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सीबीआई ने 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में गुजरात में की छापेमारी

सीबीआई ने गुजरात में सूरत और नवसारी के पांच स्थानों पर तलाशी ली, जिसके बाद सूर्या एक्जिम लिमिटेड और उसके निदेशकों को 2017-19 के दौरान 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

सीबीआई ने 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में गुजरात में की छापेमारी
सीबीआई ने 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में गुजरात में की छापेमारी
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Published : Dec 24, 2020, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: सीबीआई ने गुजरात में सूरत और नवसारी के पांच स्थानों पर तलाशी ली, जिसके बाद सूर्या एक्जिम लिमिटेड और उसके निदेशकों को 2017-19 के दौरान 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

एजेंसी ने कैनरा बैंक की एक शिकायत पर कंपनी और उसके निदेशकों को बुक किया है जो चार बैंकों के कंसोर्टियम में प्रमुख बैंक हैं.

मामले में यह आरोप लगाया गया कि 2017 से 2019 की अवधि के दौरान आरोपियों ने धनराशि के जालसाजी और डायवर्सन के माध्यम से कैनरा बैंक सहित बैंकों के एक कंसोर्टियम के साथ 121.05 करोड़ रुपये (लगभग) की धोखाधड़ी की.

कथित तौर पर कंपनी क्रेडिट सुविधाओं का आनंद ले रही थी. कंपनी ने कंसोर्टियम के सदस्य बैंकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना निजी बैंकों में खातों को बनाए रखा और बैंकों के धन को निकालने के लिए कपटपूर्ण व्यवहार किया.

बाद में यह खाता एनपीए बन गया, जिससे कंसोर्टियम को 121.05 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित नुकसान हुआ.

गुजरात के सूरत और नवसारी में अभियुक्तों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों सहित 05 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है, जहां असंगत दस्तावेजों / लेखों की बरामदगी हुई. मामले की जांच जारी है.

ये भी पढ़ें: क्या निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर पाएंगे नए विद्युत नियम?

नई दिल्ली: सीबीआई ने गुजरात में सूरत और नवसारी के पांच स्थानों पर तलाशी ली, जिसके बाद सूर्या एक्जिम लिमिटेड और उसके निदेशकों को 2017-19 के दौरान 121 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

एजेंसी ने कैनरा बैंक की एक शिकायत पर कंपनी और उसके निदेशकों को बुक किया है जो चार बैंकों के कंसोर्टियम में प्रमुख बैंक हैं.

मामले में यह आरोप लगाया गया कि 2017 से 2019 की अवधि के दौरान आरोपियों ने धनराशि के जालसाजी और डायवर्सन के माध्यम से कैनरा बैंक सहित बैंकों के एक कंसोर्टियम के साथ 121.05 करोड़ रुपये (लगभग) की धोखाधड़ी की.

कथित तौर पर कंपनी क्रेडिट सुविधाओं का आनंद ले रही थी. कंपनी ने कंसोर्टियम के सदस्य बैंकों से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना निजी बैंकों में खातों को बनाए रखा और बैंकों के धन को निकालने के लिए कपटपूर्ण व्यवहार किया.

बाद में यह खाता एनपीए बन गया, जिससे कंसोर्टियम को 121.05 करोड़ रुपये (लगभग) का कथित नुकसान हुआ.

गुजरात के सूरत और नवसारी में अभियुक्तों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों सहित 05 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है, जहां असंगत दस्तावेजों / लेखों की बरामदगी हुई. मामले की जांच जारी है.

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