नई दिल्ली : कंपनियों ने अक्टूबर में पूंजी बाजारों से 73,215 करोड़ रुपये जुटाए हैं. ऋण प्रतिभूतियों में निजी नियोजन के जरिये धन जुटाना कंपनियों के लिये अब भी सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. कंपनियों द्वारा यह राशि मुख्य रूप से कारोबार विस्तार की योजना, ऋण भुगतान और कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए जुटाई गई है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सोमवार को प्रकाशित मासिक बुलेटिन के अनुसार कंपनियों ने अक्टूबर में शेयर और ऋण या बांड प्रतिभूतियां जारी कर 73,215 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है. इससे पहले सितंबर में कंपनियों ने 75,232 करोड़ रुपये जुटाए थे.
इससे पहले अगस्त में कंपनियों ने 1.1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी.
अक्टूबर में जुटाई गई कुल 73,215 करोड़ रुपये की राशि में 62,331 करोड़ रुपये ऋण प्रतिभूतियों के निजी नियोजन से जुटाए गए. वहीं 4,144 करोड़ रुपये शेयरों के निजी नियोजन से जुटाए गए. इसमें पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और तरजीही आवंटन का मार्ग शामिल है.
कंपनियों ने क्यूआईपी से 2,200 करोड़ रुपये और शेयरों के तरजीही आवंटन से 1,944 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसकी तुलना में सितंबर में कंपनियों ने ऋण प्रतिभूतियों में निजी नियोजन से 64,389 करोड़ रुपये और शेयरों के निजी नियोजन से 9,022 करोड़ रुपये जुटाए थे.
पढ़ें: अंतरिक्ष परियोजना 'गगनयान' पर भी कोरोना की मार, हो सकती है देरी
जहां तक सार्वजनिक निर्गम के जरिये धन जुटाने की बात है, तो अक्टूबर में कंपनियों ने 5,825 करोड़ रुपये आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और 62 करोड़ रुपये आठ एसएमई की आरंभिक शेयर बिक्री और 554 करोड़ रुपये राइट्स इश्यू के जरिये जुटाए हैं.