ETV Bharat / business

भारत-चीन तनाव: कारोबारी संघ की मांग, ई-कामर्स कंपनियां बताएं किस देश में बना है सामान

खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट ने इसे लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि वे प्रत्येक ई-वाणिज्य कंपनियों को अपने मंचों पर बिक रहे सभी सामानों के साथ संबंधित देश की जानकारी अनिवार्य तौर पर मुहैया कराने का निर्देश दें.

author img

By

Published : Jun 22, 2020, 3:46 PM IST

भारत-चीन तनाव: कारोबारी संघ की मांग, ई-कामर्स कंपनियां बताएं किस देश में बना है सामान
भारत-चीन तनाव: कारोबारी संघ की मांग, ई-कामर्स कंपनियां बताएं किस देश में बना है सामान

नई दिल्ली: खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ऑनलाइन पोर्टलों के जरिये बिकने वाले सभी सामानों के साथ यह जानकारी दिये जाने की मांग की है कि उक्त उत्पाद किस देश में तैयार हुआ है.

कैट ने इसे लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि वे प्रत्येक ई-वाणिज्य कंपनियों को अपने मंचों पर बिक रहे सभी सामानों के साथ संबंधित देश की जानकारी अनिवार्य तौर पर मुहैया कराने का निर्देश दें.

ये भी पढ़ें- फिच रेटिंग ने स्टेट बैंक सहित भारत के नौ बैंकों के परिदृश्य को नकारात्मक किया

कैट ने कहा कि अधिकांश ई-वाणिज्य पोर्टल चीन में बने सामान बेच रहे हैं, जिसके बारे में उपभोक्ता अनजान है. उल्लेखनीय है कि चीन के साथ सीमा तनाव को लेकर सैन्य झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश में चीन के सामानों का बहिष्कार करने की मुहिमें चल रही हैं.

कैट ने भी चीन के सामानों के बहिष्कार के लिये एक अभियान शुरू किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, "मैंने उनसे (गोयल से) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के प्रेस नोट नंबर 2 में संशोधन करने के लिये कहा है. यह प्रेस नोट एफडीआई समर्थित ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये और भारतीय ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये एक सामान्य नियम का निर्धारण करना निर्दिष्ट करता है."

उन्होंने कहा, "हमने अन्य देशों से आयात के साथ-साथ स्वदेशी निर्माताओं के लिये सभी मामलों में उत्पादों के निर्माण से संबंधित देश की जानकारी दिये जाने की मांग की है. हर उत्पाद का मूल देश उसके साथ बताया जाना चाहिये."

कैट ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चीन के सामानों के बहिष्कार के अभियान का नेतृत्व करने का आग्रह किया है. उसने राजनीतिक दलों से भी इस अभियान के पक्ष में अपील जारी करने का आग्रह किया है. कैट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी कहा है कि वह वीवो के प्रायोजन और किसी अन्य चीनी कंपनी के प्रायोजन को रद्द कर दे. संगठन ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से भी ऐसा करने की अपील की है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: खुदरा व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ऑनलाइन पोर्टलों के जरिये बिकने वाले सभी सामानों के साथ यह जानकारी दिये जाने की मांग की है कि उक्त उत्पाद किस देश में तैयार हुआ है.

कैट ने इसे लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया है कि वे प्रत्येक ई-वाणिज्य कंपनियों को अपने मंचों पर बिक रहे सभी सामानों के साथ संबंधित देश की जानकारी अनिवार्य तौर पर मुहैया कराने का निर्देश दें.

ये भी पढ़ें- फिच रेटिंग ने स्टेट बैंक सहित भारत के नौ बैंकों के परिदृश्य को नकारात्मक किया

कैट ने कहा कि अधिकांश ई-वाणिज्य पोर्टल चीन में बने सामान बेच रहे हैं, जिसके बारे में उपभोक्ता अनजान है. उल्लेखनीय है कि चीन के साथ सीमा तनाव को लेकर सैन्य झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देश में चीन के सामानों का बहिष्कार करने की मुहिमें चल रही हैं.

कैट ने भी चीन के सामानों के बहिष्कार के लिये एक अभियान शुरू किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, "मैंने उनसे (गोयल से) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के प्रेस नोट नंबर 2 में संशोधन करने के लिये कहा है. यह प्रेस नोट एफडीआई समर्थित ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये और भारतीय ई-वाणिज्य कंपनियों के लिये एक सामान्य नियम का निर्धारण करना निर्दिष्ट करता है."

उन्होंने कहा, "हमने अन्य देशों से आयात के साथ-साथ स्वदेशी निर्माताओं के लिये सभी मामलों में उत्पादों के निर्माण से संबंधित देश की जानकारी दिये जाने की मांग की है. हर उत्पाद का मूल देश उसके साथ बताया जाना चाहिये."

कैट ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर चीन के सामानों के बहिष्कार के अभियान का नेतृत्व करने का आग्रह किया है. उसने राजनीतिक दलों से भी इस अभियान के पक्ष में अपील जारी करने का आग्रह किया है. कैट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी कहा है कि वह वीवो के प्रायोजन और किसी अन्य चीनी कंपनी के प्रायोजन को रद्द कर दे. संगठन ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से भी ऐसा करने की अपील की है.

(पीटीआई-भाषा)

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.