नई दिल्ली: देश के विभिन्न भागों में तैयार फसल न उठ पाने के कारण किसानों को हो रहे नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र ने बुधवार को उद्योग जगत से कृषि उपजों की खरीद के लिए आगे आने की अपील की. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उद्योग चैंबर फिक्की के सदस्यों के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया.
सरकार चाहती है कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच, किसानों की बर्बादी को कम करने के लिए खास कर जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों (सब्जियों और फल आदि) की खरीद के लिए उद्योग जगत आगे आए. यह बैठक, लॉकडाउन के बाद के परिदृश्य के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की जरुरतों को समझने के लिए किया गया था.
बयान में कहा गया, "बादल ने देश के विभिन्न हिस्सों में काटी जा चुकी फसलों और जल्दी खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के नष्ट होने की बड़ी चिंता की ओर इंगित किया. इस बैठक के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने सभी सदस्यों से इन कटे हुए गेहूं, धान, फलों और सब्जियों और अन्य बर्बादी की संभावना वाले खाद्य उत्पादों की खरीद के लिए आगे आने का अनुरोध किया, ताकि बर्बादी को कम से कम किया जा सके और किसानों को लाभान्वित किया जा सके."
इस चर्चा में कई अन्य लोगों के अलावा फिक्की के महासचिव दिलीप चेनॉय, फिक्की खाद्य प्रसंस्करण समिति के अध्यक्ष और आईटीसी फूड्स डिविजन के सीईओ, हेमंत मलिक, अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी, कोका कोला इंडिया के अध्यक्ष टी कृष्णकुमार, कारगिल इंडिया के अध्यक्ष साइमन जार्ज, केलॉग इंडिया के प्रबंध निदेशक मोहित आनंद, मोंडेलेज इंटरनेशनएल के भारत के अध्यक्ष, दीपक अय्यर, एमटीआर फूड्स के सीईओ संजय शर्मा और ज़ाइडस वेलनेस के सीईओ तरुण अरोड़ा उपस्थित थे.
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खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव पुष्पा सुब्रह्मण्यम ने कंपनियों को सलाह दी कि वे अपनी विशिष्ट शिकायतें शिकायत को प्रकोष्ठ को भेजें.
(पीटीआई-भाषा)