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दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय दबाव कम करने के लिए सचिवों की समिति सुझाएगी उपाय

दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी व शुल्कों के निर्धारण के लिए उनके समायोजित सकल राजस्व की गणना को लेकर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद कंपनियों ने उन पर बढ़ते वित्तीय संकट की बात की है.

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Published : Oct 29, 2019, 4:35 PM IST

दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय दबाव कम करने के लिए सचिवों की समिति सुझाएगी उपाय

नई दिल्ली: सरकार दूरसंचार उद्योग पर बढ़ते वित्तीय दबाव को कम करने के उपाय सुझाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित कर रही है.

उच्चतम न्यायालय के दूरसंचार कंपनियों को 1.42 लाख करोड़ रुपये के पुराने वैधानिक बकायों का भुगतान करने का आदेश देने के कुछ दिन बाद ही सरकार ने यह कदम उठाया है.

दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी व शुल्कों के निर्धारण के लिए उनके समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की गणना को लेकर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद कंपनियों ने उन पर बढ़ते वित्तीय संकट की बात की है.

सरकार ने ताजा पहल करते हुए न्यायालय के 24 अक्टूबर के आदेश का कोई उल्लेख नहीं किया पर कहा है कि सचिवों की समिति कंपनियों की वित्तीय परिस्थितियों की समीक्षा करेगी और एक तय समयसीमा में इसे कम करने के उपाय सुझाएगी.

ये भी पढ़ें- दिवाली के बाद शेयर बाजार में जबर्दस्त तेजी, सेंसेक्स 580 अंक उपर

समिति से कहा गया है कि वह दूरसंचार कंपनियों के स्पेक्ट्रम भुगतान को कुछ समय के लिए टालने के साथ-साथ दूरसंचार कंपनियों के लिए सार्वभौमिक सेवा कोष में योगदान की प्रतिबद्धता के नियम पर भी पुनर्विचार करें.

समिति में वित्त सचिव, दूरसंचार सचिव और विधि सचिव समेत अन्य मंत्रालयों के सचिव शामिल किए जाएंगे. सूत्रों ने कहा कि समिति की बैठक जल्द होने की उम्मीद है और वह समयबद्ध तरीके से अपनी सिफारिशें सौंप सकती है.

नई दिल्ली: सरकार दूरसंचार उद्योग पर बढ़ते वित्तीय दबाव को कम करने के उपाय सुझाने के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित कर रही है.

उच्चतम न्यायालय के दूरसंचार कंपनियों को 1.42 लाख करोड़ रुपये के पुराने वैधानिक बकायों का भुगतान करने का आदेश देने के कुछ दिन बाद ही सरकार ने यह कदम उठाया है.

दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी व शुल्कों के निर्धारण के लिए उनके समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की गणना को लेकर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद कंपनियों ने उन पर बढ़ते वित्तीय संकट की बात की है.

सरकार ने ताजा पहल करते हुए न्यायालय के 24 अक्टूबर के आदेश का कोई उल्लेख नहीं किया पर कहा है कि सचिवों की समिति कंपनियों की वित्तीय परिस्थितियों की समीक्षा करेगी और एक तय समयसीमा में इसे कम करने के उपाय सुझाएगी.

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समिति से कहा गया है कि वह दूरसंचार कंपनियों के स्पेक्ट्रम भुगतान को कुछ समय के लिए टालने के साथ-साथ दूरसंचार कंपनियों के लिए सार्वभौमिक सेवा कोष में योगदान की प्रतिबद्धता के नियम पर भी पुनर्विचार करें.

समिति में वित्त सचिव, दूरसंचार सचिव और विधि सचिव समेत अन्य मंत्रालयों के सचिव शामिल किए जाएंगे. सूत्रों ने कहा कि समिति की बैठक जल्द होने की उम्मीद है और वह समयबद्ध तरीके से अपनी सिफारिशें सौंप सकती है.

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