव का समय भी बढ़ा दिया गया है, जिससे सड़कों से धूल न0 उड़े. दिल्ली में 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन पानी के छिड़काव में लगाई गई है. अब 21 घंटे तक पानी का छिड़काव किया जाएगा.

प्राइवेट निर्माण और विध्वंस कार्य पर रोक: उन्होंने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के निजी निर्माण कार्य और विध्वंस कार्य पर रोक लगा दी गई है. साथ ही बोरिंग करने के साथ मिट्टी की खुदाई और भराई पर भी रोक है. इसके अलावा प्राइवेट पाइपलाइन बिछाने, इलेक्ट्रिक लाइन बिछाने समेत अन्य काम पर रोक रहेगी. हां, घर के अंदर छोटे मरम्मत कार्य करवाए जा सकेंगे. सड़क निर्माण गतिविधियों पर रोक रहेगी और खुले में निर्माण सामग्री रखने कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री लाने ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा.

सरकारी परियोजनाओं को रहेगी छूट: पर्यावरण मंत्री ने कहा कि रेलवे की सरकारी परियोजनाओं को छूट रहेगी. साथ ही हवाई अड्डे बस टर्मिनल मेट्रो की परियोजनाओं, राष्ट्रीय सुरक्षा व राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं के निर्माण के लिए छूट रहेगी. अस्पताल के निर्माण पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा. और दिल्ली में सार्वजनिक महत्व की सरकारी परियोजनाओं को भी निर्माण कार्य में छूट रहेगी.

बीएस 3 व बीएस 4 वाहनों का दिल्ली में प्रवेश बंद: दिल्ली में वाहनों से निकलने वाले धुएं से सबसे अधिक प्रदूषण होता है. ऐसे में बीएस 3 की डीजल और बीएस 4 पेट्रोल वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट दी जाएगी. विभिन्न राज्यों से दिल्ली में आने वाल बीएस 3 और बीएस 4 की डीजल बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस 6 बसों को दिल्ली में प्रवेश दिया जाएगा. इसे लागू करने के लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की 84 टीमों और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की 280 टीमों को लगाया गया है. नियम का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

कृत्रिम वर्षा के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखेंगे पत्र: दिल्ली में प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से कृत्रिम वर्षा कराने की योजना बनाई गई थी. गोपाल राय ने कहा कि कृत्रिम वर्षा करने के लिए केंद्र सरकार की कई एजेंसियों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना होता है. इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पहले भी पत्र लिखा जा चुका है. जल्द ही दोबारा पत्र लिखकर एनओसी दिलाने की मांग की जाएगी, जिससे कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कृत्रिम वर्षा कराई जा सके.

लोगों से वर्क फ्रॉम होम व कारपूल की अपील: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, प्रदूषण के स्तर को देखते हुए लोगों से अपील की जा रही है कि यदि संभव है तो वह घर से ही काम (वर्क फ्रॉम होम) करें. साथ ही लोगों से निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन का प्रयोग करने या कारपूल (एक ही वाहन से कई लोगों का साथ यात्रा) करने की अपील की जा रही है.

कई जगह स्कूल पर बंद नहीं: नोएडा और गाजियाबाद में अभी स्कूलों को बंद करने के आदेश नहीं जारी किए गए हैं. यहां पर एहतियात के तौर पर आउटडोर एक्टिविटी बंद कर दी गई है. फिलहाल नोएडा और गाजियाबाद में दिल्ली की तरह हालत अभी बेकाबू नहीं हुए हैं. एक्यूआई की बात करें तो यहां पर कई इलाकों में एक्यूआई 300 के पार पहुंचा जरूर है. लेकिन, कई इलाके ऐसे हैं जहां पर अभी भी लोग राहत की सांस लेते दिखाई दे रहे हैं.

क्या है ग्रैप 3: ग्रैप 3 के नियम लागू होते ही सिर्फ अति आवश्यक जगह जिनमें, एयरपोर्ट, अस्पताल, एलिवेटेड रोड और एसटीपी प्लांट परियोजनाओं को छोड़कर सभी जगह पर निर्माण कार्य बंद कर दिया जाता है. दिल्ली की बात करें तो वहां पर एक्यूआई के 400 पर पहुंचने के बाद प्राइमरी से कक्षा पांच तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं और उन्हें ऑनलाइन मोड पर चलने के निर्देश दिए गए हैं.

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